Friday, March 15, 2024

दुर्लभ कश्यप गैंगस्टर की कहानी । दुर्लभ कश्यप की कहानी


दुर्लभ कश्यप एक ऐसा गैंगस्टर जिसमें जन्म लेते ही आतंक मचाना शुरू कर दिया। आंखों में काजल माथे पर तिलक कंधे पर गमछा ओर हाथ में चिलम का सामान लिए दुर्लभ कश्यप कहने के तो खुद को भोलेनाथ का परम भक्त कहता था ।  लेकिन इसका काम कही से भी भक्तों वाले नहीं थे। 

दुर्लभ कश्यप गैंगस्टर की कहानी । दुर्लभ कश्यप की कहानी

ये गुंडा अपने हर बुरे काम से पहले भोलेनाथ की पूजा करता था और पुलिस के डर और खौफ को धुएं में उड़ाता हुआ ऐसे छाती चौड़ी करके चलता था। जिससे कि इससे बड़ा खलीफा कोई फायदा ही नहीं हुआ। देखने में जितना माशूम हक्कीत में उतना ही खतरनाक सिर्फ 16 साल की उम्र में ही मध्य प्रदेश की गलियों में स्थित खोफ का डंका बजता था।


रहस्यमय दुनिया


हत्या से लेकर चोरी और अपहरण तक शायद ही ऐसा कोई काम होगा जिसमें स्नेही कच्ची उम्र में महारत ना  हासिल की हो।  पर वो कहते हैं ना कि जैसा बोगे वैसा ही काटोगे। इसलिए दूसरों को जिस अंदाज में अपनी मौत के घाट उतारा ये खुद भी उसी तरह मारा गया और यह सब कैसे हुआ। 


Durlabh kashyap biography in hindi ?

यह जानकर आपके पैरों तले की जमीन खिसक जाएगी। 8 नवंबर साल 2000 में एक बिजनेस कारोबारी पिता और एक सरकारी टीचर मां के घर पर खुशियों की किलकारियां गूंज उठी और जन्म हुआ है। 

भारत के 10 कम उम्र के don


ऐसे बच्चे का जो अपने मां-बाप की आंखों का तारा था । पर इसलिए इसका नाम दुर्लभ रखा गया। पिता का मानना था कि उनका बेटा बड़ा होकर कुछ अलग और बड़ा करेगा और हुआ भी ऐसा ही लेकिन दुर्लभ के कामों से बेईमानी और जुर्म के राहों पर ले जा रहे थे। 


दुर्लभ जुर्म की दुनिया में अपने school के समय से कदम रख दिया था क्योंकि अक्सर स्कूल में होने वाले सीनियर और जूनियर के बीच में दंगों को निपटाता था। जिस वजह से पूरे स्कूल में दुर्लभ दबदबा हो गया। हर कोई से डरने लगा। स्कूल में दुर्लभ खोफ इतना ज्यादा बढ़ गया था। 


इसकी उम्र के लड़के अपना रोल मॉडल समझने लगे। उन्हें लगता कि दुर्लभ की जिंदगी से ओर कुछ है ही नहीं जहाँ हर कोई दुर्लभ के प्यारी ड्यूड और अंदाज से इंप्रेस होता रहता था। 


दुर्लभ को ही पता था कि कई साल लड़के उससे प्रभावित होते हैं। इसलिए उसमें अपने ही जैसे लड़कों को मिलाकर एक Gang बना लिया और गैंग के लड़के इस के कहने पर किसी को भी मौत की नींद सुला देते थे। या तो यह भी जाता है कि दुर्लभ का नाम इतना ज्यादा चलता था। कि दूसरे शहरों से भी लड़की किसकी गैंग में भर्ती होने के लिए अपना घर बार छोड़कर उज्जैन आने लगे थे। 


समय बीतता गया और दुर्लभ की गैंग और ज्यादा मजबूत बनती गयी जिसमे पूरे मध्यप्रदेश में अपने नाम का खौफ पैदा कर दिया। कुछ समय तक तो लोगों को लगा की ये छोटा बच्चा है जो कुछ समय में समझ जाएगा । लेकिन वक्त के साथ दुर्लभ के इरादे मजबूत हो गए और अब वह पुलिस के लिए नासूर बनता जा रहा था ।


जो 17 साल की उम्र में बच्चे स्कूल में किताबों में बीच रहते हैं। उस उम्र में दुर्लभ के ऊपर कई सारे आपराधिक मामले दर्ज हो गए थे। जिनमे फिरौती जांस से मारने की धमकी किडनैप जैसे बहुत से संगीन मुकदमे उज्जैन के कई सारे थानों में दर्ज हो चुके थे।


और मात्र 18 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते दुर्लभ के ऊपर पूरे 9 गंभीर मुकदमे दर्ज किए जा चुके थे। लेकिन इन सारी चीजों से दुर्लभ कश्यफ को कुछ भी फर्क नहीं पड़ता था। वैसे कहा जाता है कि दुर्लभ को उज्जैन का भाई बनाने में Sosial media का बहुत बड़ा हाथ था । 



क्योंकि इसने अपने सोशल मीडिया के बारे में लिख रखा था कि एक कुख्यात बदमाश हत्यारा और अपराधी है।  कैसा भी विवाद हो। कैसा भी  विवादों हो। इससे सम्पर्क कीजिये । और इसी तरह के पोस्ट के जरिए दुर्लभ और उसका गया इन लोगों को धमकाने का भी काम करता था।


पर वो कहता है ना जुर्म  की लाइफ टाइम ज्यादा बड़ी नहीं होती। तभी तो 27 अक्टूबर 2016 में जैसे ही पुलिस को न खतरनाक सुशील वीडियो पोस्ट के बारे में पता चला। वैसे ही दुर्लभ और उसके गैंग के 23 लड़कों को गिरफ्तार करके पुलिस ने जेल में बंद कर दिया। 


दुर्लभ कश्यफ को पहली बार जेल कब हुआ था ? 

यह पहली बार था जब दुर्लभ कश्यफ के हाथों में हथकड़ी लगी थी। दुर्लभ कश्यफ  जब जेल में था तो उस वक्त उज्जैन के तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर बोला था कि दुर्लभ तूने बहुत कम उम्र में बहुत ज्यादा दुश्मनी पाल रखी है। जब तक जेल में है तभी तक जिंदा है जैसे ही तू बाहर निकलेगा कोई ना कोई तुझे मार देगा ।


दुर्लभ कश्यप की मौत कैसे हुई

और बाद में एसपी साहब की कही बात बिल्कुल सच हो गई क्योंकि साल 2020 में lockdown से पहले दुर्लभ जमानत पर छूटकर जब जेल से बाहर आया तो उसने ज्यादा उत्पाद नहीं मचाई और वह इंदौर में रहने लगा और जब लॉकडाउन खुला तू अपनी मां के  वापस उज्जैन चला गया । 


सबकुछ सही चल रहा था । लेकिन तभी 6 सिंतबर 2020 को को काली रात आई है जब दुर्लभ के मा ने अपने बेटे और उसके दोस्तों के लिए दाल बाटी बनाई थी सब ने साथ बैठकर खाना खाया था।  और अपने दोस्तों के साथ सिगरेट पीने के लिए अमन और भूरा की दुकान पर रात के 1:00 बजे पहुंचा। 


वहाँ बैठा ओर थोड़ी बातचीत की तभी रात के 1:30 बज गए और वहां दूसरे Gang के Shanawaz , Sadab , Irafan  Raja और रामिश और उनके दूसरे साथी भी उसकी दुकान पर पहुंच गए। सहनबाज़ ओर दुर्लभ की gang  पुरानी रंजिश चलती थी जिसके चक्कर में दोनों एक दूसरे के  घूरने लगे । और देखते ही देखते दोनों के बीच कहासुनी हो गई।


दुर्लभ और उसके दोस्त गिनती में काम थे और शाहनवाज के साथ ज्यादा दोस्त थे। इसलिए उन्होंने मिलकर दुर्लभ के ऊपर चाकुओं से वार कर दिया ।  दुर्लभ ने अपने ऊपर किए। इस हमले का जवाब sahanbaz के ऊपर गोली चला कर दिया 


जो उसके कंधे पर लगी और वह घायल हो गया। ऐसा होने के बाद शाहनवाज के साथ ही दुर्लभ और उसके दोस्तों पर टूट पड़े। इन लोगो ने मिलकर दुर्लभ के ऊपर चाकू से वार करना शुरू कर दिया और उसके दोस्त अपनी जान बचाकर भाग गए। 


दुर्लभ कश्यफ का दोस्त अभिषेक शर्मा का कहना था। की shanabaz चाकू मारा था और चाय वाला पूरा भूरा भी shanbaz की गैंग के साथ मिला हुआ था। पूरे 34 बार दुर्लभ के शरीर पर चाकू से वार हुए थे जिसकी वजह से मात्र 20 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई। 


इस Gang वार के कारण पूरे उज्जैन के होश उड़ गए और हर न्यूज़ चैनल पर सिर्फ और सिर्फ दुर्लभ कश्यप की मौत की खबरें छाई हुई थी। दोस्तों आप कहने के लिए तो कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि दुर्लभ कोई दूध धुला तो था नही  उसके साथ जो भी हुआ वह नहीं होना चाहिए था। 


Durlabh Kashyap mother के क्या हुआ ? 

ओर बढ़  किस्मत से दुर्लभ के कामों की सजा उसकी मां को भुगतनी पड़ी। जिस माँ ने कुछ समय पहले अपने बेटे को अपने हाथों से बना खाना खिला कर भेजा था। उसे क्या पता था कि घर कब वो बेटा कभी लौटकर आएगा ही नहीं। दुर्लभ के मौत के 7 महीने बाद उसकी मां पदमा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 


दुर्लभ कश्यफ को मारने वाला कहाँ है ? 

पिता मनोज कश्यफ का कहना है कि जिस राह पर उनका बेटा गया कोई और युवा उस रास्ते पर ना जाएं और जुर्म की दुनिया से हमेशा दूर रहे वैसे क्या  आपको मालूम है। दुर्लभ हत्याकांड यही पर नही थामा क्योकि जिस  आरोपी ने दुर्लभ की हत्या की थी वो जेल की छत पर चढ़ा ओर ना जाने कैसे नीचे गिर गया जिसकी वजह से वह बहुत बुरी तरीके से घायल हो गया और अस्पताल पहुंचते ही उसने दम तोड़ दिया ।

दुर्लभ कश्यप गैंगस्टर की कहानी । दुर्लभ कश्यप की कहानी



Durlabh kashyap Facebook Account ? 

दोस्तो आज से करीब 2 साल पहले दुर्लभ कश्यप ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर एक पोस्ट डाल कर दहशत गर्दी फैलाने का काम शुरू किया था। उसमें बकायदा अपनी हर एक चीज के लिए रेट तय कर दिये थे।police ने october 2018 में दुर्लभ की गैंग के 23 सदस्यों को गिरफ्तार किया था


जो कि बहुत ही कम उम्र के थे और इनमें से कुछ तो नाबालिग भी थे पर इतनी कम उम्र में भी गुंडा गर्दी से लेकर मार पीट ओर लोगों को डराने के सभी काम करे थे। दुर्लभ ने खुद अपने फेसबुक अकाउंट पर साफ-साफ लिखा था कि वह बहुत ही कुख्यात हत्यारा और अपराधी है।


जिस किसी को भी अपने उलझे हुए मसलों को सुलझाना है। वह दुर्लभ से संपर्क कर सकते हैं। आणि की दुर्लभ खुलेआम digital Media के जरिये अपने Gang को बढ़ाने में लगा था । धीरे-धीरे दुर्लभ ने फेसबुक को अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया और इसकी प्रोफाइल में धमकाने और हत्या की पोस्ट डाली जाती थी। 


हद तो तब हो गई जब Gang कि लोगों की फेसबुक आईडी को मैनेज करने के लिए लोगों की टीम बनाएं। बिल्कुल प्रोफेशनल तरीके से दहशत फैलाने वाली पोस्ट करते थे। दुर्लभ कश्यफ वो नाम था जिसने नाबालिग उम्र में ही जुर्म की दुनिया में अपने पैर पसार लिए थे। 


पर कहना गलत नहीं होगा कि अगर इस तरह से दुर्लभ की मौत हुई होती तो ना जाने अबतक कितने लोगों को मार चुका होता क्योंकि जब उसने इतनी कम उम्र में बेखोफ होकर इतने सारे कांड कर दिए तो जाहिर सी बात है। जैसे-जैसे इसकी उम्र बढ़ती है। वैसे-वैसे इसकी हिम्मत भी बढ़ती जो इसे कुछ भी कर ले पर मजबूर कर सकती थी।


और क्या पता दुर्लभ के रूप में हमें एक नया दाऊद इब्राहिम देखने को मिल जाता क्योंकि इस तरह के लोग किसी स्कूल या कंपनी में बंद कर नहीं तैयार होते बल्कि खुद दुनिया पर अपना राज्य जमाने के लिए अपराध के दलदल में खो जाते हैं। durlabh जैसे न जाने कितने सारे लड़के हैं जो मारकाट और विरोधी जैसे अपराध को अंजाम देकर खुद को दादा कहते हैं ।


Don कैसे बनता है ? ओर क्या होता है Don बनने के बाद ? 

और जैसे ही ने समाज में थोड़ी सी इज्जत मिलती है या फिर कह लीजिए कि लोग इससे  डरना शुरू कर देते हैं। वैसे ही अपने आपको और ज्यादा काबिल समझने लगते हैं जिसके बाद ही अपनी मनमानी करते हैं। ऐसे में हम तो आपसे सिर्फ इतना ही कहना चाहेंगे । दुर्लभ  जैसा कोई भी नौजवान ना निकले।


इसके लिए सबसे पहले तो मां-बाप को अपने बच्चों पर ध्यान देना होगा। दूसरा समाज में इस तरह की गुंडागर्दी शुरू हो। उससे पहले खत्म कर देनी पड़ेगी। वरना जाति धर्म और पॉलिटिकल पार्टी की आड़ में गुंडागर्दी करने वाले छोटे छोटे लड़के कब आस्तीन का सांप बनकर समाज के लिए खतरा बन जाए कोई कुछ कहा नहीं जा सकता। 


बाकी दोस्तो आज के लिए बस इतना ही उम्मीद है। दुर्लभ कश्यप की कहानी को सुनने के बाद आपको यकीन हो गया होगा कि कैसे आजकल के छोटे-छोटे बच्चे अपराध की दुनिया में अपने पैर पसार रहे हैं। 


तो दोस्तो आज के लिए बस इतना ही अब  हम चलते है। फिर मिलंगे नई जानाकरी के ओर ऐसे ही amezing पोस्ट को पढ़ने के लिए ओर हमारे साथ जुड़े रहने के लिए blogg को subscribe जरूर करे। इनके साथ तब तक हमारे साथ बने रहने के लिए धन्यवाद ,,,


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