Friday, December 22, 2023

death of time । the death clock । death clock

 

मृत्यु प्राप्त सभी को होना अनिवार्य है । लेकीन लोग मृत्यू के बारे में बात करना नही चाहते हैं । लेकीन दोस्तों मृत्यू अटल है आत्मा अमर है । जो इस दुनिया में आया है । उसे एक ना एक दिन जाना होगा । तो मृत्यू से डर क्यों । मृत्यू के बारे में बात क्यों नहीं करें । 

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ये सभी को पता है कि मृत्यू सभी को प्राप्त होना तो मृत्यू से भागे क्यों । अगर लोग मृत्यू से भाग भी जाए । तो उसे मृत्यू कभी नही छोड़ेगा । उसको मृत्यू प्राप्त होगा । इसलिए मृत्यू से लोगो को कभी भी नहीं भागना चाहिए । 


सो दोस्तों गुगल पर एक ऐसी वेबसाइट है । जो मृत्यू के तारिक को दर्शाता हैं । मतलब आप कब मरेंगे । कैसे करेगें । क्यों मरेंगे और मरने का क्या कारण होगा । ये सब एक वेबसाइट दर्शाता हैं । तो हम आपको बताने वाले हैं । मृत्यू के पुरे सफर के बारे में जो आप सभी को जानना चाहिए । 


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इतना ही नहीं आप अपने मृत्यू के तारिक को जान सकते हैं । और मृत्यू के समय कीतना दर्द होता है । ये सब के बारे में डिटेल्स से जानेंगे । जो आप सभी को जानना चाहिए तो चलिए पोस्ट को शुरू करते हैं । 


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दोस्तों मृत्यू के तारिक जानने का बहुत ही आसान तरीका है । जेसे मेने आपको पहले ही बताया हू कि गूगल पर ऐसी वेबसाइट है । जो मृत्यू के तारिक को दर्शाता हैं । जहा से आप मृत्यू के तारिक को देख सकते हैं । और जान सकते हैं और मृत्यु के कारण भी आप जान सकते हैं । 


इसके लिए आपको www.death-clock.org वेबसाइट पर जाय या फ़िर लिंक पर क्लिक करें । ये लिंक आपको उसी वेबसाइट पर ले जायेगा । लेकीन उस से पहले आप ये जान ले । की आप किस प्रकार से अपने मृत्यु के तारिक को देख सकते हैं । और जान सकते हैं । 


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स्टेप.1 मृत्यू के तारिक को जानने के लिए आपको Death Clock वेबसाइट पर जाना है । जिसका लिंक आपको उपर मिल जाएगा । आप उस पर क्लिक करके जा सकते हैं । 


स्टेप.2 अब आपके पास एक फॉर्म आ जायेगा । जिसे आपको भरना होगा । जो फॉर्म इस प्राकार है । आप नीचे इमेज में देख सकते हैं । और इस फॉर्म में आपको ये भरना है जो आप नीचे में देख सकते हैं । 


  • BMI 

  • Date of birth

  • Alkohal

  • Name


स्टेप.3 इतना भरने के बाद आपको निचे में Submit का ऑप्शन मिलेगा । तो आप सबमिट पर क्लिक कर देना है । 

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स्टेप.4 अब आपको कुछ समय wait करना होगा । इसके बाद आपके मृत्यु के तारिक और कारण भी आपको बता दिया जायेगा । जिसे आप देख सकते हैं । और इसके अनुशार से आप अपने जिंदगी को जी सकते हैं । 


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तो दोस्तों ये रहा मृत्यू के तारिक को बताने का तरीका । अब आपको कुछ ऐसे चीज बताते हैं जो मृत्यू के समय में होता है । जो काफी रोचक होता है । इसके साथ ही मृत्यु के समय कीतना दर्द होता है । ये भी आपको बताएंगे । 


नर्क में आत्माओं को क्या सजा मिलती है ? 

दोस्तों हमारे सनातन धर्म में माना जाता है कि जो मनुष्य जैसा कर्म करता है उसे उसी प्रकार का फल मिलता है। चाहे वह फल पृथ्वी लोक पर प्राप्त हो या फिर मृत्यु के पश्चात स्वर्ग लोक में या नरक लोक में इस संसार में मनुष्य खाली हाथ आता है और खाली हाथ ही जाता है। वह अपनी द्वारा कमाया गया धन यही छोड़ कर चला जाता है ।


लेकिन उसके द्वारा किए गए कर्म यानी पाप और पुण्य ही उसके साथ रहते हैं। उस मनुष्य की आत्मा मृत्यु के पश्चात की यात्रा अपने कर्मों के अनुसार ही करती हैं। एक जीव की मृत्यु के पश्चात उसकी आत्मा की यात्रा के बारे में गरुड़ पुराण में वर्णन मिलता है। किस प्रकार मृत्यु के पश्चात उस आत्मा को यमपुरी में अर्थात यमलोक तक ले जाया जाता है। 


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जहां पर उस जीव की मृत्यु के बाद पाप और पुण्य की तुलना की जाती है। लेकिन यह तुलना किस प्रकार की जाती है। इसके बारे में हमें संपूर्ण जानकारी गरुड़ पुराण में प्राप्त होती हैं। किस प्रकार एक जीव की मृत्यु के बाद उसके पाप और पुण्य को कैसे तोला जाता है। किस प्रकार उसे स्वर्ग और नरक लोक की सजा दी जाती हैं। इसके बारे में गरुड़ पुराण क्या कहता है। चलिए जानते हैं 


कर्मो के अनुशार फल भोगना पड़ता है 

दोस्तों गरुड़ पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी के 14 पुत्र माने जाते हैं। यह 14 पुत्र हमारे द्वारा जीवन में किए गए कर्मों को देखते हैं। इनकी आंखें और कान चारों दिशाओं में मौजूद होते हैं। हमारे द्वारा किए गए पाप और पुण्य इन्हें मालूम होती है। हमारे द्वारा किसी दूसरे मनुष्य के बारे में कही गई बातें भी इन्हें पता होती है। 


हमारे द्वारा किया गया कोई भी कर्म चाहे वह भूल बसी किया गया हो। सभी कर्मों का हिसाब लेकर के ये मृत्यू के पश्चात चित्रगुप्त को देते हैं। जब आत्मा यमलोक पहुंचती है तब चित्रगुप्त हमारे द्वारा किए गए कर्मों का हिसाब यमराज को बताते हैं। जब हमारी आत्मा यमराज के सामने यमदूत के द्वारा ले जाई जाती है। तब आत्मा को एक विशालकाय आकार के भैंसे पर बैठे हुए यमराज दिखाई देते हैं। 


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अगर वह पुण्य आत्मा होती है। तो उसे यमराज शांत स्वभाव के सोने के कुंडल पहने हुए और हाथ में गदा लिए हुए दिखाई देते हैं। परंतु अगर वह पापी आत्मा होती है तो उन्हें 32 भुजाओं वाले रक्त के समान आंखों के क्रोध से भरपूर और यंग पांच लिए हुए यमराज दिखाई देते हैं। 


जब आत्मा यमराज के सामने जाती है तो चित्रगुप्त यमराज को उसके द्वारा किए गए पुण्य और पापों के बारे में बताते हैं। तब अपने कर्मों को सुनकर वह आत्मा रोने और कांपने लग जाती हैं। तब चित्रगुप्त उस आत्मा को यह कहते हैं। 


यह तेरी द्वारा किए गए कर्म ही है। तू अपने कर्मों पर क्यों रो रहा है तुझे जो भी सजा मिलेगी वो तेरी कर्मों के हिसाब से ही होगी चित्रगुप्त के द्वारा उस आत्मा के कर्मों को सुनकर यमराज उस आत्मा के कर्मों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के क्षेत्रों में किए गए कर्मों की तुलना करते हैं। 


आत्मा स्वर्ग और नर्क कब जाते हैं 

अगर उस आत्मा के द्वारा धर्म के क्षेत्र में अधिक कर्म किए होते हैं तो उसे स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती हैं। अगर उस आत्मा के द्वारा किए गए कर्म अधर्म के क्षेत्र में होते हैं तो उसे नरक लोक की प्राप्ति होती हैं। अगर कोई पापी आत्मा पृथ्वी लोक पर कुछ पुण्य कार्य करती है तो उसे नरक लोक में दी जाने वाली सजा ओं की अवधि कम कर दी जाती है। 


वहीं अगर जीव पृथ्वी लोक पर अपने द्वारा किए गए पापों का प्रायश्चित करने के लिए जीवनभर धार्मिक कार्यकर्ता हैं तो उस पापी आत्मा को भी स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। अम्लोग के पश्चात एक पुण्य आत्मा को विमान के जरिए उसे स्वर्ग लोक भेज दिया जाता है। जब की जो आत्मा मोक्ष की प्राप्ति करना चाहती है और पुनर्जन्म से मुक्ति चाहती है। उस आत्मा को हंस पर बैठाकर परमात्मा के द्वार पर छोड़ दिया जाता है ।


क्या मरने के बाद आत्मा को भगवान के दर्शन होते हैं 

जब कि जीवन भर अशुभ कर्म और पापी प्रवृत्ति के लोगों को यमलोक से सीधे अधिपत्र वन में भेज दिया जाता है। जहां पर 5 योजन में अग्नि से बना हुआ जंगल होता है। इससे पत्र वन में एक योजन जितना विशालकाय अग्नि से बना हुआ वृक्ष होता है। उस वृक्ष पर उस आत्मा को उल्टा लटकाकर यमदूत उसे भालो से मारते हैं ।


नर्क कितने प्रकार के होते हैं 

और उसके द्वारा किए गए कर्मों को बताते हैं। अस पत्र बन के पश्चात उस आत्मा को उसके द्वारा किए गए विभिन्न प्रकार के पापों की सजा के लिए विभिन्न प्रकार के नर्क में भेजकर यातनाएं दी जाती हैं। गरुड़ पुराण में कुल 8400000 नरक बताए गए हैं। इनमें से 21 को घोर नरक बताया गया है। 


पृथ्वी लोक पर जो मनुष्य अपना पेट भरने के लिए दूसरों को कष्ट देता है, उसे कूड मल का सूत्र पुती मृतक नरक की सजा मिलती हैं । जबकि जो मनुष्य दूसरे के धन को नहीं चुकाता है । अनैतिक रूप से धन कमाता है। उसे रोरम नामक नरक भेजा जाता है। जबकि दूसरे के बारे में अनैतिक बातें करने वाली मनुष्य को अंकिता मिस्त्र कुंभी पार्क संप्रत आपन नरक में भेजा जाता है। 


मास मछली शराब पीने वाले को क्या सजा मिलती है 

वही मांस मछली और शराब का सेवन करने वाले दूसरों की हत्या करने वाले मनुष्य को तनिषा और अब नरक की सजा दी जाती है वही जो मनुष्य जीवन भर काम के चक्कर में रहता है, स्त्री मोह के कारण भक्ति भाव नहीं करता या जीवन भर जिसने कभी भी गंगा में स्नान नहीं किया उसे गुड मंगलसूत्र लोहितोत संजीवन नर्क में सजा दी जाती है ।


जब पापी आत्मा यमराज के सम्मुख प्रकट हो तब उसके द्वारा किए गए कर्मों को देखकर आत्मा को विभिन्न प्रकार के नर्क में भेज दीया जाता है। तो दोस्तों इस प्रकार से गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद आत्मा के पाप और पुण्य का मूल्यांकन किया जाता है।


सो दोस्तों उम्मीद करता हूं कि ये जानकारी आपको अच्छा लगा होगा । अगर आपके पास कोई सवाल है । या आप हमे कोई अच्छा सुझाव देना चाहते हैं । तो आप हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । आज के लिए इतना ही हमारे ब्लॉग के साथ अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,



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