बारिश कब होगी कितनी होगी कहा होगी । ये आखिर पहलें से कैसे पता चल जाता है । अब आप ये कह सकते हैं। की ये तो सैटेलाइट से पता लगाया जाता है। अंतरिक्ष में लगे स्टरलाइट से हमे जानकारी देते हैं। स्टरलाइट हमे इमेजेस देते हैं। की यहां - यहा बादल बन रहे हैं । और इतने जगहों में यहां पर पानी बरसे गा । ये सब कैलकुलेट करके देता होगा ।
लेकीन क्या आपको मालूम है । की स्टरलाइट हमे ये नही बता सकते हैं। की अगर इस जगह पर पानी बरसेगा । तो कितना बरसेगा । आनी उसकी एंटींसी कितनी होगी । जब तक हमे ये नही मालूम पड़ेगा। की बारिश कितनी होगी । तब तक हम बाढ़ जैसे एस्तित्यो से कैसे संभल पाएंगे । कैसे तैयार रह पाएंगे ।
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बारिश कब होंगे । और कितनी होगी । ये पता लगाने के लिए भारत में क्या उपाय लगाए गए हैं । तो दोस्तो आज के इस एरिक्टल में हम इसी सवाल के ज़बाब को जानने के कोशिश करेंगे ।
आज का मौसम कैसा रहेगा बारिश होगी या तूफान आएगा 2022
दोस्तो आजकल टीवी ऑन करते ही चारो तरफ पानी नजर आता है । Mumbai , Gujarat , Uttarkhand , Assam , भारत के कोने कोने से बारिश बाढ़ बादल फटने जैसी तबाही की खबरे दिखाई जा रही है । ऐसे में सवाल उठना लाजमी है ।
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भारत में मोशम विभाग के लोगो के पहले से जानकारी नहीं होती है। तो दोस्तो ये तो आप सयाद जानतें होंगे। की भारत में मौसम से जुडी जानकारियां देने का जिमा IMD आनी की India Meteorological department के पास है। जिसे हिंदी में भारत मौसम विज्ञान विभाग कहा जाता है।
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मौसम विभाग बारिश आंधी तूफान का पता कैसे होता है ?
यही वो एजेंसी है । जो भारत में मोसम की जानकारियां देती है । यहां आपके लिए जानना जरूरी है। की भारत में बारिश तूफान या मौसम की एस्तिति को जानने के लिए रेडर लगाएं गए हैं। जिसे Doppler radar कहा जाता है । अब यहां आपको ये बताना बेहद जरूरी है । की आखिर ये Doppler radar होता क्या है ।
Doppler radar kya hai ?
Doppler radar भी बिलकुल वैसे ही काम करता है । जेसे आपके छत पर लगा । आपके Dish Tv की छतरी करती है । ये आम रडार की तरह होती है । लेकिन इसमें फर्क बस इतना होता है। की ये रडार डॉफलर इफेक्ट का इस्तेमाल करके अति सुख तरंगों को भी कैच कर लेता है
। आनी रडार के उपर मशीन लगाया जाता है । एसेसे अति सूक तरेंगे निकलती है । जो इस से निकल कर बादल या किसी भी चीज़ से टकराती है । और फ़िर वापस लोट आती है । जब ये वापस आती है । तो इस रडार पर कई सारे सेंसर लगे होते हैं । ये सेंसर इन वेब के डेरेक्शन को आसानी से कैप्चर कर लेते हैं। और फ़िर उसकी इमेज बना देते हैं।
Doppler radar kaise kaam karta hai?
दोस्तो इस तरह से ये doppler radar हवा में तैर रहे अतिसुकम पानी के बूंदों को पहचानने के साथ साथ उनके दिशा का भी पता लगा लेता है। दोस्तो ये radar बूंदों की साइज पूरी समेत उनके स्पीड से जुडी जानकारियां को हर मिनट Update भी करता है । इसी डाटा के बेस्ट पर ये अनुमान लगाना मुश्किल नहीं होता है ।
किस इलाके में कितना पाणी बारिश होगी या तूफान आएगा ?
दोस्तो आपको ये बता दे । की इस Doppler radar system की सबसे बड़ी समस्या ये है । की किसी मोशमी बदलाव की जानकारी ज्यादा से ज्यादा 4 घण्टे पहले दे सकता है । आनी हमारे पास संभलने के लिए सिर्फ 4 घण्टे ही होते हैं।
दोस्तो अभी हाल ही में उत्तराखंड के खाई इलाको में और अमरनाथ यात्रा के रास्ते में बादल फटने के खबरे आई । जिसमे कई लोगो के मौत भी हो गई । बादल फटना ये बहुत ही खराब बात है ।
बादल फटने का पता पहले से क्यों नहीं लगाया जाता है ?
दोस्तो बादल फटने का घटना को पूर्व अनुमान आनी पहले से पता लगा पाना बहुत मुश्किल होता है। बादल फटने की घटना में कम से कम 10 मिली मीटर या उससे अधिक बारिश होती है । जिससे प्रभावित इलाके में अचानक बाढ़ के एस्तित बन जाती है ।
दोस्तो मौसम वैज्ञानिकों को माने तो Doppler radar की मदद से इस तरह के घटना के बारे में ज्यादा से ज्यादा 4 घंटे पहले ही जानकारी मिल सकती है । जिससे समय रहते लोगो को इसके बारे में बता कर इसके इफेक्ट को कम किया जा सकता है।
आपको बता दे कि Doppler radar लगाने का सबसे ज्यादा फोकस उन जगहों पर किया जा रहा है । जो इलाके नेक्चर इलाके से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। जेसे उत्तराखंड , हिमाचल प्रदेश , जम्मू कश्मीर , आपको ये भी जान लेना चाहिए । की भारत में doppler radar बनाने के technology भी डेवलप कर लिया गया है ।
भारत में Doppler radar बनाया जाता है ?
दोस्तो इसको DRDO ने Deppler radar बनाने का डेवलप किया है। इन रडारों को भारत लिमिटेड आनी की भेल कंपनी बनाती है । ये कंपनी भारत मौसम विभाग के लिए बैंड बना रहे हैं । आपके नॉलेज के लिए आपको बता दे ।
RDAR ka full form kya hota hai ?
दोस्तो Rdar का फुल फॉर्म होता है । Radio Detection And Ranging होता है । फिलहाल भारत के पास 35 Doppler radar लगे हुए हैं ।
भारत में डॉपलर रडार कितने है ?
साल 2018 तक भारत में 27 Doppler radar लगा लिए थे। जिनमे Estan cost में 8 Rdar लगे हुए थे । पश्चिम तट पर 4 Rdar और भारत के अलग अलग जगहों में 15 रडार ।
लेकिन अभी हाल ही में भारत ने दिल्ली , मुंबई , समेत कुछ जगहों पर रडार लगा कर इसे 35 के आंकड़े तक पहुंचा दिया गया है । लेकीन IMD ने आने वाले कुछ सालो में पूरे भारत में Doppler radar 55 बनाने का लक्ष्य लिया है ।
भारत में डॉपलर रडार क्यों लगा रहे हैं ?
दोस्तो doppler radar एक तरफ के Technlogy Devaice है । जो केवल 100 से लेकर 400 किलो मीटर तक के छेत्र में होने वाले मौसम की ही जानकारी दे सकता है । कुछ डॉपलर 1000 किलो मीटर तक के मौसम की जानकारी दे सकते हैं ।
दोस्तो साल 2013 में केदारनाथ धाम में आए आपदा के बाद भारत में जगह जगह पर Doppler radar लगाने की माग तेज होने लगी है । जिसके बाद इस पर गंभीरता से विचर किया गया। वही भारत में सबसे पहला Doppler radar चनेई में 2005 में लगाया गया था ।
दोस्तो वही आप ये जान लीजिए हाल ही में मुख्य तेशर में जो radar लगाया गया है । वो 100 किलो मीटर के दायरे में 360 एंजेल पर काम करेगा । ये हिमालय समेत चारो दिशाओं के मौसम पर नजर रक सकेगा । इस से हवा की गति उसके दिशा और तापमान जेसी कई important जानकारियां मिलती रहेगी ।
भारत में मौसम विभाग वाले बारिश की जानकारी क्यों नहीं देते हैं ?
दोस्तो जेसे की हमने आपको बताया कि इसकी सबसे बड़ी वजह है । टाइमिंग यही की मोसाम विभाग को भी इसके बारे में जानकारी सिर्फ 4 घण्टे पहले ही मिल पाती है । आनी की हम स्टरलाइट के जरिए । ये तो जान सकते हैं । की किस इलाके में बारिश कब आयेगी । लेकिन कितनी बारिश आयेगी । इसकी पता पहले से नही लगाया जा सकता।
और दूसरी सबसे बड़ी समस्या है । वो आबादी है । इतने कम समय में इतने आबादी को कही और Transfer करना बहुत ही मुस्किल काम है । दोस्तो आप मुम्बई को ही ले लीजिए । दोस्तो 4 घण्टे के समय में क्या मुंबई के सभी आबादी को इधर से उधर ले जाना आसान बात है ।
दोस्तो इस बार जो मुंबई में इतनी बारिश हो रही है । इसकी जानकारी मौसम विभाग ने नही दे पाया था । अब आप ये कह सकते हैं । की हो सकता है । की मौसम विभाग के पास मुंबई में रडार नही होगा । दोस्तो मुंबई के पोलावा में रडार लगाया गया था ।
लेकीन वो खराब हो गया था । ये साल 17 may को पक्ष्मिम तट पर जब बहुत ज्यादा तूफान आया था । उस समय यहां के रडार ने काम करना बन्द कर दिया था । जिसे हाल ही में ठीक किया गया था । लेकीन वो एक बार फिर से खराब हो गया । आनी आमतौर पर भारत को अभी भी उस दिशा में काम करने के जरूरत है ।
तो दोस्तो उम्मीद करता हूं कि ये जानकारी आपको अच्छा लगा होगा । तो क्या आपके मन में कोई सवाल है । तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। ताकि हम आपके हर सवालों का जवाब दे सके । आपका क्या राय है । आप हमे कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। आज के लिए इतना ही अब हम चलते है । फीर मिलेंगे न्यू जानकारी के साथ तब तक हमारे ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,,
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