Singapore जहाँ पर Google का Data center महजूद है। यही Google का एक Data center है। जो भारत के सबसे करीब है। लेकिन इसकी दूरी पूरे 6000km है। अभी आप जिस पोस्ट को पढ़ रहे है। ये पोस्ट इसी deta centar से यानी कि पूरे 6000km का सफर तय करके आप तक पहुचता है। लेकिन आप जरा सोच के देखिए । कि एक click करते ही कैसे ये पोस्ट त्रुन्त खुल जाता है। इसने 6000km के सफर को इतनी जल्दी कैसे तय कर लिया जानना चाहते हैं। कि कैसे इंटरनेट काम करता है। इसके तेज रफ्तार का राज क्या है। तो आप जाएगा नही बने रहिए इस पोस्ट के अंत तक
इंटरनेट कैसे काम करता है । How Internet works । इंटरनेट का इतिहास एवं यह कैसे काम करता है? । इंटरनेट कहां से आता है । इंडिया में इंटरनेट कहां से आता है । इंटरनेट क्या है यह किस प्रकार कार्य करता है?
वैसे कई लोगों को ये लगता है। की Internet starlight के माध्यम से आपके डिवाइस तक पहुचता है। लेकिन दोस्तो ऐसा कुछ भी नही है। आप ये कह सकते है। कि ये बिल्कुल impossible है। वो भी आज के जमाने मे क्योकि धरती के वेटर से starlight के दुरी पूरे 22000 Thousand m है। यानी कि अगर Deta center से starlight 3 data center किया जाए। तो एसे 22000 Thousand मिल का सफर तय करना पड़ेगा।
उसके बाद ये starlight से आपके डिवाइस तक deta transfer किया जाएगा। तो इसे फिर से 22000 हजार मिल का सफर तय करना पड़ेगा। यानी कि एक data को आपके mobile डिवाइस तक पहुंचने के लिए पूरे 44000 हजार मिल का सफर तय करना पड़ेगा। वो बात अलग है। कि
Elon musk जी ने plan बनाये है। Starlightके मदद से पूरी पृथ्वी पर internet का जाल बिछाने का लेकिन अभी उसमे time है। चलिए 44000 हजार मिल का सफर तय करके deta तो आपको अंतरिक्ष से मिल नही सकता अभी के अभी तो चलिए जानते है। इसका मतलब क्या है। यानी कि
इंटरनेट का इतिहास एवं यह कैसे काम करता है?
Google .Com खोलना हो। तो इसे खोलने में आपको 3 से 4 मिंट का वक्त लग जायेगा। अगर अंतरिक्ष से deta हुया आएगा। तो जाहिर है। इसी Speed तो आप बिलकुल पसन्द नही करने वाले है। तो इसी probalm को slove करने के लिए आज की तारीख में जो क्रेनेट Technology महजूद है। उसके तहद Internet के High Speed के लिए fiber poltical केवल की मदद ली जाती है।
ओर इसका नाम आपने कई बार सुना भी होगा। आज के समय पूरी दुनिया मे Optical Fyber kewal के जाल को बिछाने के काम बड़े बड़े कंपनी कर रही है। जैसे कि
इंटरनेट कैसे बनता है । इंटरनेट कहां से आता है
AT&T , ORANGE, VERIZON, AND GOOGLE , खुद समुद्र के गहराई में Optical fyber को बिछाने के लिए बड़े - बडे पानी की जहाज की मदद ली जाती है। जिनमे कुछ ऐसे उपकरण लगे होते है। जो शिधा optical fyber kewal को समुद्र के सतह में पूरी अच्छे तरह से बिछा देते है। लेकिन ये optical fyber के दरिये आप तक deta पहुचने का काम बहुत ही ज्यादा complicated होता है।
Optical fyber kewal आज हमारी पूरी दुनिया मे जाल की तरह फैला हुआ है। जिससे हर एक Deta centar canted है। हरेक देश canted है। पूरी दुनिया के सारे डिवाइस canected है। इसलिए ऐसी केवल के दरिये। आप तक internet आज की तारीख में सबसे तेजी से पहुचता है। लेकिन कैसे चलिए जानते है।
इंटरनेट क्या है यह किस प्रकार कार्य करता है?
जैसे कि आप जानते है। कि Facebook of Data Center अलग है। Google का Data centar अलग है। अभी आप जिस पोस्ट को Google पर पढ़ रहे है। ये भी एक Google का product है। जिसका Data centar भारत से 1000 हजारों km दूर है। अब सवाल ये उठता है। कि इतने सारे data centar से आप तक ये data पहुंचा कैसे जाता है।
इंटरनेट का क्या मतलब है?
असल मे सारे data organics करने का काम करता है। server हर data centar का अपना एक sarver होता है। sarver असल मे कुछ और नही बल्कि deta को store करने और उसे transfer करने का काम करता है। You tube पर आप जब भी videos देखते है। ये सारे videos Google के store में save किये जाते है।
आम भाषा मे कहे saever असल में जबरदस्त power full mashine होता है। जिसमे data trnasfer की speed आम computer से कही ज्यादा होती है। दुनिया के हर deta centar optical fyber kewal की मदद से जुड़ा होता है। जो दुनिया भर में deta पहुचाने का काम करता है। लेकिन बात यही पर खत्म नही होती है। deta किस तरह से transfer होता है। ये बहुत ही ज्यादा complix procer है।
इंटरनेट का इतिहास एवं यह कैसे काम करता है?
आपने ip adress का नाम तो सुना ही होगा। आप जानते है। कि हरेक डिवाइस का अपना एक ip adress होता है। की यानी आपके mobile का ip adress होता है। आपके computer का एक ip adress होता है। ठीक इसी तरह आपके wifi router का भी अपना एक ip adress होता है। एक ip adress असल मे डिवाइस की पहचान होती है। website का अपना एक पता होता है।
बिल्कुल उसी तरह जैसे कि आपके घर का पता होता है। लेकिन इस ip adress को आप याद नही कर सकते है। क्योंकि ये ढेर सारे नम्बरो की कॉम्पलवन्स से बनता है। जैसे कि 192.16.1.1 कुछ इस तरह के नम्बरो से एक ip adress बनाता है। अब आप ही बताये। आप हरेक website हरेक डिवाइस के ip adress को अपने दिमाग मे store कर सकते है। सायद बिल्कुल भी नहीं बस इसी चीज को सरल बनाने के लिए हम सब Sub Domin का इस्तेमाल करते है।
इंटरनेट क्या है उसकी उपयोगिता को प्रतिपादित कीजिए
.Com domin यानी कि website का नाम जैसे कि Fecebook.com , verma news.com, You Tube .Com Google.com , ये सभी website के domin name है। जब कभी भी आप अपने mobile के डिवाइस पर website का नाम डालते है। तो sarver ऐसे ip अड्रेसस में convert करता है। फिर आपके requst को deta centar तक पहुचाता है। लेकिन क्या आप जानते है। कि ip adress यानी कि डिवाइस का पता कोंन असाइन करता है। यानी कोंन है। जो बता सकता है। कि आप का डिवाइस का पता ये है।
Internet को कोंन कंट्रोल करता है?
ip adress को असांइन करना उसे control करने का काम ican यानी कि internet corporation asaint number द्वारा किया जाता है। ये amrica के ऐसे संस्था है जो ip adress ओर domin name को रजिस्टर करने के काम करता है। किसी भी sarver को deta transfer करने के लिए Restore करने के लिए ip adress की जरूरत होती है।
Ip adress क्या है। ip adress से क्या होता है?
आप ये समझ लीजिए कि Internet को इन numbero की भाषा समझ मे आती है। यहाँ तक की आप जब किसी website को अक्ससेस करने के लिए नाम डालते है। तो sarver तक उस website को अक्ससेस करने के लिए numbero का एक कॉम्पलवन्स भेजा जाता है। जिससे हम ip adress कहते है।
Data centar इस ip adress की पहचान करता है। साथ ही साथ आपके डिवाइस के ip adress को Addintify करता है। उसके बाद data एक्सप्रेस करने की अनुमति देता है। उसके बाद data centar का sarver data transfer करना शुरू कर देता है। जिसके बाद ये deta optical fyber kewal के मदद से आ आपके इंटरनेट के बल या mobile टावर तक पहुचता है।
How Internet works - internet कैसे काम करता है?
जिसके बाद आपके इंटरनेट sarvice provider का ये mobile टावर आपके mobile डिवाइस तक Data पहुचाने का काम करता है। आप जरा के भी सोच के देखिए कि इतने सारे नम्बरो की complications को आणि की इतने सारे ip adress को आखिर एक sarver पहचाता कैसे है।
एक Data centar अनेकों ip adress कैसे कंट्रोल करता है?
Domin name को ip adress में convert किया जाता है। असल मे ये सारा काम आपके internet sarvis provider करता है। जब कभी भी अब अपने mobile डिवाइस को किसी website आ किसी videos को अक्ससेस करने की requst भेजते है। तो आपका internet sarver इस peovider DNS SARVER की मदद लेता है।
DNS Server क्या होता है?
DNS sarver एक तरह की डिरेक्टिली होता है। बिल्कुल उसी तरह की डारेक्टली जिसका इस्तेमाल आपके किसी व्यक्ति के phone number तलासने के लिए इस्तेमाल करते हैं। होता ये है। कि जब आपका mobile किसी website को एक्सप्रेस करने में लिए requst भेजता है तो आप के internt sarvics provider का DNS उसे ip adress में convert करता है।
ओर उसे Data Center तक पहुचाने का काम करता है। ये सारा प्रोसेस बहुत ही fast होता है। लेकिन कई बार ज्यादा trafic होने की वजह से आपने देखा होगा। कि किसी videos को देखने के लिए आप फिर website को एक्सप्रेस करने के लिए हमे थोड़ा ज्यादा समय लग जाता है। जानते है क्यो
क्योंकि आप जिस Data को एक्सप्रेस करना चाहते है। Data center सारे Data के number के कॉम्पलवन्स में Store करके रखता है। उसके बाद जब आओ इस Data को Transfer करने के लिए Data Center से requst करते है। तो सारा data एक साथ शो नही होता है। बल्कि टुकड़ो में optical fyber की मदद से transfer किया जाता है। जिसे Packesta कहाँ जाता है।
Data packets इसके बाद आपका Internet Sarvis provider इस सारे Data के कॉम्पलवन्स को असम्बल करता है। वे आप तक पहुचाने का काम करता है। लेकिन सोच के देखिए कि क्या अगर किसी Data के टुकड़ा कही और चला गया तो क्या हो सकता है। आपको website आधी देखने को मिलेगी। या video चलेगा ही नही
क्या कभी आपके साथ ऐसा हुया है। वैसे सायद ही आपके साथ कुछ ऐसा हुया हो। क्योकि सारे Data के कॉम्पलवन्स को अजेक्ट तरीके से संभल करने के लिए प्रोटोकॉल की मदद ली जाती है।
Protocalls क्या होता है?
प्रोटोकल्स ये डिफिन्स करते है। कि कोंन सा Data pakets किसी Data के टुकड़े का कॉम्पलवन्स है। इन्ही प्रोटोकॉल की मदद से आपका Data कभी loss नही होता है।
दोस्तो अब जरा कल्पना करके देखिए कि कभी optical fyber kewal discount हो गया सारा का सारा internet एक दिन के लिए पूरी दुनिया से गायब हो गया तो क्या होगा। जानते है कितनी बड़ी तबाही आएगी।
सारी banking sarvis जो आज internet के मदद से चल रही है। वो पूरी तरीके से ठप्पा पड़ जाएंगे। Stok market में लोग इन्वेस्टमेंट नही कर पाएंगे। GPS की मदद से चलने वाले सारी System फेल हो जाएगी। बस आप ये समझ लीजिए। कि पूरी दुनिया एक दिन के लिए थम जाएगी। क्योकि आज internet के बिना हमे दुनिया के कल्पना ही नही कर सकते है।
रोज मरा के छोटे से छोटे कामो के लिए भी आज हमे internet की जरूरत पड़ती है। आप इतना तो समझ ही गये होंगे। कि internet आज हमारे लिए कितना ज्यादा जरूरी है। साथ ही साथ आपको इतना ही मालूम चल गया होगा। कि छोटा सा video ओर एक webaite का page कितना लंबा सफर तय करके कितने सारे कॉम्पलवन्स प्रोसेस तक गुजर कर आपके तक पहुचता है।
इसलिए दोस्तो itnernet का इस्तेमाल फिजूल के कामो में बिल्कुल मत कीजिये। जितना हो सके। इससे ज्ञान लीजिए क्योकि आप बहुत lucky जो कि इसी internet विलुषण में पैदा हुए है। जहाँ पे knowladge के लिए आपको किसी को पैसे नही देने पड़ेंगे।
ओर जितना हो सके इस पोस्ट को इस दुनिया में share कीजिये। facebook व्हाट्सएप you tube पर ताकि लोग समझ सके। कि इंटरनेट चलता कैसे है तो फिर मिलेंगे एक ओर दिलचस्प पोस्ट में तब तक के लिए आप सभी को इस पोस्ट के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो का दिल से धन्यवाद,,,
इंटरनेट कैसे बनता है
इंटरनेट वर्किंग के सिद्धांत क्या है
इंटरनेट कहां से आता है
इंडिया में इंटरनेट कहां से आता है
इंटरनेट क्या है उसकी उपयोगिता को प्रतिपादित कीजिए
इंटरनेट क्या है यह किस प्रकार कार्य करता है?
इंटरनेट का इतिहास एवं यह कैसे काम करता है?
इंटरनेट का क्या मतलब है?
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