Wednesday, December 4, 2024

क्या पुनर्जन्म झूठ है | क्या पुनर्जन्म होता है


गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु हुई काल यानी की समय है और जो मृत्यु का समय निकट आता है तो जीव आत्मा से प्राण और देह का अभियोग हो जाता है। हर एक मनुष्य के जन्म और मृत्यु का समय निश्चित होता है जिसे पूरा करने के बाद ही मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह पुनः दूसरे शरीर को धारण करता है। 

क्या पुनर्जन्म झूठ है | क्या पुनर्जन्म होता है

अकाल मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है ?

परंतु अब यहां यह सवाल उठता है कि जब किसी मनुष्य की अकाल मृत्यु हो जाती है तो उस जीव आत्मा का क्या होता है और अकाल मृत्यु किसे कहा जाता है। 


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दोस्तों गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मनुष्य के जीवन का सात चक्र निश्चित है और यदि कोई मनुष्य इस चक्र को पूरा नहीं करता है। अर्थात जो अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है उसे मृत्यु के बाद भी कई प्रकार के कष्ट भोगने पढ़ते हैं परंतु सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि अकाल मृत्यु क्या होती है। 


अकाल मृत्यु किसे कहाँ जाता है ? 

अर्थात किस तरह की मृत्यु को गरुड़ पुराण में अकाल मृत्यु की श्रेणी में रखा गया है। गरुड़ पुराण के सिंहावलोकन अध्याय में बताया गया है कि यदि कोई प्राणी भूख से पीड़ित होकर मर जाता है या हिंसक प्राणी द्वारा मारा जाता है या फिर गले में फांसी का फंदा लगाने से जिसकी मृत्यु हो जाती है। अथवा विस तथा अग्नि आदि से मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। 


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अथवा जिसकी मृत्यु जल में डूबने से हो जाती है या जो सांप के काटने से मर जाता है । यह जिसकी दुर्घटना या रोग के कारण मृत्यु हो जाती है। वह अकाल मृत्यु को प्राप्त होता है। लेकिन दोस्तों गरुड़ पुराण में आत्महत्या को सबसे और ग्रहनित अकाल मृत्यु बताया गया है। इतना ही नहीं भगवान विष्णु ने आत्महत्या को परमात्मा के अपमान करने के समान बताया है।


आत्मा को दूसरा जन्म कब मिलता है ? 

गरोड़ पुराण में विष्णु ने बताया है कि जिस मनुष्य अथवा प्राणी की मृत्यु प्राकृतिक होती है वह 3, 10 , 13  अथवा 40 दिन के अंदर दूसरा शरीर धारण कर लेती है। किंतु जो व्यक्ति आत्महत्या जैसे घृणित अपराध करता है उस प्राणी की जीवात्मा पृथ्वी लोक पर तब तक भटकती रहती है जब तक वह प्रकृति के द्वारा निर्धारित अपने जीवन चक्र को पूरा नहीं कर लेता। 


अकाल मृत्यु मरने वाले इंसान का आत्मा के साथ क्या होता है ? 

ऐसी जीव आत्मा को ना तो स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है और ना ही नरक लोक की जीवात्मा की इस अवस्था को अगति  कहा जाता है। ओर गरुड़ पुराण में बताया गया है कि आत्महत्या करने वाली आत्मा अकाल मृत्यु को प्राप्त होने वाले सभी आत्माओं में सबसे कष्टदायक था में पहुंच जाती है । 


और अकाल मृत्यु को प्राप्त करने वाली आत्मा अपनी तमाम इच्छाओं आणि भूख, प्यास, संभोग, सुख, राग, क्रोध, दोष , लोभ , श्लोक वासना आदि की पूर्ति के लिए अंधकार में तब तक भटकती रहती है। जब तक कि उसका परमात्मा द्वारा निर्धारित जीवन चक्र पूरा नहीं हो जाता। 


इंसान की अकाल मृत्यु क्यो होती है ? 

परंतु अब यहां यह सवाल उठता है कि किसी भी प्राणी की अकाल मृत्यु क्यों होती है तो दोस्तों मैं आपको बता दूं कि इसका भी वर्णन गरुड़ पुराण में किया गया है जिसके अनुसार जो विधाता द्वारा निश्चित की गई मृत्यु प्राणी के पास आती है तो शीघ्र ही उसे लेकर मृत्यु लोक से चली जाती है। प्राचीन काल से ही बेर का यह कथन है। 


कि मनुष्य 100 वर्ष तक जीवित रहता है । किंतु जो व्यक्ति नंदित कर्म करता है । वह शीघ्र ही भ्रष्ट हो जाता है जो वेदों का ज्ञान होने के कारण वंश परंपरा की सदाचार का पालन नहीं करता है जो आलस से बस कर्म का परित्याग कर देता है जो सदैव त्याज्य कर्म को सम्मान देता है जो जिस किसी घर में भोजन कर लेता है ।


और जो पर स्त्री में अनुरक्त रहता है । इसी प्रकार के अन्य महा दोषों से मनुष्य की आयु श्रेण हो जाती है। श्रद्धा ही अपवित्र नास्तिक मंगल का परित्याग करने वाले पर द्रोही सत्यवादी ब्राह्मण की मृत्यु अकाल में ही यमलोक ले जाती है। प्रजा की रक्षा ना करने वाला धर्म आचरण से ही क्रूर मूर्ख वेद अनुशासन से पृथक और प्रजा पीड़ा क्षत्रिय यम का शासन प्राप्त होता है। 


ऐसे दोषी ब्राह्मण एवं क्षेत्रीय मृत्यु के वशीभूत हो जाते हैं और हम यात्रा को प्राप्त करते हैं जो अपने कर्मों का परित्याग तथा जिसमें मुख्य आचरण है। उनका परित्याग करता है और दूसरे के घर में निरत रहता है। वह निश्चित ही अकाल मृत्यु को प्राप्त करता है और जो शुद्ध तुझं सेवा के बिना अन्य कर्म करता है। वह भी निश्चित समय से पहले यमलोक जाता है। तो यह हो गई अकाल मृत्यु और उससे मिलने वाले कष्टों की बात चलिये अब जानते हैं कि अकाल मृत्यु के बाद कौनसी आत्मा किस योनि में भटकती रहती है।


अकाल मृत्यु के बाद आत्मा किस योनि में भटकी रहती है ? 

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो पुरुष अकाल मृत्यु को प्राप्त करता है तो वह भूत , प्रेत , पिशाच , कुष्मांडा ब्रह्मराक्षस बेताल क्षेत्रपाल योनि में भटकता रहता है जब कि कोई स्त्री अकाल मृत्यु को प्राप्त होती है तो वह भी इसी तरह की योनि में भटकती है। लेकिन उसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। 


जैसे कि यदि कोई नवी स्त्री या प्रसूता अकाल मृत्यु को प्राप्त होती है तो वह चुड़ैल बन जाती है। वहीं जब किसी कुवारी कन्या की अकाल मृत्यु हो जाती है तो उसे देवी योनि में भटकना पड़ता है। इन सबके अलावा गरुड़ पुराण में अकाल मृत्यु के कारणों से मृत आत्मा की शांति हेतु कई तरह के उपाय बताए गए हैं। 


अकाल मृत्यु को शांति करने के लिए क्या करना है ? 

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अकाल मृत्यु को प्राप्त करने वाली आत्मा हेतु उनके परिवारजनों को नदी या तालाब में तर्पण करना चाहिए। साथ ही मृत आत्मा की इच्छा की पूर्ति के लिए पिंडदान अखबार सत्कर्म जैसी दान पुण्य अथ,वा गीता का पाठ करवाना चाहिए। 


यह कार्यक्रम से कम 3 वर्षों तक चलते रहने चाहिए। साथ ही वर्ष आने पर  भूखे ब्राह्मणों बालकों को भोजन भी कराना चाहिए ताकि मृत आत्मा को जल्द से जल्द मुक्ति मिल सके। वैसे दुर्घटना रोग या अन्य किसी भी प्रकार की अकाल मृत्यु को रोकना तो हम इंसानों के बस में तो है नहीं। 


आत्मा हत्या को कैसे रोके ? 

लेकिन आप हत्या को हम रोक सकते हैं। जब भी आपके मन में आत्महत्या करने  का ख्याल आए तो उससे पहले उससे जुड़े परिणामों को अवश्य जान ले। क्योंकि अक्सर लोग यही सोचकर आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं कि उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन अज्ञानता के कारण वो नहीं जानते कि मृत्यु के बाद उन्हें वर्तमान में हो रहे कष्टों से ज्यादा ही कष्ट भोगना पड़ेगा ।


कैसा होगा आपका अगला जन्म ? 

दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कि जिस भी प्राणी ने इस धरती पर जन्म लिया है उसे एक ना एक दिन मरना ही पड़ता है। फिर ऐसे में मनुष्य जीवित रहते हुए जो भी कर्म करते हैं । वही कर्म मृत्यु के बाद उनके साथ जाते हैं। ऐसे में हिंदू धर्म शास्त्र गरुण पुराण की मानें तो उन्हीं कर्मों के आधार पर मनुष्य को उसका अगला जन्म मिलता है। 


इसलिए आज की पोस्ट में हम आपको ऐसे कुछ कर्मों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसको करने के बाद आपको कुत्ता सूअर हिजड़ा ये सब योनियों में अगला जन्म मिलता है तो चलिए शुरू करते हैं।


गरुड़ पुराण के अनुसार मित्रों से छल करने से क्या होता है ? 

गरुड़ पुराण के अनुसार सबसे पहला कर्म मित्रों से छल करना। दोस्तों धरती पर मित्रता को एक अनोखा रिश्ता माना गया है। मित्रता के लिए कुछ लोग अपनी जान तक दे देते है।  भले ही उनका मित्र बुरा काम ही क्यों न कर रहा हो। वही आज कुछ मित्र ऐसे भी होते हैं । 


जो अपने हित के लिए अपने मित्र को धोखा देने यानी छल करने से भी पीछे नहीं हटते। ऐसे मनुष्य के लिए गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब कोई मनुष्य अपने सच्चे मित्र के साथ छल कपट करना है तो मरने के बाद उसे नरक तो जाना पड़ता ही है। 


साथ ही उसका अगला जन्म एक गिद्ध जैसी योनि में होता है जो सड़े गड़े जानवरों का मांस खाकर जीवित रहते हैं। 


लड़की के सामान्य नही करते है उनको अगला जन्म क्या मिलेगा ? 

दूसरा मित्रों संसार में कई पुरुष हैं जो स्त्रियों का सम्मान करते हैं । लेकिन कई ऐसे पुरुष भी आपको देखने को मिल जाते हैं जो प्रत्येक स्त्री को बुरी नजर से देखते हैं और उनके मन में हर समय बस कामवासना ही बसी रहती है और उन्हें लगता है। कि  कोई नहीं देख रहा। लेकिन ऊपर वाला सब देखता है। ऐसे लोगों के संबंध में गरुड़ पुराण कहता है कि मृत्यु के बाद अगले जन्म में इनको गधे की योनि प्राप्त होती है। 


जो महिलाएं अपने पति को छोड़ कर दूसरे से चक्कर चलाते हैं उसको गरुड़ पुराण के अनुसार अगला जन्म क्या मिलता है ? 


इसके अलावा एस्त्रियो के संबंध में गरुड़ पुराण कहता है कि जो स्त्री व्यभिचारिणी होती है ।  अर्थात पराए पुरुष के साथ संबंध बनाती है। उसका अगला जन्म छिपकली या फिर एक चमगादड़ के रूप में होता है। 


धर्म का जो अपमान करता है उसको अगला जन्म क्या मिलता है ? 

गरुड़ पुराण में चौथा कर्म धर्म का अपमान करना बताया गया है। मित्रों जीवित रहते हुए कई लोग अपने धर्म का सम्मान नहीं करते और दूसरे जो अपने धर्म का सम्मान करते हैं ।  उन्हें ढोंगी बताते हैं। ऐसे लोग ना तो भगवान पर और ना ही किसी धर्म पर विश्वास करते हैं।


ऐसे लोगों को गरुड़ पुराण कहता है कि मृत्यु के बाद इन्हें नरक में तो सजा मिलती ही है। साथ ही उनका अगला जन्म एक कुत्ते के रूप में होता है। 


जो व्यक्ति अन्य दान नही करता है उनका अगला जन्म क्या होगा ? 

पांचवा मित्रों अन्य दान को हमारे धर्म में सबसे बड़ा दान में जो व्यक्ति अन्न दान करता है वह न सिर्फ जीवित रहते हुए अबे तू मृत्यु के बाद भी स्वर्ग पाता है। वही मित्रों ऐसे लोगों की भी भरमार है जो अन्य की चोरी करके लाभ कमाते हैं । गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे लोगों का अगला जन्म छछूंदर या फिर एक चूहे के रूप में होता है। 


किन्नर को गलत नजर से देखना या गाली देना उस व्यक्ति को अगले जन्म क्या मिलता है ? 

मित्रों अगर आपके घर के द्वार पर कोई किन्नर तो उसे कुछ कर देना चाहिए और कहना चाहिए ओर कहना चाहिए फिर आएगा ।  लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो किन्नरों का मजाक उड़ाते हैं और उन्हें नीचता की दृष्टि से देखते तो ऐसे लोगों को शास्त्रों के अनुसार अगला जन्म एक किन्नर के रूप में मिलता है। और ऐसा ही अपमान सहना पड़ता है। 


अगर आपमे ये है लक्षण तो आपका पुनर्जन्म हुआ है ? 


पुनर्जन्म एक ऐसा विषय है जिस पर हिंदू धर्म शास्त्रों में विस्तार से बताया गया है। जब भी किसी इंसान के ऊपर विपत्ति आती है। तो आपने कई लोगों के मुंह से सुना होगा कि पता नहीं किस जन्म की सजा मिल रही है तो मित्रों आज हम आपको पांच ऐसे लक्षण के बारे में बताएंगे जिससे इस बात को समझने में आपको आसानी होगी कि आपका पुनर्जन्म हुआ है । 


5 लक्षण जो पुनर्जन्म का प्रमाण 

अगर आपको एक सपना बार-बार आता है और वह सपने में जो चीजें या व्यक्ति दिखाई देते हैं जिसे देखकर आपको ऐसा लगे कि शायद आपने उससे पहले भी कहीं देखा है। लेकिन आपको कहां देखा है तो मुमकिन है कि आप का पुनर्जन्म हुआ है। पिछले जन्म में आपका उससे कोई नाता रहा हूं या फिर किसी अजनबी से पहली मुलाकात में मिलकर आपको उपनाम सा लगे । 


तो ये आपके पुनर्जन्म से जुड़ा हो सकता है क्योंकि कई बार आप ऐसे लोगों से मिलते हैं। जिन से पहले आप कभी नहीं मिली  पर उन्हें देखकर ऐसा लगे कि जैसे आपकी वर्षों से जान पहचान है। तो हो सकता है कि पिछले जन्म में आपके और उनके बीच काफी मधुर संबंध रहे होंगे। 


पूर्वाभास आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोगों को अनहोनी होने का अहसास पहले से हो जाता है। और शायद आपको भी ऐसे लोग मिले होंगे। अनहोनी होने का डर उन्हें हमेशा सताता रहता है। ऐसे आप उन लोगों का वहम भी नहीं कह सकते क्योंकि उनकी ज्यादातर बात सच निकल जाती है। 


तो यह उनके पुनर्जन्म के लक्षण हो सकते हैं। किसी चीज और व्यक्ति के प्रति खास लगाव होना कभी कभी आपको किसी चीज से बहुत अधिक लगाव हो जाता है और लेकिन आपको उन से इतना लगाव क्यों है। इसका आपको कारण भी नहीं पता होता तो हो सकता है कि वह चीज यह व्यक्ति का आपसे पिछले जन्म में कोई संबंध रहा हूं 


और इसी कारण वर्तमान में आपको उससे इतना अधिक लगाव हो गया है। पांचवा मित्रों आपने अक्सर देखा होगा कि कई एक बार आपके शरीर पर ऐसे निशान होते हैं जो बचपन से ही आपके शरीर पर होते हैं जिसे आप God Effet   कहते हैं ।  तो यह आपके पिछले जन्म में लगी किसी चोट या बीमारी के कारण आप के वर्तमान जीवन में आपके शरीर पर उभर आए हैं ।और यह निशान बताता है कि आप का पुनर्जन्म हुआ है। 


क्या पुनर्जन्म झूठ है | क्या पुनर्जन्म होता है

जीवन और मृत्यु को लेकर दुनिया मे तमामं तरह की बाते की जा रही है। और हर धर्म मे इंसान के मरने के बाद के सफर को अपने तरफ से समझाया ओर बताया जाता रहा है। 


क्या वेज्ञानिक पुनर्जन्म को झूट मानता  है ? 

लेकिन वेज्ञानिको के इस पर अपने अलग ही तरह के दावे होते हैं। और इन्हीं में से एक वेज्ञानिक SEAN CARROLL ने अपने एक बेहद चोकाने वाले दाबे में ये कहा है। कि अगर दुनिया मे सब कुछ वैज्ञानिक के नियमों के हिसाब से चलता है। तो ऐसा हो ही नही सकता की मृत्यु के बाद कोई भी जीवन संभव हो। 


अपने जिंदगी में ज़्यादातर सफर फिजिक्स पढ़ाने में गुजार चुके प्रोफेशनल SEAN CARROLL इंसान के मृत्यु के बाद उसकी आत्मा ब्रह्मांड में रह नही सकता है। क्योकि ऐसा कोई रास्ता है ही नही जो मरने के बाद हमारे दिमाग मे मोहजूद जानकारी को बनाये रखें । 


तो फिर दिमाग के आत्मा मौत के बाद कैसे पुनर्जन्म ले सकती है। तो इसमे कितनी सच्चाई है। ये तो वक्त ही बताएगा । आपको क्या लगता है। आप comment box में बताये । ओर ऐसे ही जानकारी के लिए हमारे blogg को subscribe जरूर करे । 


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