Saturday, March 9, 2024

प्रेगनेंसी में रोने से बच्चे पर क्या असर पड़ता है | प्रेगनेंसी में टेंशन लेने से क्या होता है?


दोस्तो एक बार फिर से सवागत है। आप सभी का हमारे ब्लॉग में । आज के इस पोस्ट में हमलोग जानेगे । की प्रेग्नेंसी में रोने या उदाश रहने से बच्चे पर क्या असर पड़ता है। क्योकि प्रेग्नेंसी के दिनों में आप के Imosan का असर गर्व में पल रहे बच्चे पर कितना असर पड़ सकता है। 

प्रेगनेंसी में रोने से बच्चे पर क्या असर पड़ता है | प्रेगनेंसी में टेंशन लेने से क्या होता है?

ये कहना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन यह जरूर है कि अगर आप इस समय उदास रहते हैं। रोते है। तो इसका असर आपके बच्चे पर पड़ता है। तो चलिए जानते हैं। 


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प्रेगनेंसी में रोने से बच्चे पर क्या असर पड़ता है | प्रेगनेंसी में टेंशन लेने से क्या होता है?

प्रेग्नेंसी के पहली और तीसरी तिमाही में कई महिलाएं ज्यादा रोने का अनुभव करती है। इस समय आपको अचानक से बहुत ज्यादा रोना आ जाता है। तो आप ये ना सोचे । कि आपके साथ कुछ गलत हो रहा है। आप अकेले नही है। कई महिलाओं को ऐसा फील होता है। 


प्रेग्नेंसी में महिला को रोने से जैसा क्यो लगते हैं ? 

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को रोना क्यो आता है। इसके पीछे कई कारण होते हैं। जैसे कि हार्मोन में उतार चढ़ाव । क्योकि प्रेग्नेंट महिलाओ के शरीर मे 3 प्रकार के हार्मोन बनती है। 


प्रेग्नेंसी में महिला के अंदर कितने प्रकार के हार्मोन बनता है ? 

Astrogan ,

 protoon ,

 XCG 


ओर ये तीनो हार्मोन के लेवल में बदलाव से प्रेग्नेंट महिलाओं के mood switch में काफी असर पड़ता है। इसकी वजह से अक्सर महिलाएँ बिना किसी रीजन के रोने लगती है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दोरान shoping करना भी कभी - कभी आपको बुरा लग सकता है। 


क्योकि इस समय आप अपने नार्मल कपड़ो से अधिक बड़े कपड़े खरीदते हैं। और अगर आप किसी जरूरी mitting या Event के लिए कुछ अच्छा पहनना चाहते हैं। तो प्रेग्नेंसी में बढ़ते हुए वजन कारण ऐसे कपड़े ना पहन पाने के कारण आप को रोना आ सकता है। 


प्रेग्नेंसी में रोने से बच्चा पर कोई असर पड़ता है या नही ? 

वही दूसरी तिमाही में रोने से या प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी समय रोने से आपके बच्चे पर प्रभाव पड़ता है। कभी - कभी चिंता करने से गर्व में पल रहे बच्चें को कोई नुकसान नही होता है। लेकिन अगर आपको लंबे समय से रोने ये चिंता करने की प्रॉब्लम है। 


तो इसकी वजह से आपके शरीर से कोटिशल पैदा हो सकता है। और ये चिंता का हार्मोन होता है । ये हार्मोन प्रिसिंटा के माध्यम से बच्चे में भी जा सकता है। अगर ये हार्मोन लागातार गर्व में पल रहे बच्चे के पास जाता है। तो जन्म के बाद आपके बच्चे को इनजाति रह सकता है। 


प्रेग्नेंसी महिला अगर डिप्रेशन में चल जाता है तो बच्चे पर क्या असर पड़ता है ? 

या फिर पेट दर्द के प्रॉब्लम रह सकती है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाएं डिप्रेशन से पीड़ित होती है। डॉक्टर की बात माने तो लागभग 10 % प्रेग्नेंट महिला अक्सर डिप्रेशन का शिकार होती है। और डिप्रेशन आपके गर्व में पल रहे बच्चे के लिए बिल्कुल भी सेफ नही है। 


क्योकि जन्म के बाद आपके बच्चे पर इसका उल्टा असर पड़ सकता है। अक्सर ये भी देखा गया है। जो महिलाएं मेडिकल डिप्रेक्ट रहती है। उनके बच्चे भी अपने लाइफ में डिप्रेशन का अनुभव कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आप अपने प्रेग्नेंसी से खुश नहीं है। 


ओर इस दौरान आप अपने शारीरक ओर मानिसक समस्यो का दोषी अपने गर्व में पल रहे । अपने बच्चे को मानती है। तो ये बेहिवियर ये इमोशनल आपके समस्याओं को ओर भी ज्यादा बढ़ा सकते हैं। और ज्यादातर केसेश में ये भी पाया गया है। 


की अगर प्रेग्नेंट महिलाएं अपने गर्व में पल रहे। बच्चे से ज्यादा जुड़ाव फील नही करती है। तो उनके बच्चों में बचपन से ही इमोशनल समस्या पैदा हो जाता है। तो अभी तक हमने ये जाना कि आखिर उदास ओर रोने से एक प्रेग्नेंट महिला के पेट में पल रहे बच्चें पर क्या असर पड़ता है । 


प्रेग्नेंसी में रोने वाले समस्या से कैसे बचें ? 

अब  हम ये जानते हैं। कि आखिर कार आप इस समस्या से कैसे बच सकते हैं। तो इसके लिए आप हर थोड़े - थोड़े दिन में कुछ खाते रहे । साथ ही साथ ये कोशिश करे । कि आप ज्यादातर अपने बुजुर्गों में सही करे । क्योकि इससे आपके mood में उतार चढ़ाव हो सकता है। 


ओर आप बहुत ज्यादा भूख लगने के कारण ओभर खाना भी खा सकते हैं। इसलिए आप पहले से डिसाइड करले । की इस दौरान आपके पूरे महीने में कम से कम 2 हरि सब्जिया फल और नटराज के सामिल होना चाहिए । 


प्रेग्नेंसी में महिला को आराम करने के जरूरत होता है ? 

इसके अलावा आप रेगुलर से रोज से एक टाइम पर सोए । क्योकि माँ और बच्चे अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस समय शरीर को अच्छे मात्रा में आराम देना बहुत ही जरूरी हो जाता है। और आप ज्यादा से ज्यादा आराम करने का प्रयाश करे । जिससे आप ना थके ओर ना चिड़चिड़ापन होगा । 


ओर ना ही आप लेजी - लेजी का फिल करेंगे । साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान आप सबसे पहले अपने सारे जरूरतों का ख्याल रखें। क्योकि प्रेग्नेंट होना और लागातार काम और घर में busy रहना । बहुत कठिन हो जाता है। 


पर यह वो समय है। जब बिना किसी काम के चिंता किये । आप अपना पूरा ख्याल रख सकती है। इसके लिए आप डॉक्टर के सलाह के अनुसार श्वरीर के मालिश भी करवा सकते हैं। या फ़िल्म देखने जा सकता है। इस समय मे अगर आप वो सब करेंगे ।  जो आपको पसंद है। तो आपके सभी चिंताएं अपने आप ही कम होने लग जायेगा । 


प्रेग्नेंसी में रोने या उदाश रहने पर बच्चे पर क्या  असर पड़ता है ? 

  1. दोस्तो प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर और घर के सभी सदस्य हमेशा महिला को खुश रहने का सुझाव देते हैं। उसका कारण यही है। कि प्रेग्नेंसी के दौरान जैसा भी आप का mood रहेगा । उसका शिधा - शिधा असर आपके बच्चे पर पड़ेगा । 


  1. आपने शास्त्रों में ये तो पड़ा ही होगा । की अभिमन्यु ने चारक्यू को तोड़ने का राज माँ के गर्व में ही सिख लिया था । उसी प्रकार प्रेग्नेंसी के दौरान माँ के बच्चे के साथ सिर्फ शारीरक जुड़ाव ही नही होता । बल्कि भावमतक जुड़ाव भी होता है। 


  1. इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान माँ जिस भी मानसिक डोर से गुजर रही होती है। बच्चें भी उसी मानसिक इस्तित से गुजरता है। 


  1. यदि आप प्रेग्नेंसी के दौरान खुश रहती है। तो आपका बच्चा तंदरुष ओर खुश मिजाज होगा । 


  1. वही अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान दुखी रहेंगे  या रोयेगा । तो आपका बच्चा कमजोर और चिड़चिड़ापन होता है। 


  1. एक Research में देखा है की जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा तनाव लेती है। उनके बच्चे अपने उम्र के बच्चे के तुलना में ज्यादा रोते है। 


प्रेग्नेंसी महिला को रोने से कैसे बचाये ? 

  1. प्रेग्नेंसी के दौरान mood Switch तो बहुत होते हैं। तो ऐसे में आपका दुखी होने या रोना स्वाभाविक है। लेकिन जब भी आप दुखी हो या रोने का मन करे । तो आप ये सोचिए कि आपके रोने से आपका बच्चा पर क्या प्रभाव पड़ेगा । 


  1. प्रेग्नेंसी के दौरान आपको दुखी रहने से बच्चे का ह्रदय संकुचित होना लगता है। इसलिए आदि आप का mood खराब हो या रोना का मन करे । तो आप अपने आप को उन चीजो में ब्यस्त करे । जिनसे आपको खुशी मिलती है। 


  1. यदि आप घर पर अकेले है। ऐसे में आप अपने परम मित्र या परिवार वालो से बात कर सकते हैं। साथ ही साथ आप कुछ अच्छे धार्मिक कार्यक्रम या फिर funny movies भी देख सकते हैं। 


  1. जिससे आपको सुखी और अनुभवती हो जिससे आपका mood ठीक हो सके । मुस्कुराना ओर खुश रहना एक अच्छे सेहत का राज होता है। वो कहते है ना लेफ्ट ऑफ बेस्ट मेडीकैन इसलिए आपको डॉक्टर भी खुश रहने के सलाह देते हैं। 


तो दोस्तो उम्मीद है कि आपको ये जानकारी अच्छा लगा । तो आपके मन मे कोई सवाल है। तो comment box में जरूर बताये । ओर ऐसे ही जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करे । 


तो आज के लिए इतना ही अब हम चलते हैं। फिर मिलेंगे कल नई पोस्ट के साथ तब तक हमारे ब्लॉग कर अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,


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