Friday, December 29, 2023

चिकन खाने से क्या होता है । चिकन खाने से कौन सी बीमारी होती है

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दोस्तो एक बार फिर से स्वागत है। आपका Verma News में चिकेन खाया और यह हो गया। जैसे कि आपको मालूम है। चिकन खाने से रोजाना लाखों लोगों की मौत हो रही है। अब अगला number कही आपका ना हो। इसीलिए Post के end तक बने रहिए। 

चिकन खाने से क्या होता है । चिकन खाने से कौन सी बीमारी होती है

क्योकि आज के पोस्ट में हम आपको बताएंगे। चिकेन किस प्रकार आपकी बॉडी को effect पहुंचाता है। कोरोना का तीसरा लहर भी चिकन से फेल रहा है। दोस्तो तो यूं इस दुनिया में एक से बढ़कर एक बीमारी है। कुछ इंसान की जान ले लेती है तो कुछ जिंदा इंसान को मौत का एहसास करा देती है । 


चिकेन खाने से कोंन सी बीमारी होती है? 

लेकिन एक बीमारी  ऐसी है जिसके बारे में बात करने से लोग कतराते हैं और वो है नपुंसकता  आप ये जान कर हैरान हो जाएंगे। जैसे जैसे हम इंसान तरक्की कर रहे हैं । वैसे वैसे पुरुषों में बीमारी बढ़ती चली जा रही है। पर क्या आप जानते हैं इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण क्या है। असल मे दोस्तों वो और कुछ नहीं बल्कि आपका पसंदीदा चिकन है। ये वही चिकन है।


जिसे खाने की वजह से हर साल में कम से कम 70000 नवजात बच्चों की मौत हो जाती है। वही चिकन है जिसकी वजह से हजारों की संख्या में लड़के नपुंसक बन रहे हैं। ये वहीं चिकन है जिसकी वजह से 15 साल की लड़की 25 साल की नजर आती है। 


ऐसे में आप सोच रहे होंगे। भला यह सब हो कैसे रहा है। तो दोस्तो इसी जानने के लिए Verma News Teem  के साथ Post  के अंत तक बने रहिए।  लेकिन पोस्ट शुरू करने से पहले एक छोटी सी requst है। अपने दोस्तों के पास जरूर शेयर करे। 


चिकन खाने से क्या होता है । चिकन खाने से कौन सी बीमारी होती है

दोस्तो ये घटना 21वीं सदी की शुरुआत की है। जब भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में नपुंसकता के मरीज बढ़ते जा रहे थे तो यह समझ नहीं पा रहा था कि पुरुषों में ये दिक्कत क्यो हो रही है। वहीं दूसरी तरफ महिलाएं भी काफी परेशान थी क्योंकि उम्र तो उनके पहले ही शरीर में बदलाव करने लगी । जो कच्ची उम्र में नहीं होता था। 


यहां तक कि उनके बच्चे पैदा होने से पहले ही खत्म होने लगे थे। और फिर कई सारे एक्सपेरिमेंट ओर शोद कीये गए।  जिसका नतीजा सुनकर लोगों के होश उड़ गए क्योंकि शोधकर्ताओं के अनुसार उनकी इस  स्थिति का कारण कुछ और नहीं बल्कि चिकन था। 


जी हां वो जिसे लोग  स्वाद और तंदुरुस्ती के लिए खाते थे। वहीं इनके बीमारियों का कारण बनता जा रहा था। दोस्तों शोध में यह बात सामने आई कि पूरी दुनिया में लोग जिस तरह चिकन को खा रहे हैं उसके जरिए उनके शरीर में एक बहुत ही जहरीला पदार्थ पहुंच रहा है। 


एक ऐसा पदार्थ जिसे हम Slo पोजन के नाम से जानते हैं क्योंकि धीरे-धीरे हमारे शरीर को कमजोर करता जाता है और यह पदार्थ कोई और नहीं बल्कि दुनिया का सबसे खतरनाक antivetic Arsenic है।  


ये वही Arsenic है जो आपके जुबान से अगर छू जाए ना तो आप के प्राण निकल सकते हैं। अब हर कोई सोच रहा होगा। की भला के जहरीला प्रदार्थ  हमारे शरीर में कैसे पहुच रहा है। तो दोस्तो इस सवाल का जबाब  जानने के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना। 


बस अपने आसपास के किसी पोल्ट्री फॉर्म में पहुंच जाइए। वहीं पॉलिटिक्स फॉर्म जहां मात्र 30 से 35 दिनों में मुर्गों को बड़ा कर दिया जाता है क्योंकि  आमतौर पर किसी भी मुर्गे को बड़े होने में कम से कम 150 दिन का वक्त लगता है। लेकिन पोल्ट्री फॉर्म वालों के पास तो जादू की छड़ी होती है ना वह जिसे घुमाकर मात्र एक डेढ़ महीने के आस-पास ही मुर्गे को बड़ा करके लोगों के सामने पेश कर देते है

 

मुर्गे को आंटेवेटिक दवाइयों से तैयार किया जाता है ? 

असल मे दोस्तों जब आप पोल्ट्री फॉर्म में जाएंगे। ना तो आप वहां देखेंगे। छोटी जगह पर हजारों की संख्या में मुर्गों को रखा जाता है। अब इतनी कम जगह पर इतने सारे मुर्गों की वजह से वहां पर तरह-तरह के वेकटिया जन्म लेते है। 


जिसके कारण मुर्गो में कई तरह की बीमारियां फेल जाती है। जो एक से दूसरे मुर्गों में पहुंचने लगती है। ऐसे में दोस्तों पोल्ट्री फॉर्म वाले मुर्गों को अलग-अलग प्रकार की बीमारियां से बचाने के लिए कई सारी  एंटीबायोटिक दवाइयां देते हैं जो कि  उनके लिए तो अच्छी बात है लेकिन दिक्कत हम इंसान हो जाती है।


क्योंकि जो एंटीबायोटिक्स होती है । वह  हार्ड होती है जो अगर बिना वजह के किसी को दी जाए तो उसके शरीर पर इसके गक्त असर पड़ने लगते हैं। लेकिन मुर्गों को तो बिना वजह ढेर सारी एंटीबायोटिक दी जाती है ताकि वह पहले ही बीमारियों से बच रहे और इसके अलावा मुर्गी को खाने के साथ-साथ Arsanic नाम का खतरनाक रासायनिक तत्वों दिया जाता है। 


ये ऐसा खतरनाक तत्व है जो अगर मुर्गों को खिला दिया जाए तो उन्हें खाना भले ही कम मिले  तभी उनका शरीर लगातार बढ़ता चला जाता है। दोस्तों यह जो खतरनाक चीजे  मुर्गों के शरीर में डाली जाती है ना उनके मांस में जमने लगती है। ऐसे में जब उसी मुर्गे के लोग बड़े चाव से खाते हैं उसे तो उसके मात्र मौजूद एंटीबायोटिक और दार्शनिक इंसान के शरीर में पहुंच जाते हैं। 


ओर यही अन्तिवेटिक धीरे-धीरे पुरुषों में नपुंसकता का कारण बन जाते हैं। भले ही आपको हमारी बात भी खराब लग रही होगी और जिन लोगों को चिकन पसंद है वह तो इस बारे में सुनना भी नहीं चाहते होंगे क्योंकि अपनी मन पसंद चीज के बारे में कुछ भी खराब नही सुन सकते है। 


पर दोस्तो ये बात शत प्रतिशत सच है। मुर्गी को जल्दी बड़ा करने के लिए और उन्हें बीमारियों से बचाए रखने के लिए एंटीबायोटिक और ग्रोथ हार्मोन की दवाइयां दी जाती है। जो जब हम इंशनो के शरीर मे पहुचती है। तो इसका बहुत ही गलत    असर होता है। 


ना सिर्फ इसे पुरुषों में नपुंसकता बढ़ रही है बल्कि महिलाओं में भी और हॉर्मोन का डिस बैलेंस देखने को मिल रहा है यह तक कि   लोगों का शरीर बिना किसी सेब की अदरक की तरह  कहीं से भी बढ़ने लगता है। ओर अगर चिकन को खाने से हार्मोनल डिस बैलेंस होता है। 


क्या मुर्ग़े से सभी को खतरा है ?

तो और भी कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है तो तो ये मत सोचिए की  चिकन खाने वाले लोगों को खतरा है। बल्कि शाखाहरी खाने वाले लोग बिल्कुल भी इसकी चपेट में आने से नहीं बच सकते क्योंकि जो पोल्ट्री फॉर्म होते हैं । वहाँ एक साथ कई सारे मुर्गे मूर्तियों को रखा जाता है।


जिनके द्वारा काफी सारा माल इकट्ठा होता है और उसमें एंटीबायोटिक ओर arsanic मौजूद होता है। पर दिक्कत ये है। कि वो जो मल  होता है उन्हें कई सारे किसान खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं और उसी से फल और सब्जियां उगाते हैं जिसकी वजह से हम तक पहुंचने वाले फल और सब्जियों भी इस खतरनाक एंटीबायोटिक का शिकार बन जाती है। 


मुर्गे के बीमारी से कैसे बचा जा सकता है ? 

जो हमारे शरीर में नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ दी। अब आप सोच रहे होंगे। कि भला इस मे कोई इंसान करे तो करे क्या तो दोस्तो चिंता मत करो। सब पोल्ट्री फॉर्म को बढ़ावा देना बंद कर दो। जहां पर एक साथ कई सारे मुर्गे मुर्गियों को रखा जाता है 


क्योंकि अगर इन्हें बढ़ावा नहीं मिलेगा तो अपने फॉर्म में स्वच्छता लाने की कोशिश करेंगे और आप हमेशा कोशिश करें। आप देशी चिकेन का उपयोग करे। जो कि प्राकृतिक तौर पर बड़ी होती है और उनमें किसी भी प्रकार की दवाएं इस्तेमाल नहीं होती है। यहाँ तक कि आप फल और सब्जियों को देखकर खरीदें । क्योंकि आज के समय में देखा जाए तो कोई भी चीज सुध नही है। लेकिन अगर हम चाहे तो कम अशुद्धि वाली चीजों का इस्तेमाल तो कर ही सकते हैं।


 बाकी दोस्तो आपको इस पर क्या कहना है हमे comment box में जरूर बताये। ओर ऐसे ही amezing fects को लगातार पढ़ने के लिए हमारे blogg verma news को sunscribe जरूर करे। 


तो आज के लिए इतना ही अब हम चलते हैं फिर मिलेंगे नई पोस्ट के साथ तब तक हमारे blogg के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को Verma News Temm दिल से स्वागत करता है। 


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