पंछी बनकर उड़ने का मन तो हमलोग के मन में ये ख्याल एक बार जरूर आया होगा । चिड़ियों को मजे से उड़ता देख दिल भी उड़ने लगता है क्योंकि अगर हम उड़ सकते तो आसमान के बाज हम ही होते हैं और शिकारी को भला किसी का क्या डर, लेकिन हमें कभी समंदर में मछली बनकर घूमने का ख्याल नहीं आता। जानते हैं। क्यों क्योंकि हमें पता है,
वहां पर शाप होती है लेकिन क्या होता। अगर आसमान में भी कोई हमारे ऊपर नजरें गड़ाए होता और जैसे ही हम उड़ने की कोशिश करते, वह हमे उड़ा कर ले जाता। फिर क्या कभी उठने की सोचते । सोच कर ही दिल कांप उठता है ना क्या हुआ अगर आसमान से उड़ती हुई चीज आए और आप को उठाकर ले जाए। सुनकर शायद आप और हम डर जाए लेकिन डरने की कोई जरूरत नहीं है ।
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क्योंकि अब ऐसे जीव धरती पर मौजूद नहीं है, लेकिन एक जमाना हुआ करता था जब सिर्फ चूहे और खरगोश को ही उठाकर मांसाहारी पक्षी नहीं ले जाया करते थे बल्कि कुछ पक्षी कितने बड़े हुआ करते थे जो इंसान जितने बड़े जानवार को हवा में उड़ाकर खाने के लिए ले जाया करते थे।
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इसे हमारी खुशकिस्मती समझिए ना तो आज इतने बड़े जीव मौजूद है और ना ही उनके जमाने में इंसान मौजूद हुआ करते थे। लेकिन वो कितने बड़े हुआ करते थे। आइए एक नजर डालते हैं। हाल ही में अर्जेंटीना के शोधकर्ताओं ने दो ऐसे विशालकाय उड़ने वाले पक्षियों के जीवाश्म खोजें, जिनको उन्होंने ड्रैगन ऑफ डेथ का नाम दिया,
जिसमें टेरोस और प्रजाति डायनासोर के जिन की खोज मेंडोसा प्रांत में बने फ्रूट इनफार्मेशन से की गई है। इस प्रकार के विशालकाय डायनासोर को आपने सिर्फ jurasic park जैसी फिल्मों में देखा होगा, लेकिन यह महल मानव की कल्पना नहीं है। इन हड्डियों से पता चलता है कि उस सच में कितने बड़े और भयानक दिखते थे।
इन दोनों जीवाश्म के पंख लगभग 23 फिट और 30 फिट है इनके पंखों से अंदाजा लगा सकते हैं कि एक बार में ही इंसानों से भरी पूरी बस उठाकर अपने घोंसले में ले जा सकते हैं। इनके आगे तो फाइटर प्लेन भी किसी काम का नही रहते ।
डायनासोर की कितनी रफ्तार होती है ?
इतने बड़े पंखों के साथ इनके उड़ने की रफ्तार इतनी तेज होती है जिसकी वजह से इनका पीछा करना है या फिर किसी प्लेन का इन से पीछा छुड़ाना किसी के बस की बात नही है । पंखों वाला कोई पक्षी हमारे सामने अगर आसमान से उड़ कर बैठ भी जाएगा तो वैसे ही चक्कर खाकर हम गिर जाएंगे। देखा जाए,
तो इनको ड्रैगन of death कहना गलत नहीं होगा क्योंकि यह जहां भी होते हैं। मौत का तांडव कर रहे होते हैं। शोधकर्ता मानते हैं कि ए टेरेसा और फैमिली एच डॉट से जो कि आज लगभग 6 पॉइंट 614 पॉइंट 6 करोड़ साल पहले हुआ करते थे।
डायनासोर के कहानी के लेखक कौन है ?
इस शोध को लिखने वाले मुख्य लेखक लिया ना डीडीआरटी बताते हैं कि इन की खोपड़ी काफी बड़ी होती थी। जिसका आकार इनके शरीर से भी बड़ा होता था और जिन की गर्दन काफी लंबी हुआ करती थी और उनका शरीर बहुत छोटा होता था। अरे कभी हमारे ही धरती के आसमान में मंडरायल करते थे ।
शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि यह दोनों टेरासोर की मौत एक ही समय में हुई थी जिनमें से एक बुरी तरह से विकसित नहीं हुआ था। पूरी तरह से विकसित होने पर हो सकता है । डनासोर आकार और भी बड़ा होता और यह और भी भयंकर दिखाई देता। यह कहना मुश्किल है कि यह दोनों जानवर एक ही परिवार से थे या अलग-अलग इनकी मौत 850 करोड़ साल पहले हो चुकी है
दुनिया का सबसे बड़ा पंक्षी कोण है ?
और इसीलिए इन से मिलता-जुलता या किसी भी तरह से मेल खाता हुआ कोई भी पक्षी हमें आज तक देखने को नहीं मिला। दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी ऑस्टरिच है जो कि इतना भयानक नहीं सकता। क्योंकि ये पंक्षी उड़ नही सकता ।
मेडोजा की राजधानी से 800 किलोमीटर दूर एक जगह खुदाई का काम चालू था। जहां पर यह जीवाणु पाए गए थे। खास बात यह है कि मेंडोसा में अमेरिका का सबसे बड़ा पहाड़ एक गूंगा बुआ भी है जो जीवाश्म ढूंढने वाले वैज्ञानिकों के बीच में काफी मशहूर है। खासतौर पर डायनासोर के जीवाश्म यह जीवाश्म अगर किसी को देखने हो तो मेसोजा के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ यु यु की लैब और वहां के संग्रहालय में जाकर देख सकते हैं।
वहां पर आपको एक से बढ़कर एक डायनासोर के जीवाश्म देखने को मिलते हैं जिनको देख कर आप सोच रहे हैं कि हमारी आज की दुनिया कितनी safe है ना तो कोई चिराग जितना भयानक डायनासोर धरती पर है और ना ही आसमान से उड़ने वाला यह डायनासोर है । और कभी हम डिस्कवरी चानन पर चील को चूहे का शिकार करते हुए देखते हैं।
तब हमें पता चलता है कि चूहे को अपनी जान बचाने के लिए कितनी मेहनत कितनी मशक्कत करनी पड़ती है सोच कर देखिए आप अगर ये पक्षी अपने इतने बड़े पंखों के साथ धरती पर आज के समय में होता तो हमारा क्या होता। दुनिया का सबसे माहेर शिकारी कहलाए जाने वाले इंसान शायद खुद शिकार बन रहा होता ।
चूहे की जगह हम भाग रहे होते और यह पक्षी हमारा शिकार कर रहा होता और जैसा जुरासिक पार्क जिसको देखकर हमें बहुत मजा आया वो एक भयानक। में तब्दील हो जाता लेकिन अगर कहीं वैज्ञानिकों ने उनके जीवन से इनका डीएनए निकालकर इनको दोबारा बनाने में सफलता हासिल कर ली तो हो सकता है। जुरासिक पार्क में रियलिटी में देखने को मिल जाए।
तो दोस्तो उम्मीद करता है कि यह जानकारी आपको अच्छा लगा होगा । क्या आपके मन में कोई सवाल है । तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और इसे ही जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को subscribe जरूर करें । तो आज के लिए इतना ही अब हम चलते हैं फ़िर मिलेंगे न्यू जानकारी के साथ तब तक हमारे के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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