Sunday, October 20, 2024

रावण ने बताए थे 'स्त्रियों के 8 अवगुण', रामचरित मानस में दर्ज है यह बात

 

ये तो सब जानते हैं कि रावण एक राक्षस कुल का राजा था जो अत्यंत ही बलशाली महा पराक्रमी योद्धा और एक परम शिव भक्त था। लेकिन इसके साथ ही वह शास्त्रों का प्रखर ज्ञाता प्रकांड विद्वान पंडित एवं महा ज्ञानी था। जब धरती पर उसका पाप बढ़ गया। तब भगवान विष्णु ने राम के रूप में धरती पर जन्म लेकर उसका नाश किया था। तब रावण ने मरने से पहले भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण को कुछ उपदेश दिए थे जो आज के समय में भी लोगों की सफलता की कुंजी है। 

रावण ने बताए थे 'स्त्रियों के 8 अवगुण', रामचरित मानस में दर्ज है यह बात

रामन जिस समय मरणासन्न अवस्था में था। तब भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा कि इस संसार से नीति राजनीति और शक्ति का महान पंडित विधान ले रहे हैं । तुम उस के पास जाओ और उससे जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा ले लो जो और कोई नहीं दे सकता। राम की बात मानकर लक्ष्मण मरणासन्न अवस्था रावण के सिर के पास जाकर खड़े हो गए लक्ष्मण काफी देर तक रावण के सिर के पास खड़े रहे लेकिन रावण ने उनसे कुछ नहीं कहा। 


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रावण ने बताए थे 'स्त्रियों के 8 अवगुण', रामचरित मानस में दर्ज है यह बात

इसके बाद लक्ष्मण वापस लौट आए। और प्रभु श्री राम से सारी बात बताई। तब भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा कि अगर किसी से ज्ञान प्राप्त करना हो तो उसके चरणों के पास खड़े होना चाहिए ना कि सिर के पास। यह बात सुनकर लक्ष्मण वापस रावण के पास और उसके पैरों के पास खड़े हो गए। उस समय महापंडित रावण ने लक्ष्मण को 5 ऐसी बातें बताएं जो जीवन में सफलता के कुंजी है। तो आखिर क्या थे वो 5 उद्देश आए जानते हैं आज के इस पोस्ट में । 


No.1 रावण का पहला उद्देश्य था कि इंसान को कभी भी अपने शत्रु को खुद से कमजोर नहीं समझना चाहिए। क्योंकि कई बार जिसे हम कमजोर समझते हैं, वही हम से ज्यादा ताकतवर साबित हो जाता है। 


No.2 रावण का दूसरा उपदेश था। खुद के बल का दुरुपयोग कभी भी नहीं करना चाहिए क्योंकि घमंड इंसान को ऐसे तोड़ देता है। जैसे दांत किसी सुपारी को दौड़ता है। 


No.3 रावण का तीसरा उपदेश था कि इंसान को हमेशा अपने ही लोगो की बातें माननी चाहिए क्योंकि कोई भी हिदासी अपनों का बुरा नहीं चाहता। 


No.4 रावण का चौथा उद्देश था कि हमें शत्रु और मित्र की हमेशा पहचान करनी चाहिए। क्योंकि कई बार जिसे हम अपना मित्र समझते हैं । वे ही हमारे शत्रु साबित हो जाते हैं और जिसे हम पराया समझते हैं, असल में वही हमारे अपने होते हैं  । 


No.5 रावण का पांचवा और सबसे बेहतरीन उपदेश था । की हमे कभी भी पराई स्त्री पर बुरी नजर नहीं डालनी चाहिए क्योंकि पराई स्त्री और बुरी नजर डालने वाला इंसान नष्ट हो जाता है । 


तो क्या आप भी घमंड करते हैं।  हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । ताकि हम आपके हर सवालों का ज़बाब दे सके । तो आज के लिए इतना ही अब हम चलते है । फिर मिलेंगे न्यू जानकारी के साथ तब तक हमारे ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,


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