Friday, January 24, 2025

Kamdev book in Hindi PDF Free Download - Patni Vashikaran kamdev Mantra

 

हिंदू धर्म में कामदेव काम सूत्र, काम, शास्त्र और चार पुरुष अर्थों में से एक काम की बहुत चर्चा होती है। खजुराहो में कामसूत्र से संबंधित कई मूर्तियां है । अब सवाल यह उठता है कि क्या काम का अर्थ सेक्सी होता है। नही काम का अर्थ होता है। कार्य कामना और काम इच्छा से वह सारे कार्य जिससे जीवन आनंद, दायक, सुखी, शुभ और सुंदर बनता है। 

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काम के अंतर्गत ही आते हैं धर्म अर्थ काम और मोक्ष आपने कामदेव के बारे में सुना या पढ़ा होगा। पौराणिक काल की कई कहानियों में कामदेव का उल्लेख मिलता है। जितने भी कहानियों में कामदेव के बारे में जहा कही भी उल्लेख हुआ है । उन्हें पढ़कर एक बात तो समझ में आती है वह कि कामदेव का संबंध प्रेम और काम इच्छा से है ।


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लेकिन असल में कामदेव कोण है । क्या वह एक काल्पनिक नाम है, जो देव और रिशियो को सताता रहता था? या फिर वह भी किसी देवता की तरह एक देवता थे । आइए जानते हैं। कामदेव के बारे में रहस्य । 


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जिस तरह पश्चिमी देशों में क्यों पेट और यूनानी देशों में विरोध को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। उसी तरह हिंदू धर्म ग्रंथों में कामदेव को प्रेम और आकर्षण का देवता कहा जाता है। कामदेव का धनुष उनका धनुष मिठास से भरे हरे का बना होता है ।


जिसमें मधुमक्खियों के शहद की रस्सी लगी है। उनके धनुष का बाण अशोक के पेड़ के महकते फूलों के अलावा सफेद नीलकमल चमेली और आम के पेड़ पर लगने वाले फूलों से बने होते हैं। कामदेव के पास मुख्यतः पांच प्रकार के बाण है जो इस प्रकार है ।


कामदेव का वास कहा होता है ? 

मारन , साथभान , जरीभावन , शोषण , मनमंथ  यानी मन मंथ कहां होता है कामदेव का बास मुद्गल पुराण के अनुसार कामदेव का वास  योवन , स्त्री , सुन्दर फूल , गीत परागकण या फूलो के रस  पक्षियों की मीठी आवाज, सुंदर बाग बगीचों, बसंत ऋतु , चंदन ,  कामवासना में लिप्त मनुष्य की लिफ्ट संगिती छुपे अंग  सुहानी और मंद हवा , रहने के सुंदर स्थान आकर्षक वस्त्र और सुंदर आभूषण धारण किए शहरों में रहता है। 


इसके अलावा कामदेव स्त्रियों के शरीर में भी वास करते हैं। खासतौर पर स्त्रियों के आंख स्त्रियों के ललाट और होठों पर इनका प्रभाव काफी रहता है। जब भगवान ब्रह्मा ने दिया वरदान। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक समय ब्रह्मा जी प्रजावृद्धि की कामना से ध्यान मग्न थे। 


कामदेव को शक्ति किसने दिया था ? 

उसी समय उनके अंश से तेजस्वी पुत्र काम उत्पन्न हुआ और कहने लगा कि मेरे लिए क्या आ गया है तब ब्रह्माजी बोले कि मैंने सृष्टि उत्पन्न करने के लिए प्रजापति यों को उत्पन्न किया था। किंतु में सृष्टि रचना में समर्थ नहीं हुए। इसलिए मैं तुम्हें इस कार्य की आज्ञा देता हूं। यह सुन कामदेव वहां से विदा होकर अदृश्य हो गए। 


यह देख ब्रह्माजी क्रोधित हो गए और उसे शाप दे दिया कि तुमने मेरा वचन नहीं माना । इसीलिए तुम्हारा जल्दी नाश हो जाएगा। सब शराफ सुनकर कामदेव भयभीत हो गए और हाथ जोड़कर ब्रह्मा जी के समक्ष क्षमा मांगने लगे। कामदेव की अनन्य विनय से ब्रह्मा जी प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा कि मैं तुम्हें रहने के लिए 12 स्थान देता हूं। 


जो है स्त्रियों के कटाव केश राशि , जांघ Boobs , नाभि , जांघ मूल , अधर , कोयल की कोक , चांदनी , वर्षा काल , छेत्र , और वैशाख , महिना इस प्रकार कहकर ब्रह्मा जी ने कामदेव को पुष्प का धनुष और पांच बाण  देकर विदा कर दिया। ब्रह्मा जी से मिले वरदान की सहायता से काम देव तीनों लोकों में भ्रमण करने लगे और भूत पिशाच गंधर्व यक्ष सभी को काम ने अपने वशीभूत कर लिया। 


कामदेव तीनो लोक पर राज्य करना चाहते थे ? 

फिर मछली का ध्वज लगाकर कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ संसार के सभी प्राणियों को अपने वशीभूत करने लगे। इसी क्रम में वे शिव जी के पास पहुंचे। भगवान शिव तपस्या में लीन थे। तभी कामदेव छोटे से जादू का सूक्ष्म रूप लेकर करण के छेत्र से भगवान शिव के शरीर में प्रवेश कर गये। इससे शिवजी का मंत्र चंचल हो गया। 


उन्होंने विचार धारण कर चित्र में देखा की कामदेव उसके शरीर में स्थित है। इतने में ही इच्छा शरीर धारण करने वाले कामदेव भगवान शिव के शरीर से बाहर आ गए और आम के वृक्ष के नीचे जाकर खड़े हो गए। फिर उन्होंने शिवजी पर मोहन नामक बाण छोड़ा जो शिवजी के ह्रदय पर जाकर लगा। इससे क्रोधित हो। शिव जी ने अपने तीसरे नेत्र की ज्वाला से उन्हें भस्म कर दिया । 


कामदेव को जलता देख उनकी पत्नी रति विलाप करने लगी। तभी आकाशवाणी हुई जिसमें रितिक को रुदन ना करने और भगवान शिव की आराधना करने को कहा गया। फिर रति ने श्रद्धा पूर्वक भगवान शंकर की प्रार्थना की रति की प्रार्थना से प्रसन्न हो। शिव जी ने कहा कि कामदेव ने मेरे मन को विचलित किया था। 


इसीलिए मैंने इसे भस्म कर दिया। अब अगर यह आनंद रूप में महाकाल बन में जाकर शिवलिंग की आराधना करेंगे तो इनका उद्धार होगा और तब कामदेव महाकाल वन में आए और उन्होंने पूर्ण भक्ति भाव से शिवलिंग की उपासना की उपासना के फलस्वरूप शिव जी ने प्रसन्न होकर कहा कि तुम आनंद शरीर के बिन रह कर भी समर्थक रहोगे । 


कृष्ण अवतार  के समय तुम रुकमणी के गर्भ से जन्म लोगी और तुम्हारा नाम प्रद्युमन होगा। आज का सवाल आपके लिए यह है कि क्या आप बता सकते हैं कि खजुराहो मंदिर कहां पर स्थित है? हमे आपका सवाल का जवाब का इंतजार रहेगा । 


अगर आपके मन में कोई सवाल है । तो आप हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और इसे ही जानकारी के लिए हमारे ब्लाग को subscribe जरूर करें । तो आज के लिए इतना ही अब हम चलते है । फिर मिलेंगे न्यू जानकारी के साथ तब हमारे ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,


Kamdev Sadhana

Hindu goddess of beauty

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