Tuesday, May 9, 2023

मुंबई में रेड लाइट एरिया कहाँ पर है? । मुंबई में रंडी एरिया कहाँ है ?

By:   Last Updated: in: ,


रात होते ही मुंबई में देखिए क्या हो रहा है कामाठीपुरा नाम तो आपने सुना ही होगा। अगर नहीं सुना तो कोई बात नहीं। पोस्ट के अंत तक आप इस जगह की ऐसी सच्चाई जानेगे । जिन्हें जानने के बाद आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। 

मुंबई में रेड लाइट एरिया कहाँ पर है? । मुंबई में रंडी एरिया कहाँ है ?

जहां एक तरफ माया नगरी मुंबई में चकाचौंध भरी जिंदगी देखने को मिलेगी। तो वही दूसरी तरफ लोग अपने राते रंगीन करने के लिए अलग ही तरीका अपनाते हैं। तो चलिए आज आपको मुंबई की उस बदनाम गली में लेकर चलते हैं। जहां जाने के बाद अच्छे खाशे सरीफ यहां से शरीफ लोगों का ईमान बिगड़ जाता है। 


लेकिन दोस्तों पोस्ट को शुरू करने से पहले आपसे एक छोटी सी रिक्वेस्ट की अगर आप हमारे website Verma News को subscribe जरूर कर ले।


मुंबई में रेड लाइट एरिया कहाँ पर है? । मुंबई में रंडी एरिया कहाँ है ?

भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई जिसे माया नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा शहर है जहां लोग अपने सपने पूरे करने के लिए आते हैं। तभी तो हर साल लाखों लोग इस शहर में इस उम्मीद से आते हैं कि उनकी जिंदगी बदल जाएगी पर यहां आने के बाद या तो लोगों की जिंदगी पूरी तरह से समल जाती है।


या तो हमेशा हमेशा के लिए बिखर जाती है। यह भारत का एक अकेला ऐसा शहर है जहां पर कोई आपकी जिंदगी में दखल अंदाजी नहीं करता। आप जैसे मर्जी वैसे रह सकते हैं। लेकिन इस शहर की अपनी एक सरत है। और वो ये है। कि आपको भी इसके मुताबिक रहना पड़ेगा। 


तभी तो लोग अपने आप को मुंबई की लाइफ स्टाइल में फिट करने के लिए दिन रात लगे रहते है। पर वही इन सब चीजो  से अलग कुछ लोग ऐसे भी हैं जो देश दुनिया की चिंता छोड़ कर अपनी रातें रंगीन करने के लिए मुंबई के उस बदनाम इलाके में पहुंच जाते हैं। 


जिसकी चर्चाएं पूरे भारत मे है। जी हां बिल्कुल सही समझा की हम कमाठीपुरा की बात कर रहे हैं। मुंबई के इस बदनाम इलाके को आज से कई सालों पहले लाल बाजार के नाम से जाना जाता था।


कोठे मे क्या होता है?

जहाँ पर पहुचते ही इंशान का इमान बिगड़ जाता है। 500 , 1000 , 1500 ,  के रेट में यहां पर जिस्म बेचा जाता है। पर उसे खरीदने वाले लोग बिना एक भी पल सोचे पैसा लुटाते हैं। बस आपके पास जेब में पैसा होना चाहिए। 


फिर ये जगह आपको किसी जन्नत से कम नहीं लगेगी। यहाँ पर जिस्म की कालाबाजारी इतने भयानक तरीके से होती है। कि उसके  लिए बाकायदा एजेंसी मौजूद होते हैं जिन्हें हम भाषा में दलाल कहते है। अगर आप गलती से भी कमाठीपुरा की गलियों में पहुंच गए तो वहां हर कोई आपको अपने पास बुलायेगा।


कोई किनारे ले जाकर बात करेगा और कुछ लोग तो हाथ पकड़ कर ही आपको अंदर ले जाएंगे। अब इन सब चीजों के बाद आप समझ जाइए कि किसी भी शरीफ इंसान की शराफत किस तरह चुटकियों में तीतर बित्तर हो जाएगी। खेर इस समय तो फिर भी जब यहाँ पर आपको गिने-चुने लोग ही जाते हुए दिखाई देंगे क्योंकि जिस्म की कालाबाजारी अभी थोड़ी ठंडी पड़ी हुई है। 


पर वक वक्त हुआ करता था। जब यहाँ का बाजार इतना गर्म था कि लोग ना चाहते हुए भी इन बदनाम गलियों में पहुंच जाते थे। तभी तो साल 1992 के वक्त यहाँ पर 45000 वैश्या काम करती थी। लेकिन उसी दौरान जब एचबी का संक्रमण बढ़ने लगा । तब धीरे-धीरे यहाँ पर जिस्म बचने  वालों की वेश्याओं की गिनती कम हो गयी।


वरना तो लोग इतनी ज्यादा संख्या में यहाँ पहुचते थे। जिनकी कोई हद ही नही है। लेकिन एचबी संक्रमण जैसे ही बढ़ा लोगो कब अंदर मौत का डर सताने लगा कई  सारी वेश्याओं ने वेश्यावृत्ति का काम छोड़ दिया और मौत के डर से मर्दों के अंदर का दरिंदा भी मर गया। 


रेड लाइट एरिया का मतलब क्या होता है

तभी तो लोग यहां पर ना के बराबर आते थे वरना क्या अमीर क्या गरीब हर कोई आपको कमाठीपुरा की इन्ही बदनाम गलियों में किसी हसीना के साथ अपनी शाम रंगीन करता हुआ मिल जाता था और उस समय Don वेगेरा भी बहुत ज्यादा हुआ करते थे। 


उनमें से अधिकतर लोगो के राते ऐसी रेड लाइट एरिया में बीतती थी। इस संक्रमण में सभी के दिमाग ठिकाने लगा दिया । और वही वजह है।  और यही वजह है कि 2009 में यहां पर काम करने वाली वेश्याओं की गिनती 45000 से हटकर डायरत 1600 पहुंच गयी।


हालकि अब हालात पहले जैसे वापस हो रहे हैं। जहां ना सिर्फ वेश्याओं की गिनती बढ़ रही है बल्कि यह आने जाने वाले लोग भी भारी मात्रा में इस जगह में इंटरेस्ट ले रहे हैं। तभी तो रात कब वक्त ख़ातिमपुरा की गलियां रोशनी से चकाचौंध हो जाती है। पर यहां की चकाचौंध के पीछे एक घना अंधेरा छुपा हुआ है।


लड़की वेश्यावृत्ति करने की क्या मजबूरी होती है ? 

और वह यह है कि यह काम करने वाले अधिकतर महिलाएं जोर जबरदस्ती से यहाँ लाई जाती है। जी हाँ आप जिस तरह नाटक और फिल्मों में देखते हैं कि कैसे महिलाओं को बहला-फुसलाकर बड़े शहर का वादा दिया जाता है। ओर फिर लाकर यहां बेच दिया जाता है। 


असल में पूरे भारत के अलग-अलग कोनों से छोटे शहरों की लड़कियों को पहले बहला-फुसलाकर कभी काम देने का बहाना बनाकर यहां पर लाया जाता है तो कभी उनसे शादी करके उनको फंसा लिया जाता है और फिर यहां लाकर 5000 से 10000 में बेच दिया जाता है।


जिसके बाद उन लड़कियों की जिंदगी पूरी तरह से तबाह हो जाती है और उन्हें वेश्यावृत्ति करने के लिए मजबूर किया जाता है। पहले तो दलाल इन लड़कियों को पैसों का लालच देते हैं और फिर अगर वह नहीं मानती तो उन्हें बेहोशी के इंजेक्शन दिए जाते हैं जिससे उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ता कि उनके साथ क्या हो रहा है ।


और यह चीज कई सालों से यहां पर होती आ रही है। हालांकि कई सारे लोगों ने यहां पर करने वाली वेश्याओं के हित में कई सारे फैसले किए लेकिन कुछ लोग अभी भी चोरी चुपके इस काम को कर रहे हैं। यानी कि आप समझ लीजिए। अभी भी हजारों की संख्या में ऐसी लड़कियां है जिनकी जिंदगी इस तरह की रेड लाइट एरिया खराब हो रही है। 


हालकि जोर जबरदस्ती का काम आपको हर जगह देखने को मिलेगा लेकिन यहाँ कुछ ज्यादा ही होता है ओर इसलिए हमने कहाँ था। की कुछ लोगो की ज़िंदगी यहाँ आकर सबर जाती है।  लेकिन कुछ की पूरी तरह से बिखर जाती है और उसी में बिखरी हुई जिंदगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा इन लड़कियों का भी है। जिन्हें मजबूरन इस तरह की चीजें करनी पड़ती है पर यह चीज अभी की नही है।


कमाठीपुरा वेश्यावृत्ति के धंधा पहले किसने शुरू किया था ? 

कमाठीपुरा का इतिहास अंग्रेजों के समय का है। असल में दोस्तों 1924 के बाद अंग्रेजों ने इस जगह की स्थापना की थी  कि अंग्रेजों के सैनिक अपने परिवार से दूर रहकर इस जगह पर ही उस समय तो विदेशों से महिलाओं को यहां पर वेश्यावृत्ति करने के लिए भेजा जाता था।


तो उनमें से एक काम और उनसे यह काम पैसे देकर करवाया जाता था पर समय बीतता गया । और यह जगह दिन प्रतिदिन पॉपुलर होती गई। जिसके चक्कर में अब यह हाल हो गया है कि अंग्रेज तो देश छोड़कर चले गए। लेकिन उनका बसाया हुआ कमाठीपुरा अभी भी भारत के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया में शामिल है।


मुंबई में मानव शरीर के टर्की होती है ? 

दोस्तो मुंबई की कमाठीपुरा में सिर्फ वेश्यावृत्ति ही नहीं होती बल्कि मानव तस्करी भी होती है जो मुंबई के अलग ही सच को व्यक्त करती है। वैसे तो सब  इन सब चीजों पर रोक लगाने के लिए सरकार दिलो जान से जुड़ी हुई। लेकिन हमें नहीं लगता कि जब तक कमाठीपुरा जाने वाले लोगों की संख्या में कमी नहीं आएगी ।


तब तक कुछ भी नहीं होने वाला क्योंकि अब यहां पर लड़कियों की संख्या बढ़ने लगी है और कई सारी लड़कियां खुद से इस काम को कर रही है। जहाँ इनमें से अधिकतर ऐसी है जोर जबरदस्ती से इस काम को करने पर मजबूर किया गया और यह सब कुछ उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ के अलावा कुछ भी नहीं है। 


अब हमें तो पता नहीं कि हमारे देश में इस जिस्म फरोशी की धंधा कब बंद होगा और कब लोग धोखा देकर मासूम लड़कियों को इस तरह के दलदल में फेंक ना छोड़ेंगे। वैसे आपने यह चीज भी नोटिस की होगी कि मुंबई का क्राइम रेट बाकी शहरों से थोड़ा सा कम है। 


मुंबई में वेश्यावृत्ति ज्यादा क्यो है ? 

आजकल लोग अपनी रंगीन रातें करने के लिए किसी से जबरदस्ती नहीं करते बल्कि वह डायरेक्ट मुंबई की बदनाम गलियों में पहुंच जाते हैं। इसलिए यहाँ पर कमाठीपुरा इतना ज्यादा पॉपुलर है। बाकी आपका इसके बारे में क्या कहना है और आप इन चीजों को किस तरह से देखते हैं। 


उसके बारे में हमें कमेंट करके जरूर बताइए और इसी तरह की शानदार पोस्ट को लगातार  पढ़ते रहने के लिए हमारे website को सब्सक्राइब करना ना भूले पढ़ने के लिए शुक्रिया।


मुंबई रेड लाइट एरिया नाम लिस्ट

मुंबई में रेड लाइट एरिया कहाँ पर है?

कोठे मे क्या होता है?

No comments:
Write comment