नमस्कार आप सभी का स्वागत है। सनातन धर्म में हमारे महान ऋषि मुनियों द्वारा देवताओं के से कई मंत्र और सूचियों का निर्माण किया गया है । जिनके द्वारा हमारे जीवन में आने वाली मुश्किल से मुश्किल समस्या का समाधान मिल जाता है । हनुमान चालीसा भी इन्हे एस्टिट में एक है । हनुमान चालीसा का निर्माण किसने श्री तुलसी जी महराज ने किया था।
कलयुग में मात्र हनुमान जी ही है । जो चिरंजीवी यानी वर्तमान समय में भी हनुमान जी पृथ्वी लोक पर उपस्थित है। और अपने भक्तों का कल्याण कर रहे है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति को कभी अपने जीवन में धन और ऐश्वर्य की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। उसका जीवन आनंद और ऐश्वर्य से भर जाता है ।
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अगर हनुमान चालीसा के शक्ति देखना चाहते हैं तो,सुबह उठकर ऐसे पढ़ ले हनुमान चालीसा और देखें चमत्कार
अगर हनुमान चालीसा की बात करें तो हनुमान चालीसा की हर एक पंक्ति महामंत्र मानी जाती है इस कलयुग में सभी देवताओं में सबसे ज्यादा प्रभाव हनुमान जी का ही है। इसलिए हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।
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हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या होता है ?
आइए जान लेते हैं हनुमान चालीसा का पाठ करने से कौन से फायदे मिलते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ किस प्रकार से करना चाहिए। सबसे पहले जानते हैं हनुमान चालीसा को पढ़ने के क्या फायदे है । सबसे पहले बात पैसे मुक्ति मिलती हनुमान चालीसा का पाठ करने वाला व्यक्ति सभी प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है।
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जीवन में कई बार व्यक्ति को कई बार वाक्ती को छोटी छोटी चीजों से डर लगने लगता है । तो कई बार भूत प्रेत जैसी बुरी शक्तियां भी आ जाती है। ऐसे वक्त में हनुमान चालीसा का पाठ करने से उस व्यक्ति को अपने भविष्य से मुक्ति प्राप्त होती है।
हनुमान चालीसा पढ़ने से बिमारी नही होता है ?
दूसरी बात बड़े बड़े रोगों से मुक्ति मिलता है । कहा जाता है कि हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करने से मनुष्य के शरीर से सभी प्रकार के प्राण घातक रोगों का नाश होता है। कई बार लोगो ने स्वय इस चमत्कार को महसूस किया है । नासे रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा हनुमान चालीसा में भी कहा गया है। जो भी हनुमान चालीसा का पाठ करता है। उसके सभी रोगों का नाश होता है।
हनुमान चालीसा पढ़ने से आर्थिक समस्या से छुटकारा मिल जाता है ?
आर्थिक समस्या हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है। अगर कोई व्यक्ति कर्ज से परेशान है । तो उस से नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने पर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगता है। वहीं पर खर्च होने वाले धन में कमी आती है। कई लोगों ने हनुमान चालीसा के इस चमत्कार को स्वयं महसूस किया है ।
हनुमान चालीसा पढ़ने से मनोकामना पूर्ण होती है ?
इचावो की पूर्ति जो मनुष्य हनुमान चालीसा का पाठ करता है । उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। यदि मनुष्य अच्छा जीवन साथी चाहता है या कोई अच्छी नौकरी चाहता है । जिससे पाने के लिए वो बहुत मेहनत भी कर रहा है । तो उसमे मेहनत करते समय हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।
इस से उसकी सफलता के मार्ग में आने वाले संकट नष्ट हो जाते हैं। जैसे हनुमान चालीसा में कहा गया और मनोरथ जो कोई लावे सोई अमित जीवन फल पावे यानी कि हनुमान चालीसा भक्ति की मनोकामना पूर्ण करने वाली है ।
हनुमान चालीसा पढ़ने से शनि देव प्रश्न होता है ?
शनि कुदृष्टि हनुमान चालीसा का सबसे बड़ा फायदा यह भी माना जाता है कि जो मनुष्य जिस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उस दिन शनिदेव उस मनुष्य पर दृष्टि नहि डालते हैं । इसी कारण से मनुष्य के मार्ग में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आती है। उसके साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना नहीं होती है। इसलिए मनुष्य को नित्य हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। आए अब जानते हैं
हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करना चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ रात्रि के समय में और सुबह के समय में एक बार किया जाना चाहिए। वही कष्ट होने पर हनुमान चालीसा का पाठ लगातार 108 बार करना चाहिए। इससे मुक्ति मिलती है । हनुमान चालीसा का पाठ सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करना सर्वोत्तम माना गया है।
इस समय पर हनुमान चालीसा का पाठ करने पर हनुमान चालीसा की संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है। हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए आसन्न करने के पश्चात हनुमान जी को नमस्कार करें और हनुमान जी की तस्वीर के सामने दीपक जलाकर एक पीतल का कलश रखकर हनुमान चालीसा के पाठ को शुरू करें।
हनुमान चालीसा का पाठ पूर्ण होने के पश्चात हनुमान जी की आरती करनी चाहिए और कलश में रखे हुए जल को पूरे घर में छिड़क देना चाहिए। एसा करने से हनुमान जी अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और उनके हर इच्छा को पूर्ण करते हैं तो इस प्रकार से हमें हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
हनुमान चालीसा पढ़ने वाला क्या अमर होता है ?
दोस्तों हनुमान जी की महान गाथा और गुणों का वर्णन करते हुए 16वीं शताब्दी में गोस्वामी तुलसीदास जी ने एक स्तोत्र की रचना की थी, जिसे श्री हनुमान चालीसा कहते हैं। इस स्तोत्र में 40 लोक है । इसलिए इसे चालीसा कहा जाता है। हनुमान चालीसा में हनुमान जी के 108 नाम लिखे गए हैं।
इस प्रकार से यदि हम हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो हम हनुमान जी के नामों का भी हनुमान जी के इन नामों का उच्चारण करते हैं । चालीसा के 40 लोको को तुलसीदास जी ने इस प्रकार लिखा है कि पहले के जैसे लोगों या चौपाइयों में श्री हनुमान जी के व्यक्तित्व का परिचय और उनके रूप का उल्लेख करते हुए उनकी बल बुद्धि विद्या ज्ञान और शौर्य का वर्णन किया है।
11 से 20 चौपाइयों से प्रभु श्री राम के प्रति श्री हनुमान जी की भक्ति की झलक दिखाई देती है। लक्ष्मण को मूर्छित अवस्था से बाहर लाने के लिए पूरा पर्वत उठाने वाले हनुमान जी की भक्ति की शक्ति से प्रभावित होकर प्रभु श्री राम ने उन्हें अपने गले से लगा लिया था। इस तरह हनुमान जी ने सुग्रीव को प्रभु श्रीराम से मिला कर उस पर उपकार किया था ।
हनुमान चालीसा में क्या - क्या उल्लेख किया गया है ?
विभीषण ने हनुमान जी की बात मानी और रावण की मृत्यु के बाद भी लंकेश्वर बन गए। इन पंक्तियों में इन सभी बातों का वर्णन किया गया है। अगली सभी चौपाइयों में तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा को पढ़ने का महत्व बताया। है ।
हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे ?
चारों जुग परताप तुम्हारा है। प्रसिद्ध जगत उजियारा इन चौपाइयों में श्री राम के प्रति हनुमान जी की भक्ति का वर्णन है और साथ ही भूत पिशाच और बुरी शक्तियों से हमें बचाने वाले हमारी मनोकामना को पूर्ण करने वाले सभी सुखों के दाता कठिन से कठिन कामों को सरल बनाने वाली सभी संकट और रोगों से मुक्ति दिलाने वाले साधु संतों की रक्षा करने वाले तेजस्वी और बलशाली जिनकी प्रसिद्धि पूरे जगत में फैली हुई है ।
तथा जो प्रभु श्रीराम को अत्यंत प्रिय है, ऐसे श्री हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए नित्य रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। यह बताया गया है। शनि के प्रकोप से मुक्त होने के लिए श्री हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। जिस तरह में हमेशा सिखाया गया है की ईश्वर से संबंधित कोई भी पूजा पाठ मंत्र उच्चार यश्लोक पठन हमेशा ही शास्त्रीय विधि-विधान से ही और नियमों का पालन करते हुए संपन्न किया जाना चाहिए।
हनुमान चालीसा कब पढ़ना चाहिए ?
नहीं तो नियमों की अनदेखी करने से इसका हमारे जीवन पर शुभ प्रभाव पड़ने की बजाय हमें इसका अशुभ फल ही मिलता है। इसी तरह श्री हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए भी हमें कुछ नियमों का कठोरता से पालन करना चाहिए। अन्यथा शांत स्वभाव वाले हनुमान जी भी हम पर क्रोधित हो सकते हैं। परंतु यह भी ध्यान में रखें कि श्री हनुमान जी हमें संकटों से मुक्ति दिलाने वाले हैं।
इसलिए कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे यदि आप आश्वासन है । बैचेन है , डरे हुए हैं । यह किसी अन्य कारणवश विधि विधान से हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो आप ऐसी स्थिति में जहां पर हो जिस अवस्था में हो या जिस परिस्थिति में हो, आप को हनुमान चालीसा आती है तो जरूर पढ़ें। हनुमान जी तभी आपकी रक्षा जरूर करेंगे ।
हनुमान चालीसा पढ़ने का क्या नियम है ?
तो चलिए हम देखते हैं कि हनुमान चालीसा पढ़ने के क्या नियम है सबसे पहली बात हनुमान चालीसा का पाठ करते समय सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि कभी भी हनुमान चालीसा का पाठ मैं ना तो अधूरा पड़े । और ना ही अधूरा सुने हनुमान चालीसा संपूर्ण करके ही अपने स्थान से उठे। फ्लोकेयर चौपाइयों का उच्चारण सही रखे। हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू करने से पहले प्रभु श्री राम और माता सीता को प्रणाम करें।
स्टेप.2 हनुमान चालीसा हमेशा आसन पर बैठकर ही पढ़नी चाहिए। पाठ करने से पहले अपने घर में ही इशान दिशा यानी कि उत्तर-पूर्व दिशा में ही श्री हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर को किसी लाल कपड़े पर स्थापित करें। पूजा अर्चना करके लाल फूल, सिंदूर, चमेली का तेल और हनुमान जी की प्रिय वस्तुओं को अर्पित करें और पूरे मनोयोग से श्री राम माता जानकी और हनुमान जी का स्मरण करें।
पूरी श्रद्धा भक्ति से श्री हनुमान जी का स्मरण करने से निश्चित रूप से आपको अनुभूति होगी कि श्री हनुमान जी हमारे आस पास ही है। श्री हनुमान जी का प्रत्यय रूप शुभ होता है परंतु घर में या पूजा करते समय हमे उनका आशीर्वाद देती हुई तस्वीर ही स्थापित करें। साथ में जल से भरा हुआ है। एक लोटा रखें।
स्टेप.3 हनुमान चालीसा का पाठ दिन में 3 बार 5 बार 7 बार या फिर 11 12 अवश्य करे । हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करने से हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन से सभी संकटों का अंत होता है। पाठ संपन्न होने के बाद हनुमान जी की आरती करें और लोटे में जो जल भर कर रखा था, उसका छिड़काव पूरे घर में करें। ऐसे घर के अंदर की सभी नकारात्मक ऊर्जा बुरी नजर समाप्त हो जाएगी । तो दोस्तों इस प्रकार से आप हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो आप पर हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की पूजा आराधना की जाती है। इसीलिए शनिवार के दिन ऐसे कोई भी कार्य नहीं करनी चाहिए जो शनिदेव को आप्रिय है। दोस्तों शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए हम कई उपाय करते हैं। शनिदेव को उनकी प्रिय वस्तुएं चढ़ाते हैं। साथ ही शनिदेव की प्रिय वस्तुओं का दान भी करते हैं ।
जिस प्रकार से शनिदेव को कुछ वस्तुएं प्रिय होती है, वैसे ही शनिदेव को कुछ चीजें अत्यंत पअप्रिय होती हैं। शनिवार के दिन इन चीजों को छूना तो दूर इनकी तरफ देखना भी अशुभ माना जाता है। अन्यथा व्यक्ति को शनि देव के दंड का ही सामना करना पड़ता है। शनिदेव को यह चीजें इतनी अप्रिय है कि जो भी इन्हें धारण करता है, शनि देव खुशी कभी क्षमा नहीं करते।
उस व्यक्ति को शनि देव की कुदृष्टि का सामना करना पड़ता है। चाहे देवता हो या मनुष्य सभी शनिदेव की कुदृष्टि से भयभीत रहते हैं। शास्त्रों में साफ-साफ बताया गया है कि जो मनुष्य इन वस्तुओं को अपने पास रखता है, वह शनिदेव की कोदृष्टि से बच नहीं सकता। दोस्तों शनिदेव इस पृथ्वी लोक एकमात्र न्यायाधीश है। सूर्य पुत्र शनि मृत्यु लोक के एक ऐसे स्वामी है ।
जो समय आने पर मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर उसे सजा देते हैं। शनिदेव जिस पर प्रसन्न होते हैं उसे धन-संपत्ति, ऐश्वर्या और मोक्ष प्रदान करते हैं। कहते हैं कि शनि पापियों के लिए अत्यंत दुख दायक है। शनि की दशा आने पर मनुष्य के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं जिससे किसी भी मनुष्य का जीवन डगमगा सकता है।
परंतु शनिदेव अच्छे कर्म करने वालों के लिए अत्यंत शुभ फल देते हैं। शनिदेव को वो लोग अत्यंत प्रिय है जो न्याय से धन प्राप्त करते हैं। हमेशा अपने शरीर को स्वस्थ रखते हैं। समय-समय पर अपने नाखून तथा बाल काटते हैं।
शनिदेव को खुश कैसे किया जाता है ?
शनि देव को दान धर्म करने वाले लोग भी प्रिय होते हैं।ऐसे लोगों को शनिदेव सभी प्रकार के सुख देते हैं। जो लोग कुत्तों को पालते हैं अथवा उन्हें शनिवार के दिन रोटी खिलाते हैं। शनिदेव उन पर हमेशा मेहरबान रहते हैं जो मनुष्य पशु पक्षियों को परेशान नहीं करते। उनकी सेवा करते हैं। ऐसे लोग शनिदेव को प्रिय होते हैं। शनिवार के दिन उपवास करने वाले मनुष्य को शनिदेव आरोग्य प्रदान करते हैं। उनके सभी रोगों का नाश करते हैं ।
जो लोग शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करते हैं अथवा शमी के वृक्ष की पूजा करते हैं। इन वृक्षों के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं। शनि उन्हें कभी कष्ट नहीं देते हैं। आइए जान लेते हैं शनिदेव की प्रिय और अप्रिय वस्तुओं के बारे में दोस्तों अगर आप शनिदेव को सच्चे मन से मानते हैं तो कमेंट में जय शनिदेव अवश्य लिखें।
शनिदेव को क्या चढ़ना चाहिए ?
दोस्तों शनिदेव को काला रंग अत्यंत प्रिय है। इसीलिए शनिवार के दिन काले रंग की चीजों को धारण करना बहुत ही शुभ होता है। शनिवार को शनि मंदिर में आप काले वस्त्र धारण करके अवश्य जाएं। शनिदेव प्रसन्न होकर आपकी मनोकामना को अवश्य पूर्ण करेंगे। शनिवार के दिन काले रंग की चीजों का दान करना बहुत ही शुभ होता है। शनि देव की कृपा पाने के लिए आप शनिवार को काले तिल का दान जरूर करें।
शनिवार को लोहे की वस्तुओं का दान करना भी शुभ होता है। किंतु इस दिन लोहे से बनी चीजें खरीदनी नहीं चाहिए। शनिवार के दिन आप काले रंग के जूते अथवा चप्पल शनि मंदिर में जाकर गरीबों को दान में दें। ऐसा करने पर शनिदेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और सुख समृद्धि प्रदान करते हैं। शनिवार के दिन झाड़ू खरीदना बहुत ही शुभ होता है। शनि देव को स्वच्छता अत्यंत प्रिय है ।
और झाड़ू स्वच्छता करने के काम आती है इसीलिए इस दिन झाड़ू खरीद कर अपने घर पर लाएं। इससे धन संपत्ति में वृद्धि होती है। शनिवार को झाड़ू का दान करना भी शुभ होता है।
शनिवार के दिन नमक खरीदना शुभ माना गया है। इससे मनुष्य को कर संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनिवार के दिन इंधन खरीदना भी अशुभ माना जाता है। इसीलिए शनिवार को रसोई गैस माचिस अथवा केरोसिन भूल से भी नहीं खरीदना चाहिए। आइए जान लेते हैं। शनिवार को कौन सी चीजों से दूर रहना चाहिए। शनिवार के दिन शराब से दूर रहना चाहिए।
शनिवार के दिन शराब पीने वालों पर शनि देव अपनी को दृष्टि डालते हैं। शनिवार के दिन शराब को छूना तो दूर उसे पीने का मन में विचार भी नहीं लाना चाहिए। अन्यथा व्यक्ति को शनिदेव के दंड का सामना करना पड़ सकता है। शनिवार के दिन दूसरों का धन गलत तरीके से लेना अथवा चुराना बहुत ही अशुभ माना जाता है ।
तो दोस्तो उम्मीद करता हूं कि ये जानकारी आपको अच्छा लगा होगा । तो क्या आपके मन में कोई सवाल है । तो आप हमसे या फ़िर हनुमान जी से पूछ सकते हैं । बजरंग बली आपका मनोकामना पूर्ण करेगा । तो आज के लिए इतना ही आप हमारे साथ जुड़ने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
किस समय करें हनुमान चालीसा का पाठ की मिले उत्तम फल
सात बार हनुमान चालीसा का पाठ के फायदा
3 बार हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे
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