कैसे होता है। सृजन डिलीवरी हुआ खुलासा । सृजन डिलीवरी एक ऐसा प्रोसेस जिसमे माँ का पेट काटकर बच्चे को बाहर निकाला जाता है। और आज कल हर 5 वे बच्चे का जन्म ऐसे ही हो रहा है। नॉर्मल डिलीवरी के इस वजह से गुम सी हो गयी। आखिर क्यों माँ और बच्चे की जान को खतरे में डालकर सृजन डिलीवरी की जा रही है। क्या कारण है। सृजन डिलीवरी के मामले इतने ज्यादा बढ़ते जा रहे है। क्या इसमे हॉस्पिटल की कोई चाल तो नही है।
ओर आखिर सृजन डिलीवरी होती कैसे है। आज के इस पोस्ट में जानेगे। सृजन डिलीवरी का वो काला सच जिसे जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे। आपको यकीन ही नही होगा। कि कैसे लंबा बिल बनाने के लिए एक माँ और बच्चे की जान को खतरे में डाला जाता है। तो चलिए शुरू करते है।
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माँ बनाना एक औरत के लिए दूसरे चरण के समान होता है। क्योंकि बच्चे के गर्व में आने से लेकर उसके पैदा होने तक उसके मा को काफी तकलीफ सहनी पड़ती है। खाश तोर पर लिबर पे । लेकिन जब माँ बच्चे की रोने की आवाज सुनती है। तो जैसे अपने वो सारे दर्द भूल जाती है।
पर हर बार ये सब नार्मल नही होता है। कई बार डिलीवरी में कोई परेशानी होती है। जिसके वजह से नार्मल डिलीवरी possibale नही होती है। ऐसे में डॉक्टर सृजन डिलीवरी यानी कि C - Section डिलीवरी सलाह देती है। ऐसे नार्मल leanguge में Operation से होने वाली डिलीवरी भी कहा जाता है।
इस तरह के डिलीवरी में माँ के पेट मे चीरा लगाकर बच्चे को बाहर निकाला जाता है। चलिए सबसे पहले इसके पूरे प्रोसेस को जान लेते है।
सीजर डिलीवरी ऑपरेशन कैसे होता है
महिला को अनैतिया का Injection दिया जाता है। अनेस्थियाँ का इंजेक्शन महिला के रीड के हडी में दिया जाता है। ताकि उसका निचला हिस्सा सुन हो जाये। और महिला को कुछ भी अनुभव ना हो। उसके बाद ये cheack करने के लिए अनेस्थियाँ का असर हुआ है। या नही ये डॉक्टर पेट को हिलाते है। अगर महिला को कुछ अनुभव नही होता है।
तो इसका मतलब है। महिला को अनेस्थियाँ का असर हो चुका है। अच्छा इस पूरी प्रोसेस के टाइम माँ होश में रहती है। और उसे कुछ अहसाह नही होता है। इसके बाद डॉक्टर का काम शुरू होता है। सर्जन जो कि C - Section करने में विवेचक है।
बड़ा ऑपरेशन कैसे होता है
माँ के पेट पर एक चीरा लगाते है। ये चीरा लगभग 10 सेंटीमीटर का होता है। ऐसे बिकनिक कट भी कहा जाता है। कट लगाने के बाद मांशपेशियों को तब तक हटाया जाता है। जब तक कि यूट्रेश ठीक तरह से दिखाई नहीं देने लगता । ये कट शिधा या लंबा किसी भी तरह के लगाया जा सकता है। ताकि शिशु को देखा जा सके।
इस कट से शिशु को बाहर निकाला जाता है। इसके बाद बच्चे की नाल को काटा जाता है। जो कि बच्चे को माँ के साथ जोड़ती है। बच्चे की नाक और मुह को तुरंत साफ किया जाता है। ताकि एक्स्ट्रा फ्लिक्ट को निकाला जा सके।
सिजेरियन डिलीवरी में कितना समय लगता है
इससे बच्चे को सांस लेने में मदद मिलती है। यूट्रेश के अंदर मोहजूद फ्लूट को अनोमटिक फ्लूट कहाँ जाता है। इससे बाहर निकाला जाता है। और एक कट लगाकर गर्व नाल को निकाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद यूट्रेश पर बने चिरो को वापस बंद कर दिया जाता है। ओर पेट को सील दिया जाता है। ये सब कुछ काफी जल्दी हो जाता है। लेकिन इसका मतलब ये नही
की इसमें कोई भी रिस्क नही होता यहाँ तक कि Who का ग्यूडे लाइन के अनुसार ऑपरेशन तभी किया जाना चाहिए। जब माँ और बच्चे की जान को खतरा हो।
सिजेरियन डिलीवरी के फायदे
लेकिन आजकल 60% से ज्यादा डिलीवरी में सृजन का सहारा लिया जा रहा है। आखिर ऐसा कैसे संभव है। क्योंकि प्रेग्नेंसी के केवल 10 से 15% केश ऐसे होते है। जिसमे माँ और बच्चे की जान को खतरा होता है। फिर सृजन डिलीवरी के केश इतनी ज्यादा कैसे बढ रही है।
तो इसका केवल एक ही जबाब है। दोस्तो ओर वो है। हॉस्पिटल का बिल बढ़ाने के लिए आप सोच नही सकते कि कैसे हॉस्पिटल वाले आपके इमोशनल का फायदा उठाकर एक माँ और बच्चे की जान के साथ खिलवाड़ करते है।
डिलीवरी वाले हॉस्पिटल जाने से सावधान
तो जब आपका कोई अपना तकलीफ में होता है। उस वक्त कोई भी रिस्क नही ले सकता । सोचिए अगर आपके घर के किसी सदस्य को लेबर पिन हो रहे है। ओर आप उसको हॉस्पिटल लेकर गए। तो डॉक्टर ने काफी सारे test ओर उसके बाद आप से कहाँ की डिलीवरी में कोई प्रॉब्लम है। ओर नॉर्मल डिलीवरी में माँ और बच्चे की जान को खतरा हो सकता है।
ओर हमे अभी तुरंत ही सृजन करना पड़ेगा। तब आप क्या करेंगे। जाहिर सी बात है। आप तुरंत सृजन के लिए हां बोल देंगे। बस यही हॉस्पिटल का लालची खेल चालू हो जाता है। क्योंकि जहाँ नॉर्मल डिलीवरी का खर्च बहुत कम आता है। वही एक सृजन डिलीवरी का बिल मिमिनियम कैंडिक्शन में 50 हजार से ऊपर जाता है।
इसके साथ ही जहाँ नॉर्मल डिलीवरी में काफी वक्त लगता है। वही सृजन डिलीवरी बहुत ही कम समय मे हो जाती है। लेकिन ये बहुत ही मुश्किल ऑपरेशन है। जिसमे थोड़ी सी गलती से माँ और बच्चे की जान जा सकती है। वही नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिला को कुछ ही वक्त हॉस्पिटल में रहना पड़ता है । जबकि सृजन डिलीवरी में उसे अधिक वक्त तक हॉस्पिटल में रुकना पड़ता है।
ऑपरेशन से डिलीवरी के बाद सावधानी
चरी में लगाये गए टाके के कभी - कभी परेशानी बन जाते है। ऐसे में माँ को बच्चे की देखभाल करने में दूध पिलाने में काफी प्रॉब्लम होती है। उसके ऊपर जिंदगी भर के body पाठकों के निशान बन जाते है। और कई बार side efect की वजह से पेट बढ़ना कई और समस्या भी हो जाती है।
वैसे भी प्रकति ने हर चीज का वक्त ओर तरीका मुरकार्र किया हुया है। ऐसे में डॉक्टर अपने फायदे के लिए प्रकृति के नियमों से खिलवाड़ करते है। जिसका खामियाजा माँ और बच्चे दोनों को उठाना पड़ता है।
ऑपरेशन से डिलीवरी कैसे होती है
नार्मल डिलीवरी में वक्त ज्यादा लगता है। और बच्चे के लिए इस प्रोसेस काफी स्ट्रगल से भरा होता है। लेकिन इस पूरी प्रोसेस में उसकी body में कुछ ऐसे हॉर्मोसन्स निकलते है। जो कि बच्चे की श्वास के लिए बहुत जरूरी होती है। जैसे कि फेफड़ो को सांस लेने के लिए तैयार करना। क्योकि अभी भी उसके फेफड़ो में कुछ फ्ल्यूड बचा रहता है।
जो कि इस वक्त बाहर निकल जाता है। इसके अलावा नार्मल डिलीवरी में बच्चा माँ के शरीर मे महजूद बहुत सारे बेक्टिरिया के contect में आता है। लेकिन ये सभी बेक्टिरिया बच्चे के लिए फायदेमंद होते है। और इसी के लिए जो बच्चे नॉर्मल डिलीवरी से पैदा होते है। वो ज्यादा actibe ओर हेल्दी होते है।
लेकिन डॉक्टर के पैसे के नाम पर ब्यापार करने वाले डॉक्टर के लिए सब facts कोई मान्य नहीं रखते है। उनके लिए तो बस पैसे ही उनका भगवान है। उसके लिए वो किसी भी हद तक जा सकता है। अच्छा इस पूरी बहस का एक ओर पहलू भी है। जिसे हमने पूरी तरह इग्नोर कर दिया है।
या ऐसे कोई मान्य को तैयार नहीं होता है। लेकिन वो ये है। कि आजकल के महिलायें भी कही ना कही सृजन डिलीवरी को अहिमियात देने लगी है। क्योंकि वो लिबर पेन को सहना नही चाहती है।
उन्हें लगता है। कि 12 से 15 घंटे दर्द वर्दाश्त करने से बेहतर है। कि आधे घंटे में बच्चा पैदा कर लिया जाए। फिर चाहे इसके लिए पैसे ज्यादा लग भी जाये। तो कोई बात नही है। ओर कई बार प्रेंस्ट्स अपनी पसंद के रेट पर डिलीवरी कराने के लिए डॉक्टर को मुह मंगा रकम देते है।
हम केवल डॉक्टर को दोष नहीं दे सकते है। क्योंकि आजकल जमाना fast हो चुका है। कोई भी इंतजार करना नही चाहता सबकुछ इंस्टेंट नही लगा है। ऐसे में माँ बनने के लिए इतना लंबा और दर्द भरा इंतजार करना महिलाओं को गवारा नही है।
ओर बस महिलाओं को चाह ने डॉक्टर को एक ओर मौका दे दिया है। पैसे कमाने का लेकिन कई बार के सबकुछ बहुत खतरनाक साबित हो जाता है। खाश तोर पर गरीब परिवार के महिलाओं के लिए। जिनके लिए डॉक्टर को लंबे - लंबे बिल देना बहुत ही मुश्किल होता है।
ऐसे में वो फिजिकल परेशानी के साथ मेंटल एट्रेश से भी गुजरती है। जो उनके ओर उनके बच्चे दोनों के लिए सही नही है। आपको क्या लगता है। क्या बिना वजह से सृजन डिलीवरी करनी सही है। इस बारे में लोगो को जागरूक करना बहुत जरूरी है। उसके लिए जरूरी है।
आप जितना हो सके। इस पोस्ट को शेयर करे। ताकि लोग जागरूकत हो सके। कल फिर मिलेंगे एक ओर दिलचस्प पोस्ट में तब तक के लिए आप सब का दिल से धन्यवाद,,,,
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