Tuesday, March 18, 2025

भगवान भारत में ही क्यों जन्म लेते हैं?

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दोस्तों सभी के मन में भारत में देवी देवताओं के जन्म से जुड़े अक्सर बहुत सारे प्रश्न आते हैं। लेकिन यदि हम इतिहास देखें तो इसमें साफ पता चलता है कि हिंदू धर्म के जितने भी देवी देवता है, सब का जन्म स्थान भारत ही है। भारत एक धार्मिक देश है जिसमें अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं। ऐसा नहीं है कि भारत में लोग वर्तमान समय में धार्मिक हो गए हैं । जहां से भारत का इतिहास शुरू होता है। वहां से हमें धर्म के प्रमाण देखने को मिलते हैं। 

भगवान भारत में ही क्यों जन्म लेते हैं?


भगवान भारत में ही क्यों जन्म लेते हैं?

चाहे भगवान श्री राम , भगवान श्रीकृष्ण या फ़िर महादेव सब के अवतरित होने का जिक्र भारत में किया जाता है। भगवान राम जिन्होंने अयोध्या में जन्म लिया। भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने मथुरा में जन्म लिया या फिर महादेव जिन का निवास स्थान कैलाश पर्वत बताया जाता है। 


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जिस कारण से हर किसी के मन में यही सवाल आता है कि हिंदू धर्म के सभी देवी देवताओं ने भारत में जन्म क्यों लिया भारत के जैसे कई और देश भी तो है । जहां भगवान जन्म ले सकते थे । लेकिन भगवान ने जन्म लेने के लिए भारत को ही क्यों चुना। आखिर इसके पीछे क्या रहस्य हैं। भारत में आखिर ऐसा क्या है जिस कारण से सभी देवी देवताओं ने भारत में जन्म लिया। 


भारत में कौन सा गुप्त रहस्य छुपा हुआ है जिसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं है तो आइए दोस्तों इस रहस्य के बारे में जाने के लिए और आपके सभी सवालों के जवाब के लिए पढ़िए आज के इस आर्टिकल को ।


 प्राचीन भारत का इस्तिहास 

हिंदू देवी देवताओं का जन्म समझने के लिए सबसे पहले भारत के प्राचीन इतिहास को समझने की आवश्यकता है। भारत के प्राचीन इतिहास का उल्लेख हमारे कई पुराने ग्रंथों में भी देखने को मिलता है। हजारों साल पहले भारत अलग था ।  आज से पहले भारत का भूमि भाग काफी वास्तविक था और प्राचीन काल में इस भूभाग को जम्मू दीप के नाम से जाना जाता था। 


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मार्कंडेय पुराण में उल्लेख है कि मध्य क्षेत्र में जामु दीप का पहला उत्तर और दक्षिण क्षेत्र की अपेक्षा में ज्यादा था। पहाड़ों की राजा सुनहरे मेरु पर्वत के शिखर पर ब्राह्मण का विशाल सागर था । जिसे ब्राह्मण पुरी के नाम से जाना जाता है। यहां पर ब्राह्मण पूरी के अलावा आठ और नगर है जो कि इंद्र और अन्य दूत और दूसरे देवी देवताओं के थे । 


भारत का नाम कैसे पड़ा 

कई लोगों को यह भी लगता है कि भारत नाम भगवान श्री राम के भाई भरत के नाम पर पड़ा है। हिंदू धर्म ग्रंथों में भारतवर्ष का नाम भारत कैसे पड़ा। इस बारे में अलग-अलग धर्म के अनुसार अलग-अलग कहानियां जुड़ी हुई है। वायु पुराण में उल्लेख है कि नाभि की एक पत्नी मेरू देवी से एक पुत्र पैदा हुआ था । जिसका नाम केशव था और माना जाता है कि केशव के पुत्र भरत के नाम पर ही देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। 


एक और मत है। पहले भारत का भौगोलिक क्षेत्र ज्यादा होने के कारण इसे अखंड भारत भी कहा जाता था। दुनिया के कई देश ऐसे भी हैं जहां हिंदू धर्म देखने को मिलता है। इन देशों में सनातन रीति रिवाज के साथ पूजा पाठ किया जाता है। 


क्या दुसरे देश में भी भगवान विष्णू का पूजा किया जाता है 

इंडोनेशिया के जावा में ब्रह्मा, विष्णु और महेश को समर्पित ब्रह्मांड मंदिर सबसे विशाल और सबसे आकर्षित प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में उनके साथ-साथ उनके वाहनों के भी मंदिर मिलते हैं। वहीं ब्रह्मांड मंदिर को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है। थाईलैंड पर भी हिंदू धर्म का गहरा प्रभाव देखने को मिलता है ।


जहां के लोग अपने राजा को भगवान विष्णु का अवतार मानते हैं। बाली और जावा में भी हिंदू धर्म के देवी देवताओं के मंदिर देखने को मिलते हैं। वही मेक्सिको शब्द की उत्पत्ति भी संस्कृत भाषा से हुई है और इस बार मेक्सिको में खुदाई के दौरान देवी लक्ष्मी और गणेश की प्राचीन मूर्तियां भी मिली। 


वहीं विदेश में हिंदू देवी देवताओं के मंदिर और यहां मिलने वाली मूर्तियां इस बात का प्रमाण है कि अखंड भारत काफी दूर तक फैला हुआ था और हिंदू धर्म भी दूर दूर तक फैला हुआ है।  तो दोस्तों आप इस बात से अंदाजा लगा सकते है । की अखंड भारत कितना बड़ा था ऐसे में ही भारत में सभी देवी देवताओं का जन्म हुआ


तो दोस्तो क्या आपके मन में कोई सवाल है । तो आप हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । इसे ही जानकारी के लिए आप हमारे ब्लॉग को subscribe जरूर करें । हमारे ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,,


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