Saturday, July 1, 2023

Sawan ke mahine me kya nahi karna chahiye ।। What not to do in the month of Sawan ।। व्रत में शारीरिक संबंध


दोस्तों अगर आप भगवान शिव को सच्चे दिल से मानते हैं तो एक बार इस Arctile को जरूर पढ़े। और जानिए सावन के महीने में संभोग क्यों नहीं करते। 

Sawan ke mahine me kya nahi karna chahiye


Sawan ke mahine me kya nahi karna chahiye ।। What not to do in the month of Sawan

अगर आप व्रत रखते हैं तो इस post को अंत तक जरूर पढ़ना। दोस्तों सावन के इस पवित्र महीने में चारों ओर भक्ति का माहौल होता है। और शिव भक्तों में सावन का महीना विशेष उत्साह लेकर आता है। 


पुराणों में कहा गया है कि अन्य दिनों की अपेक्षा सावन के महीने में भगवान शिव की सच्चे दिल से पूजा अर्चना करने का कई लाख गुना लाभ मिलता है। शिव पुराण में बताया गया है।


 कि भगवान शिव की भक्ति करने से मात्र राहु केतु से निजात मिल जाता है। सनातन धर्म के अनुसार सावन के महीने में पूजा पाठ के साथ कुछ नियम भी होते हैं जिनका पालन करना हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। 


ऐसे में खासकर अगर आप सोमवार का व्रत रखते हैं तो आप यह जान लीजिए कि सोमवार के व्रत में यह सावन भर संभोग क्यों नहीं करते? 


दोस्तों एक बार सच्चे दिल से कमेंट बॉक्स में लिख दे ओम नमः शिवाय, जय माता पार्वती हमारा website जरूर सब्सक्राइब करें तो आइए जानते हैं।


Sawan ke mahine me kya nahi karna chahiye ।। What not to do in the month of Sawan

 दोस्तों सावन के व्रत हो या फिर सोमवार के व्रत संभोग इसीलिए नहीं करते क्योंकि व्रत रखने वाले व्यक्ति का नाता महाशिव के साथ जुड़ जाता है। अर्थात शक्तियां व्रत धारी के आसपास मौजूद होती है।


 यह सभी शक्तियां व्रत रखने वाले के आसपास घूमती रहती है और उसका साथ नहीं छोड़ती। वह व्यक्ति भगवान शिव की शरण में होता है। यह दिव्य शक्ति यहां सकारात्मकता का प्रतीक मानी गई है। इसीलिए ऐसे समय में संभोग करना कई दिव्य शक्तियों को क्रोध करने के बराबर माना जाता है।


दोस्तों एक तरफ भगवान शिव से प्रार्थना करते हैं कि हे प्रभु मेरी पुकार अवश्य सुने और एक तरफ आप व्रत रखने पर संभोग करते हैं जो कि शास्त्रों के अनुसार। घोर पाप के बराबर माना गया है। 


संभोग करने पर व्यक्ति आप अभी तेरे और गंदा हो जाता है। अगर कोई व्रत धारी ऐसे समय में शारीरिक संबंध स्थापित करता है तो यह दिव्य शक्तियां भयानक रूप ले लेती है।


 यह शक्तियां क्रोध में आकर आपस में टकराती हैं और व्रत रखने वाले व्यक्ति को जिंदगी भर अंत तक परेशानियां झेलनी पड़ती है। गरुण पुराण में बताया गया है कि व्रत धारी को संभोग करने से बचना चाहिए ।


क्योंकि वह व्यक्ति उस समय ईश्वर की शरण में होता है। इसीलिए इस सावन के पवित्र महीने में अगर आपने व्रत रखा है तो आप का नाता ईश्वर से जुड़ गया है। ऐसे में जब तक आपका व्रत पूरा ना हो जाए तब तक संबंध स्थापित कभी ना करें। जब तक सावन खत्म ना हो जाए या सोमवार का व्रत पूरा ना हो जाए। तब तक श्रद्धा पूर्वक व्रत को पूरा कर ले।


और सावन खत्म होने तक कोई भी गलत कार्य ना करें। संबंध स्थापित ना करें इससे महाशक्ति आंख। व्रत में संभोग करने वाले को कुकर्मी और अधर्मी कहा गया है। दोस्तों जरा आप ही सोचिए क्या आप भगवान शिव के क्रोध का कारण बनेंगे ।


इसीलिए ऐसा पाप कभी ना करेगी। महादेव की सच्चे दिल से पूजा पाठ करें और मनोवांछित फल की प्राप्ति करें। भगवान शिव के इस पोस्ट को शेयर जरूर करे।

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       जय हिंद जय भारत 

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