Thursday, January 11, 2024

कल्कि अवतार कहां और कब होगा


कोण बनेंगे कल्कि अवतार की पत्नी क्या आप जानते हैं भगवान विष्णु के दसवे अवतार कल्कि की पत्नी कौन होंगी । कलयुग में कल्कि अवतार की दो पत्नियां होंगी। एक लक्ष्मी रूपी पदमा और वैष्णवी रूपी रामा होगी । उनकी  पत्नी वेष्णी को लेकर कहा जाता है कि उन्होंने त्रेता युग में ही अवतार ले लिया है। 

कल्कि अवतार कहां और कब होगा

कल्कि अवतार का विवाह

बता दे त्रेता युग में दक्षिण भारत में रत्नाकर नाम की राजा रहते थे। वह अपना ज्यादा से ज्यादा सम माता की आराधना में बिताते थे ।  लेकीन उनके जीवन में बहुत बड़ा दुख था। वह अभी तक संतान हीन थे एक दिन भक्ति से मां काली मां सरस्वती और लक्ष्मी उनकी भक्ति से प्रसन्न हो गई। उन तीनों ने मिलकर अपने तेज का एक एक अंश भक्त रत्नाकर की पत्नी के गर्भ में दे दिया। 


Read more - अपने जन्म तारिक से जाने ये चीज आपको बना सकते हैं अमीर 


इसके साथ ही उन्होंने रत्नाकर के सपने में आकर बताया कि एक दिव्य बालिका उनके घर में जन्म लेने वाली है। उन्होंने यह भी कहा कि भक्तो की संख्या बहुत लंबी होगी और वह भविष्य में एक खास किरदार निभाएगी। कुछ समय बाद  रत्नाकर के घर पर एक सुंदर सी लड़की ने जन्म लिया, जिसका नाम त्रिकूटा रखा गया ।


उसमे हमेशा से ही ज्ञान पाने  की इच्छा थी ।  समय के साथ उनको पता चला कि एक ज्ञान केवल ज्ञान और तपस्या से ही पाया जा सकता है जिस कि बाद उन्होंने परिवार से दूर जाने का फैसला किया क्योंकि इस ज्ञान को पानी के लिए परिवार छोड़ना बहुत जरूरी था। जब त्रिकुटा ने इस बारे में अपने माता-पिता को बताएं ।


कलिक अवतार के पत्नी का जन्म हो चुका है ? 

तो उनके पिता भी उनके साथ एकांत स्थान पर जाने के लिए तैयार हो गए क्योंकि वह जानते थे कि उनकी बेटी को साधारण बच्चे नहि है । इसके के बाद त्रिकुटा ने तपस्या शुरु कर दी । दिन बीतते गए तभी एक दिन ऐसा आया जब प्रभु श्री राम माता सीता की खोज में थे। तभी त्रिकूटा से उनकी मुलाकात हुई त्रिकुटा तुरंत समझ गए कि प्रभु श्री राम और कोई नहि बल्की भगवान विष्णु के अवतार है । 


Read more - कोण से कर्म से मिलता है स्त्री का जन्म ? 


तभी राम के चरणों में फूल चढ़ाया इसके साथ ही उनसे खुद में समाहित करने के गुजारिश की जिसके जवाब में प्रभु राम ने कहा कि मै तुम्हारे तपस्या से खुश हूं । इसलिए तुमको वेशन्वी नाम देता हूं ।  लेकिन मैं अभी तुमको अपना नहीं कह सकता। पर एक दिन मैं तुम्हारे पास आऊंगा। अगर तुम मुझे पहचान पाई तो मैं तुम्हारी सारी इच्छाएं पूरी कर दूंगा ।


इतना कह कर प्रभु राम चला गया । समय बीतता जा रहा था । लेकिन त्रिकुटा अपनी प्रभु राम का इंतजार करने से पीछे नहीं हटी । 1 दिन एक बूढ़ा व्यक्ति उनके सामने आया और उसने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखा । तभी त्रिकुटा ने उस बूढ़े आदमी से कहा की वो प्रभु राम की हो चुकी है और किसी भी वक्त वह उनको लेने आ सकते हैं । 


त्रिकुटा को अहसास हुआ कि उसे कुछ गलत हो गया है। जब तक वह समझ पाती तब तक बहुत देर हो चुकी थी । क्योंकि  बूढ़ा आदमी कोई और नहीं स्वयं श्री राम थे । त्रिकूट ने श्रीराम से माफी मांगी कि वह को पहचान नहीं पाए। तभी तो कहा कि तुम्हारी इच्छा पूरी करने का अभी यह सही समय नहीं है । 


इस कलयुग में नहि लेकीन कलयुग में आप मेरी अर्धांगिनी बनेगी। इसके बाद प्रभु ने कहा कि अगर वह उत्तर भारत में त्रिकुटा पर्वत पर जाकर तब करेंगे। तब कलयुग में उन दोनों का विवाह होना बहुत भी आसान होगा। इसके बाद वह त्रिकुटा पर्वत की ओर चली गई और तब में विलीन हो गई। इसके बाद माता ने अपने मनुष्य  स्वरूप का त्याग कर दिया था और तीन मुंह वाली पिंड में समाहित हो गई। 


कल्कि अवतार किसका वध करेंगे

अब जब भगवान कल्कि का जन्म कलयुग के राक्षस कली पुरुष के नाश के लिए होगा तब उनका विवाह माता वैष्णवी से होगा। इसके साथ ही उनका विवाह प्रेमा से भी होगा। इसके अलावा उनके 4 पुत्र भी होंगे । 


कल्कि अवतार कहां और कब होगा

कल्कि अवतार कलयुग में सतयुग के संधिकाल में होगा। यह 64 कलाओं से युक्त होगा। भगवान कल्कि को निष्कलंक भगवान के नाम से भी जाना जाएगा। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण इस के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं। 


गीता के 12वे शार्लोक के दूसरे अध्याय में भगवान कल्कि के बारे में लिखा गया है। गीता के अनुसार संभल गांव में विष्णु नामक श्रेष्ठ ब्राह्मण के पुत्र के रूप में भगवान कल्कि का जन्म होगा। वह तपस्वी और तेज होंगे। कल की देवदत्त नाम के घोड़े पर सवार होकर कराल करवाल आनी  तलवार से दुष्टों का संघार करेंगे।


कलयुग अभी कीतना बाकी है ? 

पुराणों की मानें तो जब कलयुग का अंतिम समय आएगा तभी कल्कि अवतार लेंगे और अधर्म का नाश करके एक बार फिर से धरती पर धर्म की स्थापना करेंगे। कहा जाता है कि अभि कलयुग का कुछ ही समय बिता है। इसीलिए माना जाता है कि अभी इस अवतार को होने में लंबा समय लगेगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार का योग 432000 साल का है जिसका अभी पहला चरण ही चल रहा है ।


कलयुग की शुरूवात कब हुवा था ? 

कलयुग की शुरुआत 3102 ईसा पूर्व से हुई थी। जब 5 ग्रह मंगल बुध शुक्र बृहस्पति और शनि मेष राशि पर 0 डिग्री पर हो गए थे। इसका मतलब 5119 साल कलयुग के पी चुके हैं और 426881 साल अभी बाकी है।


तो दोस्तो उम्मीद करता हू कि ये जानाकारी आपको अच्छा लगा होगा । अगर आपके मन में कोई सवाल है । तो आप हमे कमेंट बॉक्स में बताए । आज के लिए इतना ही हम चलते हैं । फीर मिलेंगे न्यू जानकारी के साथ तब तक हमारे ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,


 

No comments:
Write comment