Friday, December 22, 2023

शरीर में आत्मा कहां रहती है | क्या विज्ञान आत्मा को मानता है

शरीर के किस अंग में रहती है आत्मा आत्मा से जुड़ी कई बातें तो अक्सर तो सुनते रहते हैं । जिसमे से सबसे कॉमन बात यही है। कि आत्मा जब श्वरीर का साथ छोड़ देती है । तब इंसान के मृत्यु हो जाती है। लेकिन क्या आपने कभी किसी से ये सुना है। क्या आत्मा हमारे शरीर में आखिर रहती कहा है। 

शरीर में आत्मा कहां रहती है | क्या विज्ञान आत्मा को मानता है

क्या आत्मा पूरे शरीर मे मोहजूद होती है। या फिर शरीर के किसी एक खाश अंग में रहती है। वही कभी ना मरने वाले आत्मा मौत के बाद शरीर को छोड़ कर आखिर कहाँ चली जाती है। आज हम आपके इसी दुविधा को दूर करेंगे । और जानेगे । अर्मा ओर विज्ञान के हिसाब से क्या है ये सवाल तो चलिये आज हम आपको बता देते है। की आत्मा शरीर के किस हिस्से में रहती है। इसके साथ ही आत्मा से जुड़े कुछ और बातों को भी आज हम आपको जरूर बतायेंगे । इसके लिए पोस्ट के अंत तक जुड़े रहिएगा । 


शरीर में आत्मा कहां रहती है | क्या विज्ञान आत्मा को मानता है

दोस्तो ये तो हम सब जानते ही है। कि शरीर के हर अंग का हर हिस्से का अपना एक अलग निशित आस्थन होता है। आणि दिमाग same होता है। दिल सीने में होता है। किडनियां हमारे body पेट मे होती है। लेकिन अब आत्मा की बारी आती है। जब आत्मा की बारी आती है। 


तो हम सोच में पड़ जाते हैं। हमे ये एक्जेटली ये मालूम नहीं होता है। कि शरीर के अंदर आत्मा कहाँ रहती है। वो कोंन से अथान है। आमतौर पर आत्मा को लेकर लोगो का मनानां है। कि आत्मा तो शरीर के हर हिस्से में मोहजूद होता है। लेकिन क्या सच मे ऐसा है। 


सास्त्र के अनुशार आत्मा हमारे शरीर मे कहाँ है ? 

तो सुनिए शास्त्रों के माने तो आत्मा हमारे दिमाग में है। आत्मा के बारे में हिंदु धर्म के धर्मग्रंथ वेदों में लिखा है। कि आत्मा हमारे दिमाग में निवाश करती है। और मृत्यु के बाद आत्मा वहा से निकल कर दूसरे जन्म के लिए ब्रह्मांड में चली जाती है। अब आपको बता दे। 


विज्ञान आत्मा को मानती है ? 

क्या आत्मा को लेकर शास्त्रों में कही गयी इन बातों को अब विज्ञान ने भी माना है। क्योकि मौत के अनुभव पर विज्ञानिकों ने Research किया है। और इस बात का पुष्टि की है। कि आत्मा शरीर में हमारे दिमाग मे होती है। दर्शल science में ये माना जाता है। 


की मस्तिक में कॉउंटम कंप्यूटर के लिए चेतना प्रोग्राम के तरह काम करती है। चेतना आणि की आत्मा वही जब शरीर की नारवश सिस्टम काँटोम प्रादर्थ कम होने लगता है। या अपने जगह छोड़ने लगता है। तो मृत्यु जैसा अनुभव होता है। दिल्ली मेल अखबार के माने । 


मस्तिक में आत्मा कहाँ रहते हैं ? 

तो इसी थ्यूरी को आधार बनाकर अमरेट्स ओर हेमरोस दोनों वैज्ञानिकों ने आत्मा के रहस्य से परदा उठाने की कोशिश मात्र की है। इन दोनों का कहना था । कि मस्तिक के कोशिकाओं के अंदर बने ढांचों में आत्मा का मूल आस्थान होता है। जिसे Microtubules कहाँ जाता है। 


ओर इन Microtubules पर पड़ने वाले काँटोम effect के वजह से ही शरीर मे चेतना आणि की आत्मा का अनुभव होता है। जिसे हम शरीर के अंदर मोहजूद आत्मा के रूप में समझते हैं। और अब हम आपको बता दें। 


शिद्धान्त को Arvextrade objective reduction का नाम दिया गया है। इस थियोरी के अनुसार हमारे मस्तिक में मोहजूद आत्मा का निर्माण उन्ही तत्व से हुआ है। जिसे ब्रह्मण्ड बना है। हेमरोस का कहना है। कि हृदय का काम करना बंद हो सकता है। रक्त का प्रवाह रुक सकता है। micro tubles अपने काँटोम अवस्था गवा देते हैं। 


मरा हुआ इंसान जिंदा होता है ? 

लेकिन यहाँ मोहजूद कॉउंटम सूचनाएं नष्ट नहीं होता है। वे वयापक ब्रह्मांड में विभित एवं विभिन्न हो जाती है। यदि रोगी ठीक नहीं हो पाता है। और उसकी मृत्यु हो जाती है। तो कॉउंटम सूचना शरीर के बाहर जाता है। उन्होंने ये भी कहा । की अगर कोई इंसान मौत के मुह से बाहर निकल आता है। 


तो उसका Sensitive रीजन ये है। कि उनकी कॉउंटम इन्फॉर्मेशन micro tyulbe में वापस चली आती है। जिसके वजह से उसे मृत्यु जैसा अनुभव तो होता है। लेकिन वो वापस जीवित हो जाता है। आणि वही अगर कोई इंसान मर जाता है। तो ऐसा संभव है। कि वो कॉउंटम इन्फॉर्मेशन जरूर शरीर के बाहर मोहजूद है। 


योगी भाषा के अनुसार आत्मा कहा रहती है ? 

योगी भाषा मे समझे तो आत्मा मस्तिक के जिस आस्थान पे रहती है। उसे सहरारत चक्र या ब्रह्मम रंध कहते हैं। ये इंसान के दिमाग का एक हिस्सा है। आपने पंडितों की छोटी जरूर देखी होगी । आणि जहा पंडित के पूरे सिर पर बाल नही होते हैं। लेकिन सिर के पीछे हिस्से में चोटी होती है। ये चक्कर ठीक उसी जगह पर होता है। 


आणि मस्तिक में यही वो जगह है। जहाँ हमारे आत्मा का निवाश होता है। कहते हैं कि पूराने जमाने मे साधु संत और ज्ञानी वारसॉ तपस्या करते हुए अपने ध्यान को इसी केंद्र में केंद्रीय कर देते हैं। और खुद ही उनके शरीर का अंत हो जाता था। 


मरने के बाद आत्मा का क्या होता है ? 

आणि उनका आत्मा उनके शरीर के साथ छोड़ देती थी । इंसान के मौत हो जाने के बाद आत्मा शरीर के उस भाग से निकल कर बाहरी जगत में चल जाती है। शास्त्रों में भी कुछ ऐसा ही कहा गया है। कि मौत के बाद देह से निकल कर ये आत्मा दूसरे लोगो की यात्रा पर निकल जाते हैं। वाक्य में ये कामाल की जानकारी है। 


गीता के अनुसार आत्मा अमर है ? 

गीता में भी श्री कृष्ण ने आत्मा को अमर ओर अविनाशी बताया है। जिसे नाही ही कोई सास्त्र काट सकता है। नाही पानी गला सकता है। ना अग्नि जला सकता है। और नही वायु इसे सोख सकती है। अब आत्मा को लेकर तो कई बातें अक्सर सामने आते ही रहते हैं। 


अब आत्मा से जुड़े कुछ और सवालों के जबाब रोचक तथ्य हम आपको इस पोस्ट में बताने जा रहे हैं। जिसमे पहला सवाल ये है। कि आखिर आत्मा का आकर क्या है। 


आत्मा का आकार क्या होता है ? 

तो आपको बता दें। कि गरुड़ पुराण में ये बताया गया है। कि आत्मा अमर अंगूठे के आकार के होती है। वही दूसरा सवाल ये है कि क्या सच मे आत्मा मौत के बाद दूसरे शरीर के तलाश में निकल पड़ती है। 


इंसान मरने के बाद आत्मा दूसरे शरीर मे जाता है ? 

तो जैसा कि हमने पोस्ट में जाना कि आत्मा एक शरीर को छोड़ने के बाद ब्रह्मांड में वापस चली जाती है। अब जैसा कि हम सब लोग भी किसी की मृत्यु हो जाने पर ये कहते है। कि आत्मा अब अपना दूसरा ठिकाना ढूढेगी । आणि आत्मा किसी दूसरे शरीर में प्रवेश करेगी । 


मतलब मौत के बाद आत्मा अपने कर्मो को समेट कर अपने अधूरी इच्छाओं को पूरी करने के लिए अन्य शरीर की खोज में चली जाती है। और कर्मो के अनुसार ही आत्मा को नया शरीर मिलता है। सायद यही वजह है।  कि कई बार हमे इसे खबरे सुनने को मिलती है। 


की लोगो को अपने पिछले जन्म के बाते याद आ जाती है। अब तीसरा मौत के बाद का सबसे कॉमन सवाल ये है। कि मौत के बाद बढ़ते है। नाखून 


क्या मौत के बाद नाखून बढ़ते हैं ? 

दोस्तो मौत के बाद नाखून ओर बाल नही बढ़ता है। ऐसा मुमिकन नही है। मौत के बाद बाल नाखून इसलिए नही बढ़ सकते हैं। क्योकि मौत के बाद कोशिकाओं का निर्माण नही होता है। साथ ही मरने के बाद शरीर पानी से लेकर कोई भी पदार्थ ग्रहण करने की छमता खो देता है। इसीलिए किसी किस्म की कोशिका विर्थी संभव नहीं होता है। 


आत्मा का वजन होता है या नही ? 

दोस्तो वेज्ञानिको ने आध्यामिक विचार धारा से विचार धारा से एक Research की आत्मा का भी वजन होता है। और आत्मा के वजन को नापमे के लिए मरने वाले व्यक्ति को फेयर बैंक्स बेड्स पर रखा ये एक प्रकार का तराजू होता है। इसमे शरीर मे होने वाले छोटे से छोटे बदलाव को भी परखा जा सके । 


उन्होंने ये research 1901 में की थी । सन 1901 में की थी। अमरीका के डोरचर में हुए । इस परीछन में हुए । डॉक्टर ड्यूनकन ने इसे व्यक्तियों पर शोध किया । जिनके जल्दी ही मृत्यु होने वाली थी। research में पाया गया कि आत्मा का वजन करीब 21 gram होता है। 


तो दोस्तो आपने इस पोस्ट में विज्ञान और आध्यत्म दोनों ही जरिये से ये जाना कि आत्मा शरीर में कहा हो सकती है। और कहा होती है। ये बता पाना नामुमकिन है। क्योकि मरने के बाद कोई वापस नहीं लौटा । ओर ऐसे कोई मेडिअक्ल साइंस के तकिनिक नही जो ये साबित कर सके। 


की आत्मा एक सिवित करती है। ये सिर्फ consift है। इसी आने वाले समय मे क्या सत्यापित कर दिया जाए । क्या इसकी खोज कर ली जाएगी । क्या इसका Research complite हो पाए गि । क्या वाकई में आत्मा के अस्तित्व को Scientific Proof किया जाएगा । ये कहना बहुत ही मुश्किल है। 


ओर ये सिर्फ आने वाले समय मे अगर किसी वेज्ञानिक ने खोज कंप्लीट कर लिया । तो ही पाता चल पाएगा । आपको क्या लगता है। क्या वाकई में आत्मा रहती है। या सिर्फ एक comseft है। नीचे comment में जरूर बताये । 


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