Monday, December 11, 2023

प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए । how to sleep during pregnancy । गर्भवती महिलाओं को क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए?



दोस्तो एक बार फिर से स्वागत है आपका Verma News में । दोस्तो आज में आपको बताने वाला हूं। कि प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए । प्रेग्नेंसी में कैसे रहना चाहिए । इसके अलावा प्रेग्नेंसी से पूरी जानकारी और डिलीवरी के पूरी जानकारी आपको में इस blogg में बताने वाले है। 

प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए । how to sleep during pregnancy । गर्भवती महिलाओं को क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए?

Hello दोस्तो आपका स्वागत करता हूं। हमारे इस वेबसाइट में आज की इस पोस्ट में हम जानेगे । की महिलाओं को प्रेग्नेंसी में किस पॉसिजन में नही सोना चाहिए। ओर प्रेग्नेंसी में सही नींद लेना क्यो जरूरी होता है। क्योकि कुछ महिलाओ को पेट का तरफ सोना अछा लगता है। 


लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान हो सकता है। कि उन्हें इस पॉसिजन मे comsiftible fill ना हो। Baby bom निकलने के कारण पेट के बल सोना और मुश्किल हो जाता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के समय मे पेट के बल सोना गलत हो सकता है। 


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Pregnancy के महीने आगे बढ़ने पर आपका Intrest भी बढ़ता है। और भारीपन भी fill होने लगता है। जिससे परेंगेंट महिला को सोने में भी problam आती है। इसलिए जब आपको पेट के बल सोने में दिक्कत होने Start हो जाये। तब आप इस पॉसिजन मे सोना बंद कर दे।

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ओर आप वैसे प्रेग्नेंसी के 16वी से 18वी सप्तह तक पेट के बल सो सकते है। इसके बाद आपको पेट के बल सोना में परेशानी हो सकती है। कुछ महिलाओं के पेट बढ़ने के कारण पेट के बल भी सोना मुश्किल हो जाता है। क्योकि पेट के बल सोने से उन्हें पिट में दर्द , सांस लेने में प्रॉब्लम ओर उनका डायबिटीज कमजोर हो जाता है। 

प्रेग्नेंसी के बारे में पूरी जानकारी


प्रेग्नेंसी में पेट के बल सोने के नुकशान 

तो दोस्तो अब हम ये जानते है। की आखिर पेट के बल सोने के नुकसान क्या होते है। तो पेट के बीच के हिस्से में अधिक वजन पढ़ने के कारण रीड की हड्डी में खिंचाव आ सकता है। जिससे आपको पेट में दर्द हो सकता है। इसके अलावा ऐसे breast पर भी अधिक प्रेशर पड़ता है। जिसके कारण Breast में दर्द fill होने लगता है। 


ओर पेट के बल सोने से आपके बच्चे को खतरा रहता है। लेकिन बहुत सी ऐसे महिलाओं होते है। जिन्हें प्रेग्नेंसी में अपने स्लीपिंग पॉसिजन change करने के वजह से नींद भी कम आती है। आ फिर बिल्कुल भी नहीं आती है। क्योकि प्रेग्नेंसी के दौरान सोना सबसे जरूरी होता है। 

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इसके लिए आपको दिनभर में खूब पानी पीना चाहिए । और रात को सोने से पहले ज्यादा पानी ना पिये । वरना आपको बार बार toilet के लिए जाना पड़ सकता है। इसके अलावा योग धीमी exsersize कर सकते है। जिससे आपको पेट के दर्द कम हो सकता है। 

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जिससे आपको बार बार नींद नही टूटेगी । इसके अलावा आप अच्छे नींद के लिए प्रेग्नेंसी फ्लो ओर सपोर्ट qutions का भी इस्तेमाल कर सकते है। जिससे नींद आने में आसानी होती है। 


प्रेग्नेंसी में क्या नही खाना चाहिए 

ओर आप प्रेगनेंसी में मसालेदार ओर तली हुई चीज को बिल्कुल भी ना खाएं क्योकि इसकी वजह से सीने में जलन और सोने में भी प्रॉब्लम हो सकती है। रात को सोने से पहले गुण गुने पानी से नहाए । ये आपकी बॉडी को आराम देता है। और आपको इसके वजह से अच्छे नींद आती है। 


प्रेग्नेंसी में किस तरफ सोना चाहिए  

इसके अलावा आप प्रेग्नेंसी में करवट लेकर बाई तरफ सोना शुरू कर दे। इस पॉसिजन को प्रेग्नेंसी की best सिलिप पॉसिजन मानी जाती है। क्योकि इससे आपको डायसिजन सिस्टम ओर साथ ही साथ बच्चों का विकाश अच्छे ढंग से होता है। इसलिए आपको left hand करवट करके सोना चाहिए । 


इसके अलावा गर्व में पल रहे baby को प्राप्त पोशाक तत्व ओर ऑक्सीजन की जरूरत होती है। अगर परेंगेंट महिला पूरी तरीके से नींद नही ले पाती है। तो पिलीसिंत तक ठीक से ब्लड की सफ्लाई नही पहुच पाती है। इसका सीधा असर भ्रूण के विकाश पर पड़ता है। भ्रूण की हृदय गति कम हो सकती है। 


ओर उसे खून की कमी भी हो सकती है। यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है। कि जब परेंगेंट महिलाओं सो रही होती है। तो उस दौरान भ्रूण तक ब्लड ओर ऑक्सीजन का फ्लो तेज speed से होता है। साथ ही कम नींद लेने से शरीर मे हॉर्मोन नही बन पाते है। जिससे baby को नुकसान पहुच सकता है। 


इसके अलावा रात में ठीक तरह से नींद लेंस की समस्या को आप दिन में सोकर कुछ हद तक कम कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने सुबिधा के अनुसार सिजुयोस तैयार कर ले। आप या तो दिन में 2 बार 2 घंटे के लिए सो जाएं। या फिर आधे - आधे घंटे के नींद भी ले सकते है। 


Pregnancy ka dusra mahina kesa hota hai ? 

दोस्तो प्रेग्नेंसी के दूसरा महीना माँ के शरीर मे बहुत से बदलाओ को लाता है। साथ मे बच्चे का भी विकाश हो रहा होता है। उसके बढ़ते आकर के हिसाब से आपके शरीर मे भी जरूरी बदलाव हो रहे होते है। प्रेग्नेंसी के दूसरा महीना यानी पहले तिमाही के लगभव बीचों - बीच मे परेंगेंट महिलाओं को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 


जैसे कि आपको कुछ समय मॉर्निंग वॉक की शिकयत रहता है। ये समय आपके लिए मुश्किल होता है। लेकिन लगभव सभी प्रेग्नेंट महिलाओं को इससे गुजरना पड़ता है। हैरानी की बात तो ये है। कि कुछ महिलाओं को पूरी प्रेगनेंसी में ही जीव मचलाने की समस्या बिल्कुल नही होती है। 


लेकिन अगर आप इसे परेशान हैं। तो समझ लीजिए । ओर कोशिश कीजिये कि ऐसा क्यो होता है। सायद तब इसे समझने में आपको help मिले । तो सुबह उठते ही जीव मचलाने की बड़ी वजह होती है। कि आपके पेट खाली होता है।


प्रेग्नेंसी में कोंन से फल खाना चाहिए 

इसलिए सुबह उठते ही कोशिश करे। कि विटामिन C वाले का फल खाले । जैसे कि संतरा इससे आपको जिह मचलाने पर रोक लगेगी । कोशिश करे कि सुबह निम्बू पानी पिये , नारियल पानी पिये , कभी कभी आर्यन के गोली खाने के बाद भी एकदम से जिह मचलता है। इसका उपाय ये है। कि iran की गोली को एक गिलास में निम्बू पानी के साथ घोल दे। विटामिन C iron को शरीर में आसानी से पहुचने देता है। 


प्रेग्नेंसी में बार - बार toilts जाने का मतलब 

इसके अलावा दूसरे महीने में आप को बार - बार toilts के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है। क्योकि आपके पेर्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन तेजी से बढ़ गया होता है। आप इसमे कुछ खाश नही कर सकते है। बस आप सावधानी बरतें सकते हैं। 


की आप पानी टाइम तो टाइम पीते रहे । ताकि D Hirde आपके body में ना हो जाये। इसके अलावा यूरिन को आप रोके नही वरना आप को उरीरिन इंफेक्शन होने के चान्सेस बढ़ जाएगा । 


इसके अलावा दूसरे महीने में आपको Breast में दर्द हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है। क्योकि हॉर्मोन की उत्तार चढ़ाव से आपकी Breast Extra Sentofic हो जाता है। और यही वो समय होता है। जो कब्ज की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। 


प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या क्यो होती है । 

इसकी कई वजह होता है। पहली तो है। पुजरास्त्रो के हॉर्मोन को ओर दूसरी वजह है। iron की गोली । तीसरी वजह है। शरीर में पानी की कमी । इससे निपटने का तरीका है ज्यादा से ज्यादा लिकुड food ले। ऐसे में नारियल पानी काफी फायदेमंद होता है। ये कब्ज से भी छुटकारा दिलाता है। 


इसके अलावा फल सब्जियां सलाद ये ज्यादा से ज्यादा खाये । मसालेदार चीजे कम खाए । तो दोस्तो अभी तक हमने जाना की दूसरी महीने के प्रेग्नेंसी में हमारे body के साथ क्या - क्या होता है । 


पेट मे दूसरा महीने में बच्चे केसे होता है 

अब हम बात करते है। कि प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने के दौरान आपके बच्चे का विकाश कैसा हो रहा होता है । तो इस समय आपके बच्चे का सबसे पहले दिल बनता है। उसके बाद लिबर आकार लेता है। दूसरे महीने के अंत तक बच्चे के सभी अंग सभी जगह पर होती है। 


लेकिन वे इस समय पूरे तरीके से काम नही करते है। इसके अलावा इस महीने के अंत तक आपके बच्चों के हाथ और पेर बनने लगते है। जिससे आधे से ज्यादा बच्चे के हाथ पेर बनेंगे । उसके आंखे बनाना start हो जाती है। जिसमे पलके भी आ जाते है। 


जो इस समय बंद होती है। आपके बच्चे का वजन इस दौरान लगभव 14ग्राम का होता है। और वो एक 10kb आकार का होता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में कुछ भी ऐसा ना करे। जिससे आपके बच्चे को नुकसान पहुच सके। 


प्रेग्नेंसी के तीसरा महीना जरूर सलाह ओर सावधानियां 

प्रेग्नेंसी के शुरुआती 3 महीने में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। क्योकि इन्ही 3 महीने में मिस्क्रेज का खतरा सबसे ज्यादा होता है। लेकिन महिलाएं कई बार तीसरी महीने तक आते - आते लापरवाही होने शुरू हो जाती है। क्योकि प्रेगनेंसी के शुरुवाती 2 महीने निकाल लिया होता है। 


तो अब में आपको ये बतायेंगे की प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में आपके अंदर क्या - क्या बदलाव आते होंगे । आपको कोंन - कोंन से दिक्कत का सामना करना पड़ेगा । बच्चे का विकाश कितना हो चुका होगा और आपको कोंन - कोंन सी सावधानियां बढ़ती जा जाएगी। 


प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में बच्चे का विकाश 

वैसे प्रेग्नेंसी के तीसरा महीने में महिला के शरीर के अंदर ऐसे कोई बदलाव नहीं आते जो कि बाहर से देखे जा सके। लेकिन ऐसे कई बदलाव होते है। जो कि अंदरूनी होती है। जिससे की प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीने में बहुत ज्यादा दिल को blad को पम्प करता है। 


ताकि blad आपके गर्व वस्य तक पहुच सके। जिसके वजह से आपके पेट , जांघ वेगेरा आपको ब्लो line पर दिखाई दे सकती है। जिसे हम वीनस बोलते है। जिसके वजह से आपके चेहरे में अलग चमक आ जाती है। कई लोग ऐसे प्रेग्नेंसी के ग्लो बोलते है। लेकिन इसका कारण ज्यादा ब्लड का पंप होना होता है। चलिये अब बात करते है। 


प्रेग्नेंसी के तीसरे में महीने में होने वाला परेशानियों 

की इस समय आपको कोंन - कोंन से दिक्कत का सामना करना पड़ेगा । सबसे बड़ी परेशानी है। चिड़चिड़ापन क्योकि आपके खाने का Test बिल्कुल बदल जाता है। आपके शरीर मे दर्द रहता है। बार - बार आपको toilts जाने की इच्छा होती है। कंसिफ्टिबले होता है। 


तो ऐसे के आप का चिड़चिड़ापन हो जाना सोभाविक है। लेकिन कोशिश करे। कि आप सांत रहे ये परेशानी अभी बहुत जल्दी दूर हो जाएगी। बहुत ही जल्द आप के शरीर को प्रेग्नेंसी के आदत हो जाएगी। और आपका शरीर इस तरह से इएल्ट्स करना बंद हो जाएगा । 


लेकिन बस आपको पानी काफी मात्रा में पीते रहना है जिससे आपके body हिड्रेड बने रहे। आपके body में पानी की कमी बिल्कुल भी ना हो पाए। चलिये अब समझते है। प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में बच्चें का विकाश कितना हो चुका होता है। 


प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में बच्चा का विकाश 

तो दोस्तो इस महीने के अंत तक baby की लंबाई 9 से 12 सेंटीमीटर तक हो जाती है। इस महीने में baby के अंदर महत्वपूर्ण बदलाव आते है। जिसे की गुर देव् ओर आंखे बनाना शुरू हो जाती है। इस महीने में शिशु अमेटिबी फ्लो में हाँथ पेर चलाने लगता है। 


लेकिन अभी वो इतना छोटा होता है। कि इसका fill माँ को नही होता है। इसके अलावा baby के आंखे बन चुकी होती है। लेकिन पलके अभी बंद होती है। हाथ पैर नाखून एक सभी का विकाश हो रहा होता है। इस महीने में शिशु के private part डेवलेप होना शुरू हो जाता है। आवाज के नाले भी बन चुके होते है। सर के ऊपर हल्के से बाल बन रही होते है। इस समय माँ अपने बच्चे के धड़कन को अल्ट्रासाउंड के जरिये सुन सकता है। अब बात करते है । 


कि आपको किन - किन सावधानियां का खयाल रखना होगा। सबसे पहले तो आप इन तीन महीने में कोई भी Hotel से food ना करे। आपके शरीर को खाना पचाने की छमता जो होते है। वो बहुत स्लो हो जाती है। तो खाना पचाने में काफी time लगता है इस वजह से आपको consifitons की समस्या हो सकती है। तो आप इस ये सब food को इग्नोर करे। 


दूसरा चाय कॉफी cold drinks इन सब को बंद कर दे। क्योकि इनके अंदर कैमिकल कार्बोहाइड्रेट ओर कार्बन डाइऑक्साइड होता है। जिसके वजह से आपके मिस्क्रेज होने की चान्सेस बढ़ जाते है। और अगर मिस्क्रेज नही भी है। तो भी आपके बच्चे के डेवलपमेंट को बहुत ज्यादा Effect पड़ता है। 


सबसे पहले अपने थायराइड के लेवल को cheack करवले। क्योकि थायराइड का कम और बढ़ाव हुआ इस पर भी आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। 


Pregnancy ka satwa mahina kese hota hai ? 

दोस्तो प्रेग्नेंसी के सातवां महीना कैसा होता है। क्योकि प्रेग्नेंसी के सातवे महीने से प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही के शुरुवात हो जाती है। इस महीने तक आपके Baby का काफी विकाश हो चुका होता है। ओर आपको भी अपने बच्चे की moments अच्छे से fill होना start हो जाता है। 


इस समय आपके बच्चे का दिन पूरा रात चौगुना विकाश हो रहा होता है। जैसे - जैसे बच्चें का विकाश होता है। वैसे - वैसे ही वो आपके पेट मे ज्यादा जगह घेरने लगता है। ओर उससे आपको चलने बैठने कुछ भी काम करने में परेशानी होने लगती है। लेकिन माँ बनने की ये खुशी आपके अधिकतर परेशानी को आपसे दूर ही रखती है। 


सातवे महीने में बच्चा कितना बड़ा होता है ? 

इसलिए चलिये हम बात करते है। कि सातवे महीने में आपके बच्चे का विकाश कितना हो चुका होता है। तो दोस्तो इस समय तक गर्व में आपके बच्चे की स्तन से पेर तक लम्बी लगभग 15 इंच के आसपास हो जाती है। ओर उसका जो वजन होता है। वो 900 ग्राम से लेकर 1350 ग्राम तक हो सकता है। 


इसके अलावा अब बच्चे की moments भी बढ़ सकती है। बच्चा अक्सर आपको लात मारने लगता है। और आपकी आवाज भी सुनने लगता है। इसलिए इस दौरान आपको उसकी moments पर ध्यान देना है। अगर आपको लगता है। कि वो किसी दिन कम या फिर बिल्कुल भी moments नही कर रहा है। 


तो ऐसे कभी - कभी होता है। कि आपका जो बच्चा है। वो सो रहा होता है। इसलिए हलचल कम होने पर आप को मीठी चीज खा ले। जिससे बच्चे को तुरंत ऊर्जा मिलेगी और वो moments करने लगेगा । या फिर आप ग्राम पानी भी पी सकते है । अगर फिर भी वो moments नही करता है। तो आपको अपने doctor से तुरंत कंसल्टेंट करना चाहिए । 


इसके अलावा इस महीने के आखिरी में बच्चा जन्म लेने के तैयारी में अपने पॉसिजन लेने लगता है । उसका सर नीचे ओर पेर ऊपर की तरफ हो जाता है। अगर उसने अभी तक ऐसा नहीं किया है। तो आप घबराइयेगा नही अभी समय है। कि वो अपने पॉसिजन change कर सकता है। 


ओर धीरे - धीरे वो अपने पोजिशन में वापस आ जायेगा । और अब सातवे महीने के प्रेग्नेंसी में ज्यादा जल्दी थकने लगती है। इस महीने भर में ही आपका वजन करीब 1.5 से 2 किलो तक बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि आप रोज की कामो में दुसरो की help लेना Start कर दे। 


इसके अलावा इस दौरान आपको चिड़चिड़ापन या फिर mood में उतार चढ़ाव भी आपको तांग करने लगता है। इसलिए इस समय आपके शरीर मे होने वाले शारीरक ओर मानसिक बदलाव को देखते रहे। आपको कुछ सावधानी बरतने की जरूरत होती है। सबसे पहले बात की झुक कर आप बिलकुल ना चले। 


प्रेग्नेंसी में क्या नही करना चाहिए 

क्योकि आपका बढ़ा हुआ वजन और पेट आपको आगे और खिंच रहा होता है। कई बार आप को भी इच्छा होती होगी। कि आप झुक कर चले। लेकिन ऐसा आप बिलकुल भी ना करे। ऐसा करने से आपको ओर आपके होने वाले baby को प्रॉब्लम हो सकती है। 


इसके अलावा आप हमेशा बाए तरफ convert करके सोए । क्योकि बाए तरफ कन्वर्ट करके सोने से आपके नींद भी जल्दी पूरी हो जाती है। और आपके पेट मे पल रहे बच्चे के लिए भी आपको कोई प्रॉब्लम नही होती है। इसके अलावा कोई भी भारी समान ना उठाये। 


या फिर ले जाये। ऐसा करना आपके प्रेग्नेंसी के ख़तरनाक हो सकता है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के इस टाइम पर आपको षिधि चढ़ने ओर उतरने से भी बचना चाहिए । पर अगर आप को चढ़ना ही है। तो राइडिंग का सहारा लेकर धीरे - धीरे चढ़े। क्योकि ज्यादा सिंधिया चढ़ने या उतरने से आपको प्रेग्नेंसी में कॉम्पलैक्स आ सकती है। 


प्रेग्नेंसी के आठवे महीने में क्या होता हैं

दोस्तो प्रेग्नेंसी के आठवें महीने में हमने किन बातों का खाश धयान रखना चाहिए । क्योंकि प्रेग्नेंसी में हर महिला को अपने खान पान का खाश खयाल रखना चाहिए। खाश खरके प्रेग्नेंसी के फ़ास्ट ओर अंतिम तिमाही में क्योकि ऐसे में जब आपका आठवे महीने चल रहा है। तो आपको बहुत सारे चीजो का धयान रखना चाहिए। 


खाश करके खान पान पर ताकि आप ओर आपके बच्चे की groth अच्छे से हो पाए । ओर डिलीवरी में भी कोई प्रॉब्लम ना हो। आठवे महीने में आपको iron ओर कैल्सिम से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए । ताकि आप हेल्दी रहे । क्योकि बिडिंग होना डिलीवरी का एक हिस्सा होता है। 


प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए 

इसलिए आपको अपने खाने में iron का सामिल करना चहिए । ओर केलिसियम आपके ओर आपके बच्चे के हड्डी को मजबूत बनाता है। इसलिए ऐसे अपने डीएड में जरूर शामिल करें। इसके साथ - साथ आपको हरि सब्जी अंडा फल मछली ऐसे चीजो का आप सेवन कर सकते है। 


वैसे तो प्रेग्नेंसी के पूरे 9 महीने में पूरे होते है। लेकिन आखिरी महीने में बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। 8 वे महीने बहुत नाजुक होते है। इसलिए इस समय आपको विशेष स्वधानी बरतनी चाहिए । इसके लिए आपको Traffic वाले चीजो से दूर रहे। 


जैसे कि चाय कॉफी कोल्ड ड्रिंक इससे आपके बच्चे और आपके सेहद पर बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के 8 वे महीने में आपको बकरी गाय और भेद के दूध को पीने से बचना चाहिए । क्योंकि इस दौरान बकरी भेड का दूध बहुत गाढ़ा होता है। 


प्रेगनेंसी के 8 वे महीने में क्या नही करना चाहिए 

क्योकि ये टोकस प्लमजोसेस से भरा होता है। जो आपके बच्चे के लिए ऐसे समय पर खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा आप ज्यादा देर तक खड़े ना रहे। ये 8 वे महीने की सबसे अहम सावधानी होती है। इसका आपको बहुत ध्यान रखना होता है।


क्योकि जैसे - जैसे बच्चे का वजन बढ़ता है। आपके पेट और पेर्विक अरिया पर प्रेशर पड़ता है। और आप ऐसे सोजिसिवन में अपने आप को झुकने से बचने के लिए खुद को पीछे की तरफ झुकाढे इससे आपके पेट मे भी काफी दर्द होता है। इसलिए अपने पिट के दर्द को धयान में रख कर इन समय ज्यादा देर तक खड़े होने वाले काम बिल्कुल ना करे।


इसके अलावा इस समय बेहद जरूरी होता है। कि आप कम से कम रात में 8 घंटे के नींद ले। इसके अलावा दिन में भी कुछ देर आराम जरूर करे। और इस समय तनाव करने से बच्चे के ऊपर भी उसका असर पड़ता है। इसलिए तनाव से भी दूर रहे। 


हो सके तो आप अपने पीठ के बल ना लेटे । क्योकि इस समय आपका वजन वहुत बढ़ा होता है। तो इस दौरान पीठ के बल लेटना आपके लिए खतरनाक भी हो सकता है। और ऐसा बच्चे के लिए भी खराब हो सकता है। तो आप ऐसा बिल्कुल ना करे।


ओर क्योकि आप अपने 8 वे महीने में चल रहे है। तो इस समय बच्चे का आकार इतना बड़ा हो जाता है। कि उसने आपके पूरे इंटरुष को घेर रखा है। इसलिए आप को पहले की तरह आपके पेट मे उछल खुद नही कर सकता है। अब उसकी कर वट लेने या हाथ के हिलाने के moments होती रहेगी।


अब आपको उसके moments पर पूरा धयान रखना है। इनमें कमी या तेजी होते ही आप अपने डॉक्टर से तुरंत कॉन्सलेट करना है। इस महीने तक होने वाले बच्चे का विकाश लगभग- लगभव पूरा हो चुका होता है। महीने के अंत तक होने वाले बच्चे की लंबाई 14 इंच के आसपास हो जाती है। 


ओर उसका वजन 1150 ग्राम के आसपास तक हो जाता है। इसके अलावा अकसर कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के 8 वे महीने में कब्ज की काफी समस्या रहती है। इस कारण से उन्हें piles होने का खतरा बना होता है। इसलिए ऐसा भोजन खाये । जो कि आसानी से पच सके।


ताकि आपको दूसरे समस्या ना हो। और अगर आपको किसी भी तरह के कोई दिक्कत आता है। या फिर आप हमें कोई अच्छा सुझाव देना चाहते है। तो comment box में लिख कर भेज सकते है। 


ओर ऐसे ही अमेजिंग फैक्ट्स को लागातार पढ़ने के लिए हमारे blogg verma news को subscrube जरूर करे। तो आज के लिए इतना ही अब हम चलते है। फिर मिलेंगे नई पोस्ट के साथ तब तक हमारे blogg के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो का दिल से धन्यवाद ,,,,,


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