Saturday, February 1, 2025

अंदरूनी बुखार की दवा । बार बार बुखार आने के क्या कारण हो सकते हैं? । तेज बुखार क्यों होता है? । ठंड देकर बुखार आने पर क्या करें? । बार-बार बुखार आने के कारण और उपाय । बुखार तापमान 105

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दोस्तो एक बार फिर से स्वागत है आपका Verma News में बुखार के पीछे का कारण जानकर आप आश्चर्य करेंगे। दोस्तों आपको कभी ना कभी बुखार तो जरूर आया होगा। जिसके वजह से शरीर गर्म हो जाता है। लेकिन क्या आपको  मालूम है। आपको ड्यूबयर आणि की बुखार आता क्यो है दोस्तो हम सभी को कभी ना कभी बुखार ने अपनी गिरफ्त में लिया ही होगा। 

अंदरूनी बुखार की दवा । बार बार बुखार आने के क्या कारण हो सकते हैं? । तेज बुखार क्यों होता है? । ठंड देकर बुखार आने पर क्या करें? । बार-बार बुखार आने के कारण और उपाय । बुखार तापमान 105

बुखार आने पर शरीर का तापमान एकदम से बढ़ जाता है। और पूरे बदन में दर्द शुरू हो जाता है कि ये बुखार हर किसी को होता है। इसमें कोई नई बात नहीं है। लेकिन जब बात उसके पीछे के कारण की होती है यानी कि  बुखार होता क्यों है। इसके पीछे विज्ञान क्या है। 


तो इस बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है। हम पूरे यकीन के साथ कह सकते हैं कि आप में से आधे से ज्यादा लोग बुखार के पीछे के कारण नहीं जानते होंगे। पर चिंता मत कीजिए क्योंकि आज आपके यानी आपका दोस्त Prayag Verma  आप को बुखार के पीछे के विज्ञान के बारे में बताऊंगा। जिसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे बस में हमारे साथ पोस्ट के अंत तक बने रहे।  


           बुखार तापमान 105

हम आपको बुखार के बारे में कुछ बताय उससे पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर बुखार की असली परिभाषा क्या है। बुखार कहते किसे हैं। अब आप लोगों ने स्कूल वगैरह में पड़ा होगा कि बाहर के वातावरण का तापमान कितना भी क्यों न बदलता रहे।  क्योंकि हमारे शरीर का अंदरूनी तापमान नॉर्मल 37 डिग्री सेल्सियस या फिर 98.6 degree तक ही रहता है। 


हालकि पूरे दिन में तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक घटना और बढ़ता भी रहता है। परंतु जब हमारे शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस या फिर उसके ऊपर पहुंच जाता है। तो हमे अजीब सा महसूस होना शुरू हो जाता है। इस कंडीशन में सिर दर्द आंखों में जलन कम जोरि बदन का दर्द यह तक कि कभी-कभी तो उल्टियां भी होनी शुरू हो जाती है। 


इस तरह के लक्षणों को हम आम तौर पर बुखार के नाम से जानते हैं। वैसे हम आपको बता दें कि मनुष्य 44 डिग्री सेल्सियस या फिर उससे ज्यादा इंटरनल बॉडी टेंपरेचर होने पर तुरंत मर जाता है। ऐसे में आप इस बात को अच्छे से समझ गए होंगे कि बॉडी का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक बुखार हो जाता है। अब यहाँ सबसे बड़ा सवाल आता है। कि  हमारी बॉडी का टेंपरेचर बढ़ता कैसे है। 


बुखार में शरीर क्यों गर्म होता है? । बार बार बुखार आने के क्या कारण हो सकते हैं?


ओर हमे बुखार किस तरह होता है।  तो दोस्तो अगर एक सब्द में कहाँ जाए तो उसका छोटा सा जवाब है। हमारे दिमाग से जी हाँ दिमाग में हाइपोथैलेमस नाम के पार्ट होता है। यही  पाठ में बुखार के होने का कारण बताता है। अब आप बोलेंगे दिमाग हमारे शरीर का टेंपरेचर किस तरह रेगुलेट कर पाता है। 


यही ट्रिमोएचर हमारे health ओर इम्यून सिस्टम  पर असर डालता है। इन सारी चीजो के  तौर पर हम आप को समझाते हैं। मान लीजिए, आपके पास कोई व्यक्ति है जो वायरस इनफेक्टेड है। उसे जुखाम और बुखार है। छिक - छिक कर अपने आसपास के वातावरण में वह वायरस डाल देता है। जाहिर सी बात है आप उसके बगल में बैठे तो अपनी सांस के द्वारा उस वायरश को ग्रहण कर लेते हैं। 


अंदरूनी बुखार के घरेलू उपाय । बार-बार बुखार आने के कारण और उपाय

अभी सर्दी जुखाम वाला जो बुखार होता है। वो आपके शरीर के अंदर पहुंचते ही अपने जैसे कई और वायरस पैदा करता है। इसके बाद आप भी इन्फेक्टेड हो जाते हैं। इसलिए कहा जाता है जब किसी को जुखाम या बुखार हो तो उससे दूर रहना चाहिए। ये जरूरी नहीं है कि आपके शरीर में कोरोनावायरस जैसा घातक वायरस की जाए। 


नॉर्मल वाले वायरस में एक शरीर से  दूसरे शरीर में जाते हैं और जैसे शरीर में मौजूद सेल्स वायरस इनफेक्टेड होते हैं, ये प्राजियों नाम के प्रोटीन को रिलीज करते है। प्राजियों प्रोटीन हमारे खून में मिलकर शरीर में फैलते हुए हमारे दिमाग तक पहुंचता है और हमारे दिमाग में मौजूद हाइपोथैलेमस जो कि शरीर के थर्मोस्टेट की तरह होता है। 


तेज बुखार क्यों होता है? । ठंड देकर बुखार आने पर क्या करें?

अब पायोजन के संपर्क में आने पर हाइपोथैलेमस पूरे शरीर के तापमान को बढ़ाने का सिग्नल दे देता है। यानी शरीर कि टेंपरेचर का 7 points से 37% से बढ़ाकर एक नया सेट सेट points बढ़ा देता है। ताकि पूरे शरीर का टेंपरेचर बढ़ जाए। दिमाग अलग-अलग क्रियाओं के द्वारा शरीर को तापमान बढ़ाने का सिग्नल देता है। 


बुखार कितने प्रकार के होते है । बुखार के प्रकार और लक्षण

इसमें शरीर का तापमान 2 तरीके से बढ़ता है। एक है। शरीर में कम काफी कांपने से दूसरे शरीर की नसों का सिकुड़ना से जिस  में गर्म खून शरीर के सेंटर में आ जाता है और अब इस तरह का शरीर का तापमान कितना बन जाता है। जितना दिमाग ने सेट किया होता है। 


अब आप बोलेंगे। दिमाग ऐसा करता क्यो है। क्यो दिमाग शरीर का तापमान बढ़ा देता है तो दोस्तों दिमाग आप के भले के लिए करता है क्योंकि शरीर का तापमान बढ़ता है तो शरीर में मौजूद हानिकारक वायरस नष्ट  होना शुरू हो जाते हैं क्योंकि वह ज्यादा तापमान श नही पाते।  


इसलिए जब कभी भी कोई इंसान वायरस से संक्रमित होता है तो सबसे पहले शरीर का तापमान बढ़ता है क्योंकि शरीर खुद से उस वायरस से लड़ने की कोशिश करता है और वायरश की कमजोरी होती है। की वो अधिक तापमान में जीवित नहीं रह सकते। इसलिए जब आप को बुखार आता है।  Specialist कहा जाता है 


बुखार की सबसे अच्छी दवा । बुखार की दवा । अंदरूनी बुखार की दवा । अंदरूनी बुखार के घरेलू उपाय

कि आप गर्म चीजें खाएं। गर्म पानी पिए और कुछ भी ठंडी चीज का सेवन ना करें क्योंकि ठंडी चीज आपके वायरस को बढ़ावा देगी और गर्म चीज आपके वायरस को मार देगी। जिसके वजह से आप ठीक हो जाएंगे। यानी कि जिस बुखार को लेकर हम टेंशन लेते है। और  बहुत बड़ी बीमारी समझते है। 


असल मे हमारी रक्षा के लिए वो आता है। आज आप समझ जाएं कि अगर किसी को लगातार बुखार आ रहा है तो उसके शरीर में गड़बड़ी है जिससे उसका शरीर खुद से लड़ने की कोशिश कर रहा है। इसलिए जब लोगों को लगातार बुखार आता है तो चेकअप करवाते हैं कि उन्हें डेंगू टाइफाइड जैसी बीमारी, घेर लेती है। 


क्योकि ये सब बीमारियों वायरस और बैक्टीरिया से तो होती है। जिन से लड़ने के लिए शरीर तापमान बढ़ा देता है। जब कोई नार्मल सर्दी जुकाम होता है तो इसमें भी तापमान बढ़ जाता है। बस यह जो तापमान बढ़ता है यानी कि बुखार होता है। एक या 2 दिन का होता है क्योंकि यह नॉर्मल ही वायरस से ज्यादा स्ट्रांग नही होते। 


वह एक या 2 दिन में शरीर के अंदर मर जाते हैं और आप वापस से ठीक हो जाते हैं और यही चीज आप इस समय चल रहे कोरोनावायरस के रूप  में भी देख सकते हैं ये वायरस बहुत ही ज्यादा स्ट्रांग है। इसलिय जिस किसी को भी अपनी चपेट में लेता है, उसे पहले तो बहुत तेज बुखार आता है 


क्योंकि शरीर उस वायरस  से लड़ने की कोशिश करता है। पर ये वायरस जब फेफड़ों तक पहुंच जाता है तो प्रॉब्लम शुरू हो जाती है और ऐसी कंडीशन में इंसान ज्यादा सीरियस हो जाता है। हालांकि जब शुरुआती दौर चलता है तो शरीर अपना तापमान बढ़ा कर इस तरह के वायरस से लड़ने की कोशिश करता है। 


इसलिए अब आपको जब कभी भी बुखार हो तो घबराना मत समझ जाइए कि आपके शरीर में कोई गड़बड़ी है जिससे आपका शरीर खुद निपट रहा है। हालकि ये बुखार लगातार ज्यादा दिनों तक है। तो टेंशन की बात है इसलिए तुरंत जाकर चेकअप करवाइए। बाकी तो आपका शरीर खुद को ठीक करने में सक्षम है। 


   बुखार का दवा । बुखार का टेबलेट 

दोस्तो जब कभी भी आपको बुखार लगे। तो आप भुखार का टेबलेट जरूर ले। बुखार का टेबलेट नाम है। पैरासिटामोल यही एक बुखार का दावा है। 


अब इसके बारे में आपका क्या कहना है। comment box में बताना ओर इसी तरह के  शानदार post को लगातार पढ़ने के लिए हमारे blogg verma news को subacribe जरूर करे। तो आज के लिए इतना ही हमारे blogg के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो का दिल से धन्यवाद,,,


बुखार में शरीर क्यों गर्म होता है?

बार बार बुखार आने के क्या कारण हो सकते हैं?

तेज बुखार क्यों होता है?

ठंड देकर बुखार आने पर क्या करें?

बुखार की सबसे अच्छी दवा

बुखार कितने दिन तक रहता है

लगातार बुखार आने का कारण

हल्का बुखार लक्षण

बुखार कितने प्रकार के होते है

बुखार की दवा

अंदरूनी बुखार की दवा

अंदरूनी बुखार के घरेलू उपाय

बार-बार बुखार आने के कारण और उपाय

रुक-रुक कर बुखार आना

वायरल बुखार के लक्षण

बुखार के प्रकार और लक्षण

रात को बुखार आने का कारण

बुखार तापमान 105



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