पेट्रोल कैसे बनता है और उसे समंदर के अंदर से कैसे निकाला जाता है? डिमांड इज ऑलवेज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टो इंक्रीज इन प्राइस ऑफ़ प्रोडक्ट , मतलब की मांग हमेशा के उत्पाद की वृद्धि ने सीधे आनुपातिक होती है। आज के समय में इसका उदाहरण जाहिर तौर पर हर पेट्रोल पंप पर दिखाई देता है।
बढ़ते समय के साथ जैसे-जैसे पेट्रोल और डीजल की डिमांड बढ़ती जा रही है, वैसे ही वैसे इसकी कीमत में इजाफा हो रहा है। शुरुआत में जो पेट्रोल आया था तब लोगों के पास कम साधन होते थे। तब इसकी जरूरत कमी थी और आज के समय में हर किसी के घर में हर सदस्य के लिए अलग-अलग गाड़ियां हैं। बाइक हैं।
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इसी कारण आज पेट्रोल डीजल की खपत भी बहुत ज्यादा हो गई है। कुछ लोग पेट्रोल और डीजल के महंगाई में सीधा सरकार को दोष देते हैं, पर ये कोई नहीं समझता की खपत ज्यादा होगी तो महंगाई बढ़ेगी। आज के पोस्ट में हम यही बात करेंगे कि पेट्रोल इतना महंगा क्यों है और इसे बनाया कैसे जाता है पोस्ट शुरू करते हैं और चलते हैं एक नई जानकारी की ओर जिसमें हम आपको बताएंगे। पेट्रोल कहां से आता है और कैसे इसे आप तक पहुंचा जाता है।
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samundar se petrol kaise nikalta hai
दोस्तों आप सभी ये तो जानते ही होंगे कि पेट्रोल एक नेचुरल रिसोर्सेस है। मतलब ऐसे इंसानों द्वारा नहीं बनाया जाता। इसे समंदर या जमीन से निकाला जाता है। हालांकि इसे समंदर या जमीन से निकालने के बाद इंसानों द्वारा इंडस्ट्रीज में अलग-अलग टीचर डिफाइन किया जाता है। पर यह तो एक नेचुरल रिसोर्सेज है । दरअसल पेट्रोल, हमें समुंदर और जमीन के नीचे से पेट्रोलियम के फॉर्म में मिलता है ।
जो एकदम काला और गाढ़ा होता है। पेट्रोलियम शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है । जिसका अर्थ है चट्टानों से मिलने वाला तेल पेट्रोल के बनने के बारे में हम आपको बताएंगे, लेकिन उससे पहले हम आपको ले चलते हैं। पेट्रोलियम के बनने के सफर पर दोस्तो आपको इसकी जानकारी बखूबी होगी कि पृथ्वी हमारे मतलब इंसानो के वजूद से पहले भी मौजूद थी।
आपको जानकर हैरानी होगी हम इस धरती के लिए नए प्राणी है। हमसे पहले इस धरती पर कई प्रजातियों ने जन्म लिया। अपने स्तर पर अपना विकास किया और पीढ़ी दर पीढ़ी अपना जीवन जिया। हालांकि इन सभी प्रजातियों में सिर्फ इंसान ही है। जो इतनी तरक्की कर पाया और विकास को आज आसमान के स्तर तक ले जाकर आज किस हाल में वो आप देख सकते हैं। समय-समय पर जन्म लेने वाले इन प्रजातियों के साथ साथ पृथ्वी में कई बदलाव आते गए।
बीते समय में पृथ्वी पर कई आपदाएं आई जिसने हमारे पहले की प्रजातियों और पेड़-पौधों को धरती के भीतर समा लिया और हजारों सालों तक जब यह प्रजातियां पेड़ पौधे जमीन की गहराई में दफन रहे तो अंदर ही अंदर ही ये समा गए । इन्होंने रूप लिया पेट्रोल का दरशल इन कंपोजीशन की वजह से धरती के अंदर और ही थी जिसने इनके बचे खुईचे लिक्विड के फोम में बदल दिया ।
पेट्रोल कैसे निकलता है?
इस पेट्रोलियम को इंडस्ट्रियल लैंग्वेज में क्रूड ऑयल कहा जाता है इस स्प्रूड ऑयल को निकालने के बाद टैंकर में भरकर से रिफाइनरी तक पहुंचाया जाता है जहा रिफाइन होकर ही पेट्रोल, डीजल केरोसिन मोटर ऑयल और अन्य उत्पादों में बदल जाता है। जमीन से कच्चा तेल यानी क्रूड ऑयल निकालने के लिए जमीन में कुएं खोदे जाते हैं। फिर कुएं की गहराई में एक पाइप लाइन डालकर इसे निकाल लिया जाता है।
वही समंदर में क्रूड ऑयल को निकालने का तरीका इससे कुछ अलग है। समंदर से तेल निकालने के लिए फ्लोटिंग रिफाइनरी बनाई जाती है। समंदर से क्रूड ऑयल निकालने के लिए सबसे पहले प्लेटफार्म या कहीं यह तो बेस्ट तयार होता है। इस प्लेटफार्म को समंदर को क्यों फ्लोटिंग बाहर रखा जाता है। समंदर में जहां पर भी तेल मिलने की संभावना होती है।
समुंदर से तेल कैसे निकाला जाता है ?
वहा इस बार को समंदर की गहरी चट्टानों में बड़ी-बड़ी चैनो से बांध दिया जाता है ताकि पेट्रोल निकालते वक्त ये बाड़ पानी में इधर उधर ना हो । इसे बांधने की एक और वजह होती है। वह समुद्री तूफान इसे इतने मजबूती से बांधा जाता है कि समुद्री तूफ़ान भी से कोई नुकसान ना पहुंचा पाए। तैयार किए गए प्लेटफॉर्म के बेस्ट पर मशीनें लगाई जाती है।
पहले समुंदर की तलहटी में ड्रिल मशीन की मदद से हजारों फीट नीचे गड्ढा किया जाता है। जब भी गड्ढा समंदर के अंदर कच्चे तेल तक पहुंच जाता है तब इसी ड्रिल मशीन के सारे समंदर में पाइप लाइन डाली जाती है जिससे इसे बाहर निकाला जाता है।
तेल निकालने का डिपार्टमेंट ?
दोस्तो आप की जानकारी के लिए बता दे कच्चा तेल निकालने में ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री का प्लान रहता है इंडस्ट्री तीन भागों में बटा है। फिल्म इंडस्ट्री इंडस्ट्री इंडस्ट्री और डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्री आफ स्विम इंडस्ट्री कच्चे तेल को खोजने के लिए सर्चिंग का काम करती है। जहा उन्हे पेट्रोल मिलने की संभावना होती है। वहां वह यह सुनिश्चित करके कि सच में यहां से तेल निकलेगा या नहीं, खुदाई शुरु कर देती है और कच्चे तेल को निकालने का काम शुरू हो जाता है ।
कच्चे तेल को निकालना और फिर उसे सेल्स में भरना यही इनका काम होता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ओएनजीसी क्रियंस इंडिया ऑल इंडिया जैसी कंपनियां अब Upstream इंडिया के अंतर्गत आती है। वह मिडस्ट्रीम कंपनियों का काम होता है। क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल को खदानों से रिफाइनरी तक पहुंचाना ये पाइप लाइन के जरिए ऑयल के ट्रांसपोर्टेशन का काम भी करती है।
आयल टैंकर से भी कच्चे तेल को पहुंचाती है और दूसरे देशों तक बड़े-बड़े समुद्री जहाजों में ऑयल को ले जाना इसी कंपनी का काम होता है। स्पेक्ट्रा एनर्जी दिल्ली में एंड कंपनी ट्रांसकनाडा आदि कंपनियां मेडिस्ट्रीम इंडस्ट्री के अंतर्गत आती है।
तेल को कोण बदलता है ?
अब बात करते हैं डाउनस्विंग इंडस्ट्री की इंडस्ट्रीज बेसिकली रिफाइनरी कहलाती है। जहां कच्चे तेल को रिमाइंड कर के पेट्रोल डीजल और अन्य उत्पादों में बदला जाता है। बीपीसीएल एचपीसीएल और इंडियन ऑल जैसी कंपनियां भारत में रिफाइनरी का काम करती है। चलिए देखते हैं डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्रीज कच्चे तेल को रिफाइंड कैसे करती है,
कच्चे तेल को पेट्रोल में कैसे बदलता है ?
आपको बता दें। कच्चे तेल या क्रूड ऑयल को दूसरे उत्पादों में बदलने के लिए अलग-अलग तापमान में गर्म किया जाता है। इसके अलग-अलग तापमान पर गर्म करने के बाद हर स्तर पर हमें अलग-अलग उत्पाद प्राप्त होते हैं। सबसे पहले स्तर पर इसे 20 डिग्री पर गर्म करता है। उसे ब्यूटेन गैस प्राप्त होती है।
केरिशन और पेट्रोल कैसे बनता है ?
दूसरे स्तर पर इस 150 डिग्री पर गर्म करते हैं जिससे मैं गैसोलीन प्राप्त होता है और उसे गैसोलीन को पेट्रोल के नाम से जानते हैं। तीसरे स्तर पर 200 डिग्री पर गर्म किया जाता है। इसे जिससे हमें केरोसिन प्राप्त होता है, आपको बता दें। केरोसिन का इस्तेमाल हवाई जहाज के फियूल को बनाने में किया जाता है ।
पेट्रोल महंगा क्यों होता है ?
और फिर इसे 300 डिग्री पर गर्म किया जाता है । जिससे प्राप्त होता है। डीजल जनरेटर पर आते-आते डीजल काफी गाढ़ा हो जाता है। इसी कारण है पेट्रोल से सस्ता मिलता है। 5000 पर क्रूड ऑयल 370 डिग्री की हिट देता है जिसे प्राप्त होता है। मोटर ऑइल इसके लिए स्तरों में क्रूड ऑयल की प्योरिटी काफी नीचे गिर जाती है और जब से 400 डिग्री पर गर्म किया जाता है तो उसे प्राप्त होता है। डामर एस्फाल्ट नेता, कोलतार, चारकोल आदि।
डीजल सस्ता क्यों होता है ?
इसके बाद जितना भी क्रूड ऑयल बसता है, उससे लुब्रिकेंट ऑयल बना लिया जाता है। इन सब प्रोसेस के बाद पेट्रोल डीजल पहुंचते सीधा पेट्रोल पंप जहां इन्हे आप इस्तेमाल करने के लिए अपने-अपने वाहनों में डलवा दें। अब आप जान चुके होंगे। पेट्रोल और डीजल को कैसे बनाया जाता है और कैसे इसे आप तक पहुंचाया जाता है ।
तो आप जानते हैं। इसकी इतनी महंगी होने के कारणों को दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपसे पेट्रोल के रिफाइनरी में काम आने वाली इंडस्ट्री के बारे में बताया था। तब बता दिए सारे इंडस्ट्रीज पेट्रोल के लिए अरबों रुपए खर्च करती है। तब कहीं जाकर हमारे पास पेट्रोल आता है और हमारी गाड़ी चलती है ।
पेट्रोल इतना महंगा क्यों होता है ?
दोस्तों इतने महंगे होने का कारण इसके निकालने दूर-दूर तक रिफाईनरीज में पहुंचाने में काफी खर्च होना है। जिन देशों के पास अपने खुद के क्रूड ऑयल रिजर्व होता है, उनके पास ये सस्तो दामों में पहुंच जाता है और जिन देशों के पास इनके रिजराप नहीं है, उन देशों में बहुत ही महंगे दामों में पहुंचाया जाता है ।
दोषतो हमारे भारत के पास भी क्रूड ऑयल का कोई प्रस्नल रेजावर नहीं है। इसी कारण हमारे यहां काफी महंगे दामों में पहुंचता है। पर फिर भी पेट्रोल और डीजल की मैन्युफैक्चरिंग मोस्ट सेलिंग रेट में काफी अंतर है। इसका सबसे बड़ा कारण Tax है। अब हमारे भारत में देख लो जहां पर सेंट्रल गवर्नमेंट ऑफ और स्टेट गवर्नमेंट दोनों मिलकर पेट्रोलिंग की सेलिंग पर 60% का टैक्स बसूलती है ।
इसी चीज को देखकर पेट्रोल बेचने वाला और पेट्रोल का दाम इतना महंगा होता है । तो दोस्तो आप ने ये समझ गया होगा । की भारत में पैट्रोल इतना महंगा क्यों होता है। तो दोस्तो उम्मीद करता हूं कि ये जानकारी आपको अच्छा लगा होगा। तो क्या आपो मन में कोई सवाल है । तो आप हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । ताकि हम आपके हर सवालों का जवाब दे सके ।
आज के लिए इतना ही अब हम चलते है । फीर मिलेंगे न्यू जानकारी के साथ तब तक हमारे ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पेट्रोल किस चीज से बनता है
घर पर पेट्रोल कैसे बनाएं
डीजल कौन से देश में निकलता है
कच्चे तेल से पेट्रोल कैसे बनता है
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