Wednesday, February 7, 2024

केसर की खेती कैसे होती है | Kashmir saffron farming ? | kashmir mein kesar ki kheti


दुनिया का सबसे महंगा मसाला इतना महंगा की इसके सामने चांदी की कीमत भी फीकी पड़ जाती है। चौकिये मत हम बात कर रहे हैं। कश्मीरी केशर की ये कशमीरी केशर आलू टमाटर के भाव में नही बल्कि International market में 3 से 5 लाख रुपया बिकती है। 

केसर की खेती कैसे होती है | Kashmir saffron farming ? | kashmir mein kesar ki kheti

कश्मीरी केशर का डिमांड भारत से भी ज्यादा विदेश में है। खरीद दर लोग केशर के quality को देखकर बोली लगाते है। अब सोचिए जो केशर चांदी से भी ज्यादा महंगी है। वो केशर उगाई कैसे जाती है। कैसे की जाती है। केशर की खेती । जैसा कि में आपको बताया कि केशर कोई आलू टमाटर के भाव नही होती है। 


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इसलिए जाहिर सी बात है। कि केशर के खेती भी आलू टमाटर के जैसे होती नही होगी । इसलिए इस पोस्ट में बताएंगे । केशर की खेती कैसे की जाती है। और खाश कर कश्मीरी केशर का क्या उपयोग है। जो ये केशर इतना महंगा बिकता है। कि चांदी के दाम से भी ज्यादा महंगा बिकते हैं। 


केशर का क्या उपयोग है ? 

दोस्तो ऐसे तो केशर का सेवन करने के लिए क्या - क्या फायदे है। ये आप को बताने की जरूरत नहीं है। खेर फिर भी बता दे। कि केशर सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। गर्ववती महिला को डॉक्टर विसेस कर यूज़ करने का सलाह देते हैं। 

केसर की खेती कैसे होती है | Kashmir saffron farming ? | kashmir mein kesar ki kheti


की उन्हें दूध में केशर डाल कर पीना चाहिए। केशर का सेवन करने से हार्ट से संबंधित बीमारियों ख़त्म कर दिया जाता है। उसके साथ ही केशर में कई ऐसे गुन होते हैं। जिनसे हमारे चेहरे के Grow बढ़ाने का का काम करता है। 


इसलिए केशर का उपयोग कई सारे आयुर्वेद Product बनाने में किया जाता है। आपने tv में शेम्पू ओर साबुन का प्रचार तो देखी होगी । जिसमें बताया जाता है कि हमारे साबुन में केशर मिली होती है। असल मे वो साबुन में केशर होता है ही नही । होगा तो भगवान ही जाने। 


दोस्तो कई सारे ऐसे दवाइयों भी है। जिनको बनाने में केशर का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि केशर का कीमत इतनी ज्यादा होने के कारण इसे लाल सोना भी कहा जाता है। तो आये अब जानते है। कि केशर के खेती के बारे में कुछ रोचक जानकारी । 


जैसे कि में पहले बताया कि केशर International market में 5 लाख रुपया प्रति किलो में बिकती है। तो जरूर आपमे से कई लोग सोंचते रहे होंगे । कि क्यो नही हम भी केशर की खेती करना शुरू कर दे। 


केशर के खेती के लिए तापमान और जलवायु कितना होना चाहिए ? 

तो आपको बता दे। कि केशर की खेती ऐसे भी कही पर भी नही किया जा सकता है। केशर के खेती के लिए Expressed And Temperature चाहिए होता है। जो दुनिया के कुछ ही इलाको में पाया जाता है। बता दें कि केशर सर्दी गर्मी और बारिश तीनों मोश्म में उगाया जाता है। 


लेकिन विशेष रूप से केशर की खेती बर्फीले इलाको में ही हो सकता है। क्योकि वहा का वातावरण गर्मी के मोश्म में भी काफी ठंडी रहता है। जब सर्दियो के मोश्म में बर्फ पढ़ने लगती है। तो केशर के फूलों की व्रिधि कम हो जाती है। 


केशर की खेती गर्मी में होता है

लेकिन जैसे ही गर्मियों के मोश्म का शुरुवात होती है। और जमीन सूखने लगती है। तो तेजी से केशर के फूलों में व्रिधि होने लगती है। बता दे। 20% सेल्सियस टेम्प्रेचर केशर के पौधे के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है। ओर 10 से 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान में इसके पोधे में फूल निकल आते हैं। इसके साथ ही केशर की खेती करने के लिए सही मिट्टी होना काफी जरूरी होता है। 


केशर की खेती के मिट्टी कैसा होना है ? 

केशर के पौधे रेतीली ओर चिकनी ओर बल्लू मिट्टी में ही उगाया जाता है। इस मिट्टी को ट्यूट मिट्टी भी कहा जाता है। इसलिए इसी मिट्टी में ही केशर की खेती की जाती है। जहाँ के वातावरण हमेशा बर्फीली रहता है। बता दें। 




दुनिया मे सबसे ज्यादा केशर की खेती कहा होता है ? 

दुनिया में सबसे ज्यादा Europ And Asiya के कुछ इलाकों  में की जाती है। दुनिया मे जितने केशर उगाई जाती है। उसका लगभग 80% हिस्सा Iran , Spane जैसे देश उगाते है। जैसा कि हम ने बताया । कि केशर बर्फीली इलाको में ही उगायी जाती है। 


क्या कश्मीर में केशर की खेती होती है ? 

तो आपको जरूर ध्यान में अपना कश्मीर आया होगा । दोस्तो कश्मीर में भी केशर की खेती की जाती है। इनके साथ ही कश्मीरी केशर के डिमांड भी मार्केट में काफी ज्यादा है।


केशर कितने प्रकार के होते हैं और कैसा होता है ? 

बता दे। कि केशर मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते हैं। जिसमे 1 मार्जिन ओर दूसरी होती है। कश्मीरी मिनला केशर वेसे भारत में सबसे ज्यादा अमरीकन केशर उगायी जाती है। 


जम्मू कश्मीर में कहा केशर की खेती होती है ? 

लेकिन कश्मीरी मोगरा केशर के डिमांड ज्यादा होती है। और इसकी कीमत भी amrican के केशर के मुकालबे काफी ज्यादा होती है। कश्मीरी मोगरा केशर की खेती जम्मू कश्मीर में क़िस्तत्वद में आने वाले गाँव पमोपॉड हंश के आसपास इलाको में किया जाता है । 

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केशर के पौधे लगभग 20 से 25 सेंटीमीटर तक सिर्फ ऊँचाई तक बढ़ते हैं। केशर के पौधे बैगनी नीली ओर सफेद रंग के फूल लगते हैं। इनके बीच मे लाल रंग और नारंगी रंग के कालिया निकल आती है। इन पंखोडियो को ही केशर कहा जाता है। 


एक बीघा में केशर कितने निकलते है 

आपको जानकर हैरानी होगी । कि लागभग 75000 हजार फूल में से 450 ग्राम केशर निकलती है। 

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राजस्थान में केसर की खेती कैसे करें

अगर बात की जाए amrican केशर की तो ये केशर दूसरे राज्यो में उगाई जा सकती है। जैसे राजस्थान में भी कई जगह पर इस केशर उगाया जा रहा है। लेकिन इस केशर की कीमत कश्मीरी मोगरा केशर के मुकालबे काफी कम है। इस केशर का डिमांड ज्यादा नही है। 


कश्मीरी केशर की खेती के लिए मिट्टी क्या करना होता है ? 

कश्मीरी केशर को उगाने के लिए सबसे पहले खेत के मिट्टी को तैयार किया जाता है । इस मे कई प्रकार के खादर्थ पदर्थ ओर खाद मिलाइ जाती है। मिट्टी में खाद मिलाने के लिए कुदार का इस्तेमाल किया जाता है। और जमीन को समतल किया जाता है। 


केसर की खेती कौन से महीने में की जाती है? 

खेत को पूरी तरह से तैयार कर लेने के बाद अब समय आता है। बीज लगाने का । बता दें। कि कश्मीरी केशर के बीज लगाने का सबसे सही समय जुलाई दिसम्बर महीने के बीच का होता है। बताया जाता है। अगस्त महीना कश्मीरी केशर के बीज लगाने के लिए सबसे सही समय होता है। 

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क्योकि इस समय केशर के बीज लगाया जाए । तो सर्दियां शुरू होने से पहले ही केशर में फूल निकल जाता है। और ज्यादा सर्दी के मार झेलने के कारण केशर के फूलों को ज्यादा नुकसान नहीं होता है। बरसात खत्म होते ही तुरन्त जुलाई अगस्त महीने में कश्मीरी केशर के बीज को खेत मे लगाया जाता है। बता दे। 


कश्मीरी केसर की बीज कैसा होता है ? 

कि कश्मीर केशर के बीज लहसुन के तरह दिखाई देता है। ओर एक हिनतीयर मे एक से 2 किंतल बीज बोया जाता है। 


American केशर 1 बीघा में कितना बोया जाता है ? 

वही बात किया जाए amrican केशर की तो एक हिनतीयर मे आधा किलो बीज से ही काम चल जाता है। अब आप सोचिए कहा 2 क्यूंतल ओर आधा किलो बीज में 1 बीघा । 


तो दोस्तो अब बीज लगाने के बाद इसे ही छोड़ दिया जाए । तो क्या होगा कुछ नही होगा । अगर आप केशर के बीज लगाने के बाद उसको ऐसे ही छोड़ दिया जाए तो केशर होगा ही नही । 


केशर के बीज बोने के बाद क्या करना पड़ता है ? 

क्योकि असली काम तो केशर के बीज लगाने के बाद शुरू होती है। केशर के बीज बोने के बाद कई प्रकार के दवाई दिए जाते हैं। खाश कर गाय के गोबर में खाद और गोबर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कुछ लोग रायसनिक खादर्थ का भी यूज़ करते हैं। 


केशर के बीज अंकुरित होने के तुरंत बाद इसकी खुदाई ओर अंगुराई किया जाता है। पहली बार अंगुराई होने के बाद बीज 20 दिन के बाद फिर से केशर के पोधे की निराई गुड़ाई की जाती है। ऐसा करने से केशर के पौधे अच्छा तरह से बढ़ने लगते हैं। 


केशर के पौधे लगाए जाने के बाद लगभग 3 से 4 महीने में केशर उगाने लायक हो जाते हैं। केशर के पौधे लगाए जाने के बाद लगभग 3 से 4 महीने में केशर उगाने लायक हो जाती है। इन छोटे - छोटे पौधों में बैगनी ओर नीली सफेद रंग के फूल लगते हैं। ओर उन फूलों के बीच नारंगी रंग के कालिया यगी होती है। 


केशर खेती होने के बाद क्या करना पड़ता है ? 

जिन्हें केशर कहाँ जाता है। ये पंखुनिया नारंगी रंग के हो जाने पर इन्हें फूलों के से अलग कर लिया जाता है। और किसी छाया डर ठिकाने पर शुखने के लिए रख दिया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी। की लगभग 1 लाख 75 हजार में से 1 किलो ग्राम कश्मीरी मोगरा केशर हासिल होती है। 


यही कारण है कि केशर के दाम चांदी से भी ज्यादा महंगा है। लेकिन हैरानी की बात तो ये है। कि बाजार में इतने अच्छे कीमत में मिलने के बाबजूद भी पिछले 2 दर्शको में केशर के उत्पादन में काफी गिरावट देखने को मिली है। 


कश्मीर में केशर कितने बीघा में किया जाता है ? 

दोस्तो किसी समय मे जम्मू कश्मीर में 16 taan केशर के उत्पादन होता था । जो अब घट कर 5.6 ही राह गया है। एक आंकड़े के मुताबिक जम्मू कश्मीर में कुल 37000 बीघा जमीन पर केशर पर खेती की जाती है। ओर इस खेती से जम्मू कश्मीर के 7000 हजार परिवार जुड़े हुए है। 


दोस्तो पढ़ा आपने कैसे केशर की खेती की जाती है। और क्यो है इतने महंगे । केशर खाते समय कभी नही सोचा होगा । इतने ज्यादा उठाव पठाक करने के बाद कितना कम केशर निकलती है। इस पोस्ट में केशर ओर इनके खेती के बारे में आपको बताया है। 


ओर ये कैसे वातावरण में उगाया जाता है। हमको पूरी उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको काफी पसंद आया होगा । तो ऐसे ही जानकारी के हमारे साथ बने रहे । तो कल फिर मिलेंगे एक ओर नई जानकारी के साथ तब तक हमारे पोस्ट में बने रहने के लिए आप सभी को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,,


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