Tuesday, December 10, 2024

Kedarnath registration 2023 official website

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इस पोस्ट में हम केदारनाथ रजिस्ट्रेशन की ऑफिशियल वेबसाइट 2023 ( Kedarnath Registration official website 2023 )   के बारे में जानकारी देने वाले हैं । केदारनाथ हिंदू लोगों का मंदिर हैं । केदारनाथ मंदिर भारत में उत्तराखंड राज्य में रूद्रप्रयाग जिले में स्थित हैं । केदारनाथ मंदिर गिरिराज हिमालय के केदार नाम के चोटी पर स्थित हैं । केदारनाथ मंदिर यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा शिव मंदिर हैं । यह मंदिर तीन तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ हैं । केदारनाथ मंदिर मंदाकिनी , सरस्वती , मधुगंगा , क्षीरगंगा और स्वर्णगौरी इन पांच नदियों का संगम भी हैं । 

Kedarnath registration 2023 official website

इनमें से कुछ नदियों का अभी अस्तित्व नहीं रहा हैं । मान्यता के अनुसार जो केदारनाथ मंदिर के अंदर शिवलिंग हैं वह बारा ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं । मान्यता हैं की ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने से पाप धुल जाते हैं ।  हर साल बहोत तीर्थयात्री यात्रा के लिए जाते हैं । उत्तराखंड सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए एक पोर्टल लाॅंच किया हैं । इस पोर्टल के द्वारा चारधाम यात्रा के लिए आने वाले लोगों का रिकाॅर्ड रखा जाता हैं । 


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इस पोर्टल द्वारा तीर्थयात्रियों को ई-पास मिलता हैं । जब केदारनाथ में भारी आपदा आई थी तब से यह प्रक्रिया शुरू की हैं । तभी से केदारनाथ यात्रियों के लिए इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन आवश्यक हैं । उत्तराखंड के लोगों के लिए भी यह पास लेना आवश्यक होता हैं । इस पास के लेने के लिए और रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको badrinath- Kedarnath.gov.in इस वेबसाइट पर जाकर ई- पास के लिए आवेदन करना होगा ।


केदारनाथ ई-पास 2023 के लिए पंजीकरण ( Registration ) कैसे करें 

• केदारनाथ ई-पास 2023 के लिए पंजीकरण करने के लिए आपको सबसे पहले badrinath- Kedarnath.gov.in  इस अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा । 


• इस वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होमपेज ओपन होगा । इसमें आपको लाॅगिन इस विकल्प पर क्लिक करना हैं । 


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• इसके बाद आपके सामने एक पेज खुल जाएगा । इसमें आपको रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन दिखेगा । इसके उपर क्लिक करें । 


• इसके बाद आपको मोबाइल नंबर , ईमेल आईडी , लिंग , नाम जैसी आवश्यक जानकारी दर्ज करनी होगी । 


• इसके बाद कैप्चा डालें और रजिस्टर इस ऑप्शन पर क्लिक करें । 


• इसके बाद आपके सामने ओटीपी आएगा । उस ओटीपी को सत्यापन के लिए दर्ज करें । 


• इसके बाद सबमिट इस विकल्प पर क्लिक करें । इसके बाद आपको पासवर्ड मिलता हैं । इस तरह से आपकी पंजीकरण प्रक्रिया पूरी हो गई हैं । 


• पंजीकरण पूरा करने के बाद तीर्थयात्री ई-पास के लिए आवेदन कर सकते हैं । इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं । 


• होमपेज खुलने के बाद लाॅगिन ऑप्शन पर क्लिक करें ।‌


• इसके बाद आपका नाम और पासवर्ड डालें और लाॅगिन इस विकल्प पर क्लिक करें । 


• इसके बाद आपके सामने डैशबोर्ड खुल जाएगा । डैशबोर्ड पर आपको तीन लाइने दिखाई देगी उसपर क्लिक करें । 


• इसके बाद आपको ई-पास का विकल्प दिख जाएगा । उसके उपर क्लिक करें । 


• इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा । आपको आवेदन करने से पहले कुछ निर्देश दिए जाएंगे । उसको आप पढ़ लें । 


• इसके बाद Proceed to E- pass इस विकल्प पर क्लिक करें ।‌ इसके बाद आपके सामने ई-पास के लिए आवेदन करने के लिए फाॅर्म खुल जाएगा । 


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• इसके बाद आपके पास जो जानकारी मांगी जाएगी वो दिजीए । 


• इसके बाद आपको Proceed for verification इस विकल्प के उपर क्लिक करना हैं । इस तरह से आपकी आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी । 


चारधाम यात्रा 2023 के निवासी के लिए पंजीकरण 

उत्तराखंड के निवासी के लिए भी ई - पास अनिवार्य हैं । इसके लिए निचे दी गई स्टेप्स को फाॅलो करें -


• सबसे पहले badrinath- Kedarnath.gov.in इस ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं । 


• अब आपके सामने होमपेज खुल जाएगा । इसमें आपको लाॅगिन का ऑप्शन दिखेगा । उसके उपर क्लिक करें । 


• अब आपको अपना मोबाइल नंबर देना हैं और सबमिट पर क्लिक करें । 


• इसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर सत्यापन के लिए ओटीपी आएगा । आपको ओटीपी दर्ज करना हैं । 


• अब रजिस्ट्रेशन फाॅर्म खुल जाएगा ।‌ अब आपसे आवश्यक जानकारी मांगी जाएगी वो आपको भरनी हैं । 


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•  इसके बाद आपसे कुछ दस्तावेज मांगे जाएंगे वह अपलोड किजीए और सबमिट इस ऑप्शन पर क्लिक किजिए । 

 

केदारनाथ मंदिर का इतिहास 

केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में रूद्रप्रयाग जिले में स्थित हैं । केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड का सबसे बड़ा शिव मंदिर हैं । यह मंदिर कटवां पत्थरों के विशाल भूरे शिलाखंडों को जोड़कर बनाया हैं । यह मंदिर तीनों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ हैं । पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत के बाद पांडवों ने केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया था । मान्यता के अनुसार , पांडव अपने कौरव भाइयों को मारने के बाद अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए भगवान शिव के पास क्षमा मांगने के लिए जाना चाहते थे । भगवान शिव उनसे मिलना नहीं चाहते थे । इस वजह से भगवान शिव गुप्तकाशी में छिप गए । एक बार पांडवों ने और द्रौपदी ने गुप्तकाशी में एक बैल देखा । 


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वह बैल अन्य बैलों से बहोत ही अलग था । पांडव के भाई भीम ने उस बैल को देखकर पहचान लिया कि यह बैल कोई और नहीं बल्कि स्वयं भगवान शिव हैं ।  भीम ने बैल को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सका । उसने सिर्फ बैल की पूंछ पकड़ ली । पांडवों को माफ करने के लिए भगवान शिव को मजबूर होना पड़ा । भगवान शिव गुप्तकाशी से गायब होकर अलग अलग पांच रूपों में प्रकट हुएं । जैसे की केदारनाथ में उनके कुल्हें , तुंगनाथ में हाथ , मध्यमहेश्वर में नाभि , रुद्रनाथ में चेहरा , मध्यमहेश्वर में नाभि और  पेट और कल्पेश्वर में जटा आदि । इन पांचों स्थानों को ' पंचकेदार ' इस नाम से जाना जाता हैं ।‌

   

केदारनाथ के बारे में और एक कथा प्रचलित हैं । यह कथा नार - नारायण जी से संबंधित हैं । यह पार्थिव की पूजा और तपस्या करने के लिए बद्रीका गांव में गए थे । उधर उनके सामने भगवान शिव प्रकट हुए । नार - नारायण ने मानवता के कल्याण के लिए भगवान शिव को मूल रूप में उधर रहने के लिए कहां । उनकी इच्छा पूरी करने के लिए भगवान शिव उधर रहने के लिए तैयार हो गएं । वह स्थान अब केदार इस नाम से जाना जाता हैं । 


केदारनाथ मंदिर की समय-सारणी  

केदारनाथ जी का मंदिर दर्शन के लिए सुबह 6 बजे खुलता हैं । 


केदारनाथ मंदिर में दोपहर से तीन से और पांच बजे तक विशेष पूजा होती हैं । इसके बाद विश्राम के लिए मंदिर बंद किया जाता हैं । 


इसके बाद शाम 5 बजे जनता को दर्शन के लिए मंदिर खोला जाता हैं । 


7.30 से 8.30 बजे भगवान शिव की पांच मुख वाली मृती का विधिवत श्रृंगार करके आरती की जाती हैं । 


रात को 8.30 बजे केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर बंद किया जाता हैं । 


केदारनाथ मंदिर कैसे पहुंचे 

केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं । आप केदारनाथ मंदिर में सड़क द्वारा , हवाई जहाज द्वारा और रेलवे द्वारा पहुंच सकते हैं।  


केदारनाथ मंदिर में सड़क द्वारा कैसे पहुंचे ? 

केदारनाथ के पास गौरीकुंड हैं । इधर से बस सुविधा उपलब्ध हैं । अगर आपको नई दिल्ली से केदारनाथ जाना हैं तो आप बस से जा सकते हैं । नई दिल्ली से केदारनाथ के लिए बस जाती हैं । यह बस हरिद्वार और ऋषिकेश से होकर जाती हैं। इसके अलावा आप हरिद्वार या ऋषिकेश से केदारनाथ टैक्सी से भी जा सकते हैं । 


केदारनाथ मंदिर में हवाई जहाज द्वारा कैसे पहुंचे ? 

केदारनाथ के पास ही जाॅली ग्रांट एयरपोर्ट हैं । यह एयरपोर्ट 238 किमी के दूरी पर स्थित हैं । केदारनाथ से गौरीकुंड 14 किलोमीटर के दूरी पर स्थित हैं । हवाई अड्डे से गौरीकुंड के लिए टैक्सी की सुविधा उपलब्ध होती हैं ।‌


केदारनाथ मंदिर में रेलवे द्वारा कैसे पहुंचे ? 


अगर आप केदारनाथ रेलवे की मदद से जाना चाहते हैं तो आप ऋषिकेश रेलवे स्टेशन तक ही रेलवे से जा सकते हैं । इसके आगे आप टैक्सी के सहारे गौरीकुंड तक पहुंच सकते हैं । 


हेलिकॉप्टर द्वारा केदारनाथ यात्रा कैसे करें ? 

केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए सबसे अच्छा और तेज तरीका हेलिकॉप्टर हैं । आप देहरादून से केदारनाथ हॅलिकाॅप्टर से जा सकते हैं । देहरादून से केदारनाथ तक हेलिकॉप्टर से जाने के लिए प्रति व्यक्ति 5,000 रूपए लगते हैं । 

आप फाटा से भी केदारनाथ तक जाने के लिए  हॅलिकाॅप्टर शटल सेवा का भी विकल्प चुन सकते हैं ।‌ इसमें सिर्फ जाने के लिए 2500 रूपए टिकिट होता के लिए और राउंड ट्रीप के लिए 5,000 रूपए टिकिट होता हैं ।‌


FAQ - 

1) क्या हम चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पास बनवा सकते हैं ? 


Ans - हाॅं । हम चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पास बनवा सकते हैं । 


2) क्या उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए ई-पास अनिवार्य हैं ?  


Ans -  अगर आपको उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए जाना हैं तो आपको ई-पास बनवाना आवश्यक हैं । उत्तराखंड के सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए ई-पास अनिवार्य कर दिया है । आप पहले से ही ई-पास बनवा लिजीए । 


3) उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट क्या हैं ? 


Ans - badrinath- Kedarnath.gov.in यह उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट हैं । 


4 ) उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कैसे करे ? 


Ans - उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करने के लिए badrinath- Kedarnath.gov.in इस आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं । वेबसाइट पर जाकर आप पंजीकरण कर सकते हैं । पंजीकरण करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी आर्टिकल में दी गई हैं । 


5) उत्तराखंड चारधाम यात्रा करने के लिए कौनसा समय ठीक रहेगा ? 


Ans - उत्तराखंड चारधाम यात्रा सर्दियों में बंद हो जाती हैं । आप मई और जून महिने में भी यह यात्रा कर सकते हैं । जुलाई और अगस्त माह में उत्तराखंड में तेज बारिश होती हैं ।


इस पोस्ट में हमने आपको केदारनाथ रजिस्ट्रेशन की ऑफिशियल वेबसाइट 2023 के बारे में जानकारी दी । 


( Note) दोस्तो kedarnath भगवान विष्णु जी के पूजा करें । आपके ऊपर और आपके परिवार के उपर कोई भी समाया नही आएगा । आपके यात्रा हमेशा सुखल मंगलम रहे । 


दोस्तो उम्मीद करता हूं कि ये जानकारी आपको अच्छा लगा होगा । इसे ही अगर जानकारी चाहते हैं । तो आप हमारे ब्लॉग को Subscribe जरूर करें । अगर आप के मन में किसी भी प्रकार के सवाल है । तो आप हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । या फिर आप हमे कोई अच्छा सुझाव देना चाहते हैं । तो आप हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । 


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