भारत मे रहकर हर साल आपने रावण का वध तो जरूर किया होगा। रावण जरूर जलाया होगा। दशहरा जरूर मनाया होगा। लेकिन क्या आप जानते है। कि दुनिया मे एक ऐसी भी जगह है। जहाँ पर रावण का नही बल्कि राम का पुतला जलाया जाता है। और यहाँ पर रावण की पूजा भी होती है।
जानना चाहते है। कि वो कोंन सी जगह है। तो चलिए जानते हैं। आखिर यहाँ पर क्यो रावण को पूजा जाता है।
क्या श्रीलंका में रावण की पूजा होती है । लंका में किसकी पूजा होती है । राम का पुतला कहां जलाया जाता है
अगर आपने कभी भी रामायण सुनी होगी। तो आप को ये तो जरूर पता होगा। कि रावण श्री लंका का रहने वाला था। उसका सारा साम्राज्य श्री लंका में फैला हुआ था। लंका में रह कर उसने सोने का विशाल महल तैयार कर दिया था। रामायण की पूरी कहानी में रामन के द्वारा माँ सीता के हरण किया गया था।
जिसके बाद राम जी को रामन से युद्ध करना पड़ा। लेकिन आखिर कार रामन का वध हो गया । ये कहानी तो हम सभी को पता है। इस बात को लेकर हम सदियों से दशहरा मनाते आ रहे है। रावण का पुतला बनाकर उसका दहन करते आ रहे है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है। आखिर दशहरा के दिन रामन के लंका में क्या होता है। जी हां हम बात कर रहे है।
क्या श्रीलंका में रावण की पूजा होती है
श्री लंका की जहाँ पर शादियों से पहले रामन का राज हुया करता था। पूरा का पूरा श्री लंका उसके अधीन थे। यानी कि श्री लंका वाशियों के लिए रामन किसी भगवान से कम नही था। सोचिए उस दिन वहाँ के लोग रावण के लिए साथ क्या करते होंगे। आपको जानकर हैरानी होगी। कि जब आप श्री लंका जाएंगे। तो वहाँ पर आपको रामन का मंदिर मिलेगा।
यहाँ पर लोग आज भी रावण के पूजा करते है। इस बात को जानकर हैरानी मत होइये क्योकि आगे और भी बहुत सारे राज छुपे हुए हैं। इसी के साथ - साथ ये भी कहा जाता है। कि जिस तरह से भारत मे रामन का पुतला दहन किया जाता है।
राम का पुतला कहां जलाया जाता है
उसी तरह से श्री लंका में राम जी का पुतला दहन होता है। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है। असल मे कोई नही जानता है। जब आप श्री लंका जाएंगे। तो आपको वहाँ पर कोई भी राम का पुतला दहन का समारोह होते हुए। नही दिखाई देगा। जानते है। क्यो
क्योकि श्री लंका में अभी भी 12% हिन्दू के आबादी है। जिनके लिए श्री राम भगवान स्वरूप है। लेकिन हां श्री लंका में रावण का पुतला जरूर जलाया जाता है। अब ये बात आपको अटपटी जरूर लगेगी की एक तरफ जहां रावण का मंदिर है। और दूसरी तरफ उनका पुतला भी दहन होता है। लेकिन सचाई यही है।
लंका में किसकी पूजा होती है
की जो हिन्दू श्री लंका पर लंबे समय से निवेश करते है। और रावण का पुतला जलाते है। यहाँ तक की दशहरे के वक्त रावण के पुतले को बनाने के लिए लोगो के बीच कॉम्पिटिशन भी होता है। किसका पुतला सबसे ज्यादा बड़ा होगा।
तो आये कोई आपसे कहे कि श्री लंका में राम जी का पुतला दहन किया जाता है। तो आपको बता दे कि इस बात में कोई सच्चाई नही है। या तो आपको internet पर ऐसा कोई भी videos भी देखने को नही मिलेगा।
यहाँ आप हर साल दसहरा मानते है। लेकिन क्या आपको पता है। कि हर साल आखिर रामन का पुतला क्यो दहन किया जाता है। क्यो दशहरा मनाया जाता है।
रावण को क्यों जलाया जाता है
देखा जाए तो भारत मे रावण को लेकर अलग - अलग विचार धारए है। भारत मे लोग रावण को अहंकार राक्षस प्रवति मानते है। तो ये सच भी है। लेकिन इन सच के अलावा उसके कुछ अच्छे गुण भी थे।
रावण का वो सच जो सबसे छुपाया गया
जैसे कि वो बोटिक परिवार से संबंध रखता था। उनके पिता एक सद ऋषि थे। हैरानी की बात जरूर है। लेकिन सच्चाई यही है। कि राच्छ का जन्म एक अच्छे धार्मिक परिवार में हुया था। लेकिन इन सब के अलावा ये भी कहा जाता है। कि रावण आयुर्वेद पर लिखे गए 7 पुस्तक के लेखक है।
ओर ये प्राकृतिक अभेब्य के ऊपर क्या शक्ति पर गहरा ज्ञान था। और वे लोगो की बीमारियों की इलाज कर सकते थे। यहाँ तक की उसने अपने पत्नी के अनुरोध पर शिशु के लिए आयुवेदिक उपचार पर पुस्तक भी लिखी थी। ज्ञानी होने के अलावा कह सकते है। कि वो एक
महान इंजीनियर भी था। आपको रामायण याद हो तो आपको वो खिस्सा जरूर याद होगा। जब रामन सीता माता का हरण करके अपने पुष्पक विमान में ले जा रहा था। जानते है। की ये पुष्पक विमान आया कहा से इस पुष्पक विमान को बनाने का काम रावण ने ही किया था।
लेकिन इतना ज्ञानी होने के बाद भी हर साल उसको दहन किया जाता है। असल मे इसके पीछे कहानी छिपी हुई है। कि ये उस वक्त की बात है। जब रामन अपने अंतिम सांस ले रहा था।
राम जी ने जब रामन की नाभि पर तीर चला कर उसके नाभि में पड़े अमृत को पूरी तरह से सूखा दिया तब जाकर रामन की मृत्यु हुई थी। जब रावण अपने अंतिम सांस ले रहा था। तब राम जी ने अपने भाई लक्ष्मण को रावण के पास भेजा ये जानने के लिए उसके राज धर्म का रहस्य क्या था।
रावण का अच्छा गुण जो रामायण में छुपाया गया
यानी कि आगे उसकी कैसी योजना था। तब अपने आखिरी समय मे रावण ने कहा था। मेने सीता माता का हरण करके अपनी जिंदगी के सबसे बड़ी भूल की है। मेने तीन योजनाएं बनाई थी। जिसमे 1 योजना थी कि वो स्वर्ग तक सीधी बनाना चाहता था।
Step.2 रामन समुद्र के खारे पानी को मीठा बनाना चाहता था। और सोने में सुगंध डालना चाहता था। यानी कि Gold medale में सुघन्ध डालना चाहता था। ये रावण की योजनाएं थी दोस्तो स्वर्ग की सीधी समुद्र के पानी को मीठा बनाना और gold में सुगंध डालना ।
लेकिन इन 3 योजनाएं को सफल करने की जगह में माँ सीता का अपहरण कर लिया यह कहा पसाथ आग में तप कर कहाँ रावण ने आखिर सांसों को लेते हुए। देखिए वैसे तो रावण तो बड़ा विद्धमान था। वेदों का ज्ञता था। पंडितों के महा पंडित था। लेकिन उसकी एक भूल की वजह से उसका सब कुछ समाप्त हो गया ।
अपने आखिरी समय मे उसने बताया उसे सक था राम अवतार है। कि नही उसका ये मानना था। कि अगर श्री राम अवतार होंगे तो सीता को आजाद करा लेंगे नही तो रावण सीता को पटरानी बना कर हमेशा के लिए अपने साथ रख लेगा।
अंतिम समय रावण ने श्री राम से क्या कहा
जब रावण का आखिरी समय नजदीक था तो उसने श्री राम से कहा में तुमसे हार कर भी जीत चुका हूं। क्योकि आप भगवान का अवतार हैं। इसलिए तुम्हारे हाथों मर कर मुझे मुक्ति ही मिलेगी। और मुक्ति का हकदार भी हूं। इसलिए में आपसे प्राथना करता हूं। कि मुझे मृत्यु लोक से मुक्त कर दीजिए।
आखिर कार श्री राम ने भी उसके तत्व को स्वीकार कर लिया और उसे इस मृत्यु लोक से हमेशा के लिए मुक्त कर दिया। लेकिन देखा जाए। रावण भले ही विद्धवान था। भले पंडितों के महा पंडित था। लेकिन उनकी प्रिवीति पूरी तरह से सामाजिक थी। उसके अंदर अहनकर था। और कही ना कही वो एक अज्ञानता का प्रतीक भी था।
इसके साथ - साथ उसकी राच्छ वाली चार धारा की वजह से उसके सारे साम्राज्य का नाश हो गया। बस इसी वजह से उसकी यह सामाजिक प्रवित्ति ओर राच्छ धरि विचार धारक का अध्ययन करने के लिए लोग से अब तक उसका पुतला दहन करते आ रहे है।
रावण का पुतला क्यो जलाया जाता है
हर साल दशहरे में आपने बुजुर्गों से सुना होगा। कि दशहरे के वक्त बुरी चीजो का नाश होता है। सच्चाई की जीत होती है। लेकिन दोस्तो इसके पीछे एक सच्चाई उव भी की रावण एक ब्राह्मण था। और उसने सीता माता से कभी जबर्दस्ती नही किया था।
लेकिन अगर आप आज के हालातों को देखिए तो हर गली मोहल्ले में लड़कियों को छेड़ने की घटनाएं उनके साथ शारीरक सोसन की घटनाओं हमेशा लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन हर साल हम रावण का पुतला दहन करते है। लेकिन इस बात को सभी जानते है। कि रावण का वध करने वाले श्री राम थे।
अब आप बताये की आज के समय मे जो लोग रावण का पुतला दहन करते है। क्या वाकई में उनके अंदर राम बसे हुए है। कि नही ।
दोस्तो बात गहरी है। लेकिन सच्चाई यही है। हर कोई इसे उत्सव के रूप में मनाते है। लेकिन सच्चाई यही है। जब तक मन मे आप श्री राम को नही रखेंगे। तब तक आप किसी रावण का वध नही कर सकते है। बात समझ गए होंगे। तो जितना हो सके। इस पोस्ट को शेयर कीजिये।
ताकि बाकी लोगो तक ये जानकरी पहुंच सके। मिलते हैं कल एक दिलचस्प पोस्ट में तब तक हमारे पोस्ट के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो का दिल से धन्यवाद,,,
भारत में रावण का मंदिर कहां है
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भारत के किस राज्य में रावण का मंदिर है
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