दोस्तो स्वागत है Verma News में किसी ने सच ही कहा है कि प्यार अंधा होता है तभी तो इंसान प्यार के अंधेपन में यह तो भूल जाता है कि जिसके साथ वह प्यार में है। वो किसी और का हो चुका है क्योंकि दोस्तों लड़का लड़की के बीच में होने वाला प्यार समझ में आता है लेकिन जब किसी का संबंध किसी शादीशुदा इंसान के साथ होता है तो रिश्ता नायजज कहलाता है,
पराई स्त्री से संबंध बनाने से क्या पाप लगता है
ऐसे में कई लोग हैं जो शादीशुदा महिलाओं के साथ भी संबंध में रखते हैं और इस तरह के लोगों के दिमाग में सिर्फ और सिर्फ एक ही सवाल चलता है। इस तरह के रिश्ते के बारे में कानून क्या कहता है आखिर कानून इस तरह के न जाए जो रिश्ते को किस निगाहों से देखता है। तो चलिए मेरे यानी अपने दोस्त Prayag verma के इस पोस्ट में जानने की कोशिश करते हैं।
Relationship with married woman? । नए नियमों के अनुसार अगर कोई शादीशुदा महिला कुंवारे लड़के से बनाएगी संबंध तो उसे क्या सजा मिलेगी । धारा 497 क्या है । दूसरे की पत्नी से शारीरिक संबंध अब अपराध नहीं
एक लड़का और एक लड़की के बीच शादी का रिश्ता दुनिया का सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है। जिसे निभाने के लिए लोग अपनी पूरी जिंदगी निकाल देते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सिवाय धोखाधड़ी के कुछ और करते ही नहीं है। आप लोगों ने लोगों ने कई सारे लोगो का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करते हुए देखा होगा या नहीं।
दूसरे की पत्नी से शारीरिक संबंध अब अपराध नहीं
बोलो अपनी शादी से अलग दूसरे किसी इंसान के साथ नायजज रिश्ते में रहते हैं। इस तरह के रिश्ते के बारे में सभी धर्मों में सिर्फ एक ही राय है। कि ये गलत है। ऐसा कभी भी किसी को नहीं करना चाहिए, परंतु इस तरह के रिश्ते के बारे में कानून की अपनी अलग रहा है। अधिकतर ऐसा देखा गया है कि विवाहित जोड़े एक दूसरे से खुश नहीं होते। उन्हें वो प्यार नहीं मिल पाता जिसकी उन्होंने उम्मीद की थी।
और उसे प्यार की खोज में वह ऐसे दलदल में चले जाते हैं, जिसका अंत ना उनके लिए अच्छा होता है। ना ही होंगे। शादीशुदा रिश्ते के लिए देखा जाए तो अलग-अलग धर्मों में इस एक बहुत बड़ा गुनाह माना गया है। लेकिन यह सवाल ये उठता है कि क्या यह कानून की नजर में अपराध है। या नही
नए नियमों के अनुसार अगर कोई शादीशुदा महिला कुंवारे लड़के से बनाएगी संबंध तो उसे क्या सजा मिलेगी । धारा 497 क्या है
अब दोस्तों इस बात को समझने के लिए इंडियन पीनल कोड की धारा 497 बार में समझ लो। 2018 के पहले अगर कोई व्यक्ति किसी शादीशुदा महिलाओं के साथ संबंध में रहता था। ऐसे समय में अगर उसका जुर्म साबित हो जाता था तो इस तरह के पुरुष को 5 साल की सजा हो जाती थी साथ ही साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता था हालकि वह चीज कोर्ट पर डिपेंड करता थी।
की को व्यक्ति को जुर्माना लगाकर छोड़ना चाहते हैं या फिर उसे सजा देना चाहते हैं। यहाँ तक कि अगर कोर्ट चाहे तो उस व्यक्ति को सजा और जुर्माना दोनों दे सकती है। कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो इस चीज के लिए 2018 से पहले कानून पुरुषों को गुणागार मानता था,
लेकिन फिर एक याचिका दायर की गई जिसमें लिखा IPC का धारा 497 पुरुषों के साथ भेदभाव करती है। साथ ही साथ संविधान के आर्टिकल 14, 15 और 21 का उल्लंघन भी करती है। दोस्तों इस याचिका को n.r.i. जो सिंह ने दाखिल किया था। उन्होंने अपनी याचिका में धारा 497 को गैर संवैधानिक बताकर उसे चुनौती दी थी। इसके बाद यह कैसे पांच जजों की संविधान पीठ को दिया गया और पर सुनवाई शुरू कर दी गई।
नए नियमों के अनुसार अगर कोई शादीशुदा महिला कुंवारे लड़के से बनाएगी संबंध तो उसे क्या सजा मिलेगी
कोर्ट ने धारा के खिलाफ याचिका में कहा कि संबंध बनाने वाले पुरुष के खिलाफ महिला का पति यानी जिस महिला के साथ कोई पुरुष से संबंध स्थापित करता है, उस महिला का पति aldetri का केस दर्ज करवा सकता लेकिन संबंध बनाने वाली महिला के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं करवाया जा सकता क्योंकि प्रावधान में नहीं है कि इस हिसाब से यह पुरुषों के साथ भेदभाव करने वाली धारा थी
क्योंकि यहां पर दो लोगों का आपसी संबंध बन रहा है तो फिर सजा केवल पुरुष को ही क्यों मिले। महिला भी बराबर की जिम्मेदार होती है जो अपनी याचिका में यह भी कहते हैं कि महिलाओं को अलग तरीके से नहीं देखा जा सकता क्योंकि आईपीसी की किस धारा में महिलाएं पुरुष में भेदभाव नहीं है। यानी कानून सबके लिए बराबर है। आप चाहे वह महिला हो पुरुष
किसी भी गुनाह के लिए दोनों को एक ही तरह की सजा दी जानी चाहिए जो कि अभी भी दी जाती है। ऐसे में ये बात कोर्ट को काफी अफिजिकल लगी और इसपर काफी लंबे समय तक सुनवाई चलती रही है। अंत मे 27 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने ipc की धारा
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497 को असंवैधानिक बताते ये कहा, अगर कोई व्यक्ति किसी शादीशुदा महिला के साथ उसकी मर्जी से संबंध स्थापित करता है तो उस व्यक्ति पर किसी भी प्रकार की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। क्योंकि दोस्तों जाहिर सी बात है। जहां पर महिला अपनी मर्जी पर उस व्यक्ति के साथ संबंध साबित कर रही है।
उस पर कोई जोर जबरदस्ती नहीं की जा रही है। इसलिए यहां पर किसी भी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई का सवाल ही नही उठता हाल कि अगर ऐसा मामला है तो महिला का पति अपने पत्नी पर धोखा देने के तौर पर तलाक का केस रजिस्टर कर सकता है और इस तरह के मामले में तलाक का केस का मजबूत हो जाता है।
लेकिन यहां पर किसी को भी कोई सजा नहीं दी जाती। अगर कोई चीज लेकर कोई पुरुष अदालत का दरवाजा खटखटा ता है तो उसकी बीवी ने उसे दूसरे मर्द के साथ देखा। यह धोखा दिया तो महिला की पर्सनल चॉइस कहकर ये चीज आपसी बातचीत से सुलझाने के लिए कही जाती है। लेकिन अगर हम दुनिया के अलग-अलग धर्मों की बात करें तो दोस्तों हर धर्म में अपने पति को धोखा देने वाली महिला
और उसके प्रेमी के लिए अलग - अलग सजाए हैं जहां यहूदी धर्म में सीधा दोनों को फांसी पर चढ़ा दिया जाता है। वह ईसाई धर्म में पत्थर मारने का रिवाज है। लेकिन जब एक महिला ने ऐसा किया तो जीसस ने कहा, इस महिला को सिर्फ पत्थर मरेगा जिन्होंने कोई पाप ना किया हो जिसकी वजह से कोई भी आगे नहीं आया और अपने पति को धोखा देने वाली महिला बच गई।
हालांकि यह सब बातें तो पुरानी बातें हैं क्योंकि अब यह सारी चीजें बहुत कम ही होती है। लेकिन धर्मों के हिसाब से ये चीज गलत है। ओर एक चीज के हिसाब आए अगर हम देखे तो वाकई में गलत है क्योंकि जब आप किसी के साथ शादी जैसे पवित्र रिश्ता में बांधते हो। और फिर आप उसके साथ धोखा करते हो तो यह सिर्फ दो जिंदगी में खिलवाड़ है
बल्कि दो परिवारों के जज्बातों के साथ भी खिलवाड़ तो हमें लगता किसी को भी करना चाहिए। चाहे वह महिला व पुरुष कभी धोखे जैसी चीज शादी जैसे पवित्र रिश्ते में नहीं आनी चाहिए अगर आप किसी के साथ खुश नही है। तो उसे ये बात कह दीजिए ना, लेकिन धोखा देना कहीं से भी सही नहीं है।
आपका इस पर क्या कहना है। हम कमेंट में जरूर जानना चाहेंगे। इसी तरह की पोस्ट को लगाकर देखते रहने के लिए हमारे Website Verma News को subscribe करना ना भूले।
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