भारत के 5 जादुई मंदिर जहाँ रोज होते है। चमत्कार दोस्तो चमत्कारों से भारत का पुराना नाता है। हमारे इतिहास हर युग मे चमत्कार की कहानियों से भरा पड़ा है। चाहे तेता युग के नायक मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का बात करले। या द्वापर में गीता का उपदेश देने वाले श्री कृष्ण को लेले चाहे। दुनिया को शांति का संदेश देने वाले बुद्ध को देख ले। या फिर श्रद्धा और सबूरी संदेश देने वाले फ़क़ीर साई बाबा को लेले।
आप जिधर भी नजर घुमाएंगे। आपको चमत्कार ही चमत्कार दिखेंगे। तभी तो हमारे धार्मिक मंदिरों में करोड़ों लोगों की गहरी आस्ता है। क्योकि लोग मानते है। की मंदिर भी चमत्कारी सक्तियो से भरी है। तो दोस्तो आज आपको भारत के 5 ऐसे जादुई मंदिरों के बारे में बतायेंगे। जहाँ रोज चमत्कार होते है।
यकीन मानिए तो आप होने वाले चमत्कारों से झुठला नही सकते है। चाहे मंदिरों में आपके आस्ता हो। या फिर नही हो।
Image of पद्मनाभस्वामी मंदिर । पद्मनाभस्वामी मंदिर पूरी जानकारी
वैसे तो भारत मे जादुई मंदिरों कोई कमी नही है। आपको हर सहर में हर गांव में किसी ना किसी मंदिर का चमत्कारी होने का दावा करते लोग मिल ही जायेंगे। लेकिन उन मंदिरों की कहानी कितनी सच्चाई है। ये प्रमाण देने वाला सायद कोई नही मिलेगा। लेकिन केरल के पद्म शवामी मंदिर के बारे में आज कोंन नही जानता है।
याद ही होगा आपको की हाल के वर्षों में इस मंदिर के दुनिया भर में कितनी चर्चा है। 2011 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 5 लोगो की कमेटी ने पद्म सवामी मंदिर की नीचे बने 6 प्राचीन काल के दरवाजे में 5 जो सदियों से बंद थे। जिनके पीछे छिपा राज्य अब दुनिया के सामने आने वाला था।
जानते है। दोस्तो मंदिर के तय खानों से क्या मिला करीब 1.5 लाख करोड़ का खजाना जी हाँ 1.5 लाख करोड़ का खजाना जिसमे best कीमती हीरे जवाहरात सोने चांदी का सोने की मूर्तियां ओर ढेर जवाहरात सामिल थे।
अरबो के इस खजाने के बारे में जानकर देश ही दुनिया भर के लोगो की हैरानी का ठिकाना ना रहा । हालकि काफी कोशिको की बाद मंदिर के 6 दरवाजा खोला नही जा सका । देश के सबसे अमीर मंदिर के निर्माण हुआ था। जिसका ठीक - ठीक जानकारी किसी को नही लेकिन इतिहास मानते है। कि इस मंदिर का निर्माण 5000 हजार साल पहले हुआ था।
करवा सास्त्र से जुड़े विधमानो का माने तो जब इंशनी सभयता कलयुग में पहुँची थी। तब इस मंदिर को बनवाया गया था। लेकिन एक मान्यता के मुताबिक ऐसी अस्थानो से सबसे पहले भगवान विष्णु की मूर्ति मिली थी। इसलिए यहाँ उनके ही स्वरूप पूजा के लिए भव मंदिर बनाया गया ।
हालकि मंदिर के संरचना को देख कर कहा जाता है। इसकी आस्थापना 16 वी सताब्दी में त्रंण कोर के राजाओ ने की थी। 1750 में महाराज मनकाण्ड ने अपनी सारी संपत्ति मंदिर को दान कर दी थी। जिसके बाद से त्रंण कोर शाहिद परिवार से जुड़ा ट्रस्ट ही मंदिर के देख रेख कर था।
अब मंदिर के 6 ढह खाने के बारे में भी बता देते है। लेकिन उससे पहले आप का ये जानना जरूरी है। कि जिस T, V सुंदर राजन की याचिका पर मंदिर के दाह खाने खोले गए थे। दरवाजे खुलने के 3 हप्तों के भीतर ही वो पहले बीमार पड़े। और फिर हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गयी।
इसके बाद मंदिर के भक्तों के एक संस्था है। खुले तौर पर चेतावनी दी अगर किसि ने आखिरी तय खाने के दरवाजे के खोलने की कोशिश की तो उसका अंजाम बहुत बुरा हो सकता है। उसके बाद तरवां को राजवंश से जुड़े लोगों ने ज्योतिष के साथ मंथ किया और फिर ज्योतिष ने जो कहा वो ओर भी हैरान करने वाले थे।
ज्योतिष के मुताबिक आखिरी तय खाने के दरवाजे को खोला गया तो ना सिर्फ केरल बल्कि पूरी दुनिया मे तबाही आ जायेगी। इससे पहले ये भी कहा गया था। कि आखिरी तय खाने के भीतर बाकी 5 तय खानों में से रखे खजानों से भी कई बड़ा गुना खजाना महजूद है।
हालकि सुप्रीम कोर्ट ने भी आखिरी तय खनो को खोलने पर रोक लगा दी थी। और इसका राज अभी राज ही बना हुआ है। वैसे आप ये भी जान लीजिए कि Reasearch अंग के अनुसार ये आखिरी तय खाने में 3 दरवाजे है। पहले लोहे की छड़ की बनी हुई है।
2 मजबूत लड़की की ओर 3 भारी भरकम लोहे आए बानी हुयी है। दरवाजे पर नागों की आकृतियां बानी हुई है। जो ये दर्शाती है। कि दरवाजा खोलना खतरे से खाली नही है। आज जानकर हैरान हो जायेगे। की आखिर तय खाने के दरवाजे पर ना तो को ताला है। ना ही कोई कुंडी फिर भी इससे कोई खोल नही पाया amrica के एक university के hindi study propcener टीएमक सिंघाना कहते है।
की ये दरवाजा को अस्त नाग बंधन मंत्र से बांध दिया गया था। अब आप खुद तय करिए कि चमत्कार है या नही
जगरनाथ मंदिर उडीसा पूरी जानकारी
दोस्तो पहले के समय मे मंदिर को बनाते वक्त वस्तु ओर खोगोल से खयाल रखा जाता था। ज्यादातर समय में तो राजा महाराजा ने खजानों को मंदिर में ही छिपा दिया करते थे। वही कई मंदिर में तो खजनों के ऊपर ही बनते थे। और खजनों तक पहुचने के लिए गुफ्त रास्तो का भी निर्माण किया जाता था। कुछ ऐसे ही चमत्कार से भरा हुआ है।
उड़िया का जगरनाथ मंदिर ये मंदिर आस्था के साथ - साथ निरहाय को भी खूब चर्चित है। इस मंदिर के ऊपर फहराता हुआ ध्वज हमेशा ही हवा के उल्टी दिशा में ही उड़ता है। इसके अलावा मंदिर के ऊपर लगे। सुदर्शन चक्र को कही से भी देखेंगे। तो लगेगा मानव सुदर्शन चक्र आपके तरफ ही है।
मंदिर के ऊपर अब तक कोई पंक्षी उड़ता हुआ नही देखा गया। और तो ओर इस मंदिर के मुख्य गुफ्त बिछाया हमेशा अदृश्य रहती है। मंदिर 4 लाख वर्ग छेत्र में फैला है। और इसके ऊँचाई 214 फुट है।
दुनिया का सबसे बड़ा रशोई घर भी इसी मंदिर में है। रोज भक्त 20 लाख इस मंदिर में खाना खाते है। पूरी के इस विशाल मंदिर में भगवान जाग्रन्थ बलराम ओर देवी सुमित्रा की प्रतिमा है। जून जुलाई में ईन भगवानों की विशाल रथ यात्रा निकाली जाती है। इस रथ को खींचने के लिए या सिर्फ रथ को चुने भर के लिए पूरी दुनिया से श्रद्धालु यहां आते है।
लोगो की मान्यता है। इस इस रथ को खींचने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस मंदिर की अस्थापना 7 वी सदी में गंग वष के राजा अन्त वर्धरन झूँगान्ध ने करवाया था। कहते है। ना चमत्कार की अलग - अलग रूप होते है। तो इस मंदिर में भी चमत्कार की कई रूप मिलते है।
कामाख्या देवी मंदिर आसाम
कामाख्या मंदिर आसाम है। खामखाया मंदिर को आलोक सकती और तन सीधी के लिए जाना जाता है। कहाँ जाता है। कि इस जगह पर माता सती का योनि भाग गिरा था। इसलिए इस मंदिर में माता की योनि की पूजा किया जाता है। कामख्या मंदिर को सभी निर्माणों का केंद्र माना जाता है। क्योकि महिला योनि ही जीवन का प्रवेष द्वार है। सामाजिक मान्यताओं के मुताबिक महिलाओं के मासिक धर्म के वक्त वासुद माना जाता है।
लेकिन खामखाया मंदिर में माता के मासिक धर्म के समय को सबसे सक्ति शाली माना गया है। यहाँ हर साल ब्रह्मपुत्र का पानी 3 दिन के लिए लाल हो जाता है। ये समय माता के मासिक धर्म का माना जाता है। इस मंदिर में प्रशाद के रूप में लाल कपड़ा दिया जाता है।
माता के मासिक धर्म से पहले मंदिर में सफेद कपड़े रखा जाता है। और जब 3 दिन बाद मंदिर का द्वार खोला जाता है। तो ये सफेद कपड़े लाल हुया मिलता है।
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शनि मंदिर जो हमारे सीरीज में 4थे नंबर पर है। ये मंदिर सिगनापुर में बना हुआ है। ये जगह महराष्ट्र में है। शनि मंदिर में काले रंग का एक पत्थर है। इस पत्थर को ही शनि भगवान के रूप में पूजा जाता है। ये पत्थर 5 fit 9 inch उछा है। ओर 1 fit चौड़ा है। पत्थर पर तेल चढ़ाने की परंपरा है।
सिवनापुर गाँव मे किसी के घर मे ना तो दरवाजा है। और नही किसी के घर मे कुंडी है। ना ताला है। इन सब के बावजूद यहाँ पर कभी भी चोरी नही होती इस गाँव मे uco bank की एक शाखा भी है। जहाँ कोई दरवाजा नही है। यही दुनिया के एकलौता दरवाजे वाले bank है। तो दोस्तो आप ये ही बताये की ये चमत्कार नही है। तो क्या है।
हिमाचल प्रदेश में जवालामुखी मंदिर
5 वे मंदिर है जवालामुखी मंदिर हिमाचल प्रदेश में मोहजूद ये मंदिर 51 शक्ति पीठो में प्रमुख हैं। मान्यता है। इस मंदिर की खोज पांडवों ने की थी। इस मंदिर में माता के दर्शन ज्योति के रूप में होते है। माना जाता है। कि इस जगह पर माता सती की जीव गिरी थी। यहाँ पृथ्वी से निकलने वाली 9 जवालो की पूजा होती है। ये 9 जवालाये 9 जगह से निकलती है। इन जवालो के ऊपर ही मंदिर का निर्माण किया गया है।
जवालामुखी मंदिर निकल रही जवालो का रहस्य आज तक कोई वैज्ञानिक भी नहीं जान पाया। अकबर ने भी इन जवालाओ के बारे में जानने की कोशिश की थी। बल्कि उन्हें बुझाने के लिए कई मीटर कई किलोमीटर लंबी मेहर भी खुदवाई थी। लेकिन इन सब के बावजूद ज्वालाओं की जमीन पर जरा सा असर नही पड़ा।
ओर आखिर कार अकबर को भी ये मनना पड़ा कि माता का चमत्कार ही है। ये ज्वाला देवी की जवालाये कभी संत नही होता ।
तो दोस्तो इन एहस्य मय मंदिरों से जुड़ी ये जानकारी आपको कैसी लगी comment करके जरूर बताये साथ ही बेहद रोमांचक और हैरान कर देने वाले पोस्ट को लगातार पढ़ने के लिए हमारे blogg को subacribe जरूर करे।
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