Tuesday, February 7, 2023

मासिक धर्म के दौरान में व्रत रखना चाहिए या नही | मासिक धर्म में पूजा करना चाहिए या नहीं

दशको जैसा कि आप जानते हैं कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अपवित्र और अशुभ माना जाता है। आपने देखा होगा कि इन दिनों में महिलाओं को मंदिर जाने या फिर घर के पूजा घर में भी जाने की इजाजत नहीं होती। लेकिन यहां अब यह सवाल उठता है। 

मासिक धर्म के दौरान में व्रत रखना चाहिए या नही |  मासिक धर्म में पूजा करना चाहिए या नहीं

कि जब धार्मिक रूप से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान अशुभ और अपवित्र माना जाता है तो फिर वह इस दौरान को ही व्रत क्यों रखती हैं या फिर इस दौरान उन्हें व्रत करने का कोई फल मिलता है। क्या यह शास्त्रों मत है। अगर हां तो इसके पीछे क्या कारण है। आज के एपिसोड में हम आपको महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़े। ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब देने का प्रयत्न करेंगे । 


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मासिक धर्म के दौरान में उपवास रखने सही है या गलत ?

तो दोस्तो इन सवालों का जवाब देने से पहले आपको यह बता दूं कि भागवत पुराण के अनुसार मासिक धर्म के दौरान महिलाएं ब्रहम हत्या जैसे पाप को झेल रही होती हैं। जी हां! भागवत पुराण वर्णित कथा के अनुसार एक बार इंद्रदेव किसी अपमानजनक बात से गुरु बृहस्पति उनसे नाराज हो गए और फिर स्वर्ग लोग छोड़ कर कहीं चले गए। 


उधर जब इस बात की सूचना असरों को मिली तो असरों ने देवलोक पर आक्रमण कर दिया । जिसमें देवराज को पराजय का सामना करना पड़ा और उन्हें अपनी गद्दी छोड़ कर भागना पड़ा। उसके बाद इंद्रदेव ब्रह्मा जी के पास पहुंचे और उनसे मदद करने को कहा ।  तब ब्रह्माजी इंद्र से बोले । 


माशीक धर्म के कारण इंद्रदेव है ? 

इस समस्या से निजात पाने के लिए तुम्हें एक ब्रह्म ज्ञानी की सेवा करनी होगी। यदि वाह तुम्हारी सेवा से प्रसन्न हो गए तो तुम्हें स्वर्ग लोग वापस मिल जाएगा। उसके बाद ब्रह्मा जी के कहे अनुसार इंद्रदेव एक ब्रह्मज्ञानी की सेवा करने लगे। लेकिन इंद्रदेव इस बात से अनाजन थे।  कि जिन कि वह सेवा कर रहे हैं।  उसके ज्ञानी की माता असुर है। 


जिसकी वजह से उस ज्ञानी को असुरों से अधिक लगाव था। असुरों से लगाव की वजह से वो ब्रह्मा ज्ञानी इंद्रदेव की सारी हवन सामग्री देवताओं की बजाय अस्त्रों को अर्पित कर देते थे। उधर कुछ दिनों बाद जब इस बात का पता इंद्रदेव को चला तो उन्होंने क्रोध में आकर उस ज्ञानी की हत्या कर दी। 


फिर उन्हें ये ज्ञात हुआ कि उन्होंने ब्रहम हत्या कर बहुत बड़ा अधर्म कर दिया है तो वह एक फूल में छिपकर भगवान विष्णु की पूजा करने लगे। कुछ दिनों बाद विष्णु जी इंद्रदेव् के पूजा से प्रसन्न होकर प्रकट हुए और उन्हें बोले । हे देवराज! ब्रह्म हत्या जैसे पाप से मुक्ति के लिए तुम्हें इस पेड़ भूमि जल और स्त्री में अपना थोड़ा थोड़ा पाप बाटना होगा। 


इंद्र देव ने पेड़ को क्या दिया ? 

साथ में सभी को एक एक वरदान भी देना होगा। उसके बाद इंद्रदेव सबसे पहले पेड़ से अपने पाप का अंश लेने का अनुरोध किया तो पेड़ ने पाप का एक चौथाई हिस्सा ले  लिया, जिसके बाद इंद्रदेव जी पेड़ को वरदान दिया कि मरने के बाद तुम चाहो तो स्वयं ही अपने आप को जीवित कर सकते हो । 


इंद्र देव धरती को क्या दिया ? 

उसके बाद इंद्रदेव की वृद्धि करने पर जल ने पाप का कुछ हिस्सा अपने सर ले लिया। बदले में इंद्रदेव ने उसे अन्य वस्तुओं को पवित्र करने की शक्ति प्रदान की। इसी तरह भूमि ने भी इंद्रदेव के पाप का कुछ अंश सिविकार कर लिया जिसके बदले इंद्रदेव अपनी भूमि को वरदान दिया कि उस पर आई चोटें अपने आप भर जाएगी । 


मासिक धर्म का सजा ओरत क्यो भोगती है ? 

अंत में इंद्रदेव स्त्री के पास पहुंचे तो स्त्री ने बाकी बचा पाप का अंश अपने ऊपर ले लिया। इसके बदले इंद्रदेव ने स्त्रियों को वरदान दिया कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं काम का आनंद ज्यादा ले पाएंगी और ऐसा माना जाता है कि तभी महिलाएं मासिक धर्म के रूप में ब्रह्म हत्या का पाप झेल  रही है। 


तो मित्रों जैसा कि आपने कथा में देखा कि जब इंद्रदेव ब्रह्महत्या के पाप को झेल रहे थे तो उन्होंने फूल में छिपकर विष्णु जी की आराधना की थी। परंतु उस समय ना तो उनके सामने कोई भी विष्णु की प्रतिमा थी और ना ही वह किसी मंदिर में थे। 


माशीक धर्म मे महिलाएं पूजा कर सकते हैं या नही ? 

ठीक इसी तरह महिलाएं भी मासिक धर्म के दौरान व्रत तो कर सकती है लेकिन मंदिर नहीं जा सकती और ना ही किसी मूर्ति की पूजा कर सकती है। परंतु अगर इस दौरान ऐसा करती है तो भागवत पुराण के अनुसार उसे पाप माना गया है। यानी मासिक धर्म के दौरान अगर कोई स्त्री मंदिर चली जाती है या फिर किसी देव की प्रतिमा को पूजती है। 


तो वह पाप के भागीदार मानी जाती है जिसकी सजा उसे इसी जन्म में भुगतना पड़ती है। लेकिन आपको यह भी बता दो कि इस दौरान महिलाएं मानसिक रूप से कमजोर हो जाती हैं। इसलिए उनका तिरस्कार करने के बजाय उनके मनोबल बढ़ाने का कार्य करें क्योंकि कई जगह ऐसा देखा जाता है की जानकारी के अभाव में लोग मासिक धर्म के दौरान बुरा बर्ताव करने से भी नहीं चूकते।


तो दर्शको उम्मीद करता हूं कि आप को मासिक धर्म से जुड़ी सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा। अगर मिल गया हो और आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो उसे ज्यादा से ज्यादा  शेयर करें।


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