Saturday, February 18, 2023

दादा परदादा का जमीन अपने नाम कैसे करें

 

दोस्तो आज के इस पोस्ट में  हम जानेंगे। क्या अगर आपके पास दादा परदादा के नाम से जमीन है और वह जमीन को आप अपने नाम से कराना चाहते हैं तो कैसे करेंगे तो आज के इस पोस्ट में दादा परदादा के जमीन अपने नाम से कैसे कराएंगे। इसके बारे में आपको पूरी जानकारी मिलेंगे। 

दादा परदादा का जमीन अपने नाम कैसे करें

दादा परदादा का जमीन अपने नाम कैसे करें 

दोस्तो अगर आपके पास दादा परदादा के नाम से जमीन है और वह जमीन आप अपने नाम से कराना चाहते हैं तो पहले आपको उस जमीन का बंटवारा कराना होगा। अगर उस जमीन का हिस्सेदार सिर्फ एक ही प्रसन्न है। एक लोटे है । तो उस केश में उस जमीन का बंटवारा नहीं कराना होगा । लेकिन जो जमीन आपके पास दादा परदादा का है और उस जमीन का जो हिस्सेदार है, वह तीन व्यक्ति है। जैसे मान लीजिए कि एक ही फैमिली में होते ना। तीन बेटियां है ।


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जमीन का बटवारा करना होगा ? 

तो तीनों को जो जो बराबर बराबर करके मिलेंगे तो इस तरह से जो भी आपके पास दादा परदादा का जमीन है और उस जमीन का जो हिस्सेदार है, तीन है या फिर दो है जितने भी आपकों बराबर में बटाना होगा । जमीन बांटने से पहले की जमीन किस तरह से बांटा जाता है और कितने प्रकार के होते हैं? 


जमीन का बटवारा तीन प्रकार के होते हैं ? 

आपस में सहमति कर लेते यानी कि जितने भी हिसेदार है। सबको आपस में सहमति कर लेना और सहमति करने के बाद आपस में बराबर बराबर करके बाट लिया जाता है। जिसका जीतना निकलता है । उसको उतना जमीन दे दिया जाता है । 


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इसमें क्या होता है दोस्तों की जो बटवारा होता है वो कुछ  दिनों तक चलता है। उसके बाद क्या होता है कि मन में एक संकोच होता है कि कहीं उसको ज्यादा जमीन तो नहीं चले गए या फिर मुझे कुछ जैसे कम जमीन तो नहीं आ गए। यह जो बटवारा होते हैं, यह जो ज्यादा दिन तक नहीं चलते हैं। 


पंचायत सहमति बटवारा ? 

इसमें क्या होता है दोस्तों के आप के ग्राम पंचायत के जो मुखिया सरपंच होते हैं पंच वार्ड सदस्य होते हैं । और भी कुछ चुनिंदा लोग सब आते हैं । और उनके आने के बाद जितने भी आप के दादा परदादा के जमीन है उस जमीन को आप बराबर बराबर कर के जितने भी हिसेदार  होते हैं, उनको बाट दिया जाते हैं ।


और जमीन बांटने के बाद पंचायत लेवल से यानी जो आपके सरपंच है । वह आपको एक वंशावली बना कर दे देते हैं कि यह प्लॉट नंबर आपके नाम से जमीन गए हैं। यह प्लॉट आपके  नाम से जमीन गया है । इस तरह से आपको जो जो आपस में बांट दिया जाता है जितने भी आप के दादा परदादा के जमीन होते हैं। 


जमीन को दाखिल खारिज कराना होगा ? 

आगे मैं आपको बताऊंगा की फिर आपको अपने नाम से वह जमीन कैसे कराना होगा। आप जैसे दोस्त आपको सरपंच के माध्यम से एक वंशावली मिल जाएगा। उसका जो जमीन आपके हिस्से में जमीन का जो भी कागज है वह सारा डॉक्यूमेंट के माध्यम से आप अपने नाम से उस जमीन का को खारिज करवाना होगा और जिसे आप जेसे खारिज कर आएंगे। 


जिनको  दाखिल खारिज बोलते हैं तो दाखिल खारिज कर आएंगे। उनके बाद वह जमीन आपके नाम से हो जाएगा। इंटरनेट पर भी आपके नाम से सो होने लगेगा और जैसे आपके जमीन का दाखिला खारिज हो जाता है उसके बाद आपका वो जमीन आपके नाम से हो गया है । 


अब आप रसीद कटा सकते हैं, लेकिन इसमें भी दोस्तों काफी लोचा होते हैं। मन में संकोच बने रहते हैं और यह भी बंटवारा ज्यादा दिन तक नहीं चलते है । तो तीसरा होते हैं। रजिस्ट्री बटवारा, रजिस्ट्री बटवारा काफी इंपोर्टेंट बटवारा होते हैं । और यह बंटवारा काफी मजबूत होते हैं।


रजिस्ट्री बटवारा 2 प्रकार के होते हैं ? 

  1. सीयू लेवल आनी की आपके प्रखंड के सर्कल ऑफिसर होते हैं उस के माध्यम से आप के दादा परदादा के जमीन को बांटा जाता है ।  आप के दादा परदादा के जो जमीन है उस में जितने भी हिसेदार हैं, वह सभी प्रखंड जाएंगे और सीओ साहब से बात करेंगे। 


  1. उन पर आपको एक कोर्ट के माध्यम से छोटा सा कागज बनाना होता है और उस कागज के बेस पर सीओ वेरिफाई करते हैं और वेरिफाई करने के बाद जो कर्मचारी सब होते हैं । उनको जाकर दादा परदादा के जमीन है, उस जगह भेजा जाता है। 


  1. वेरिफाई किया जाता है । जितने भी कागज होते हैं । उसमे आपको प्राॅफ करना होता है । की ये जमीन आपके है । इसी के दादा परदादा के है । उसके बाद आपके आसपास के जितने भी पोडोस होते हैं उन सब से भी पूछा जाता है। 


  1. आसान भाषा में कहा जाए तो आपका फिजिकली आपके जमीन का पूरा वेरिफाई होता है। और वेरिफाई होने के बाद आपस में बांट दिया जाता है। बाटने के बाद आपको जितने भी हिसेदर है।   सभी को अपने-अपने नाम से वह जमीन का खारिज कराना होता है ।


  1. और जैसे आप ख़ारिज कराएंगे तो उनके और आपके नाम से इंटरनेट पर चला जाएगा। उनके बाद आप रसीद कटा सकते हैं। लेकीन दोस्तो ये सेयुल लेवल होते हैं । इस में पैसे खर्च होते हैं । क्योंकि कोर्ट से कागज बनाना होता है । 


रजिस्ट्री लेवल? 

आपकों रजिस्टर ऑफिस जाना होता है । मतलब जहा से जमीन की रजिस्ट्री होते हैं । वहां पर जाना होगा और वहां पर आपको बताना होगा कि दादा परदादा का जमीन है इसमें देश में कितने हिस्सेदार है। इन को आपस में बांटना चाह रहा हूं और मैं अपने नाम से यह जमीन हो जाए। उसके जमीन को बांट दिया जाएगा और आपके नाम से रजिस्ट्री हो जायेगा । उसके बाद आप चाहें तो दाखिल खारिज के नाम से रसीद कटवा सकते हैं। 


तो दोस्तो यही होते हैं  । जमीन का बटवारा अब जेसे जमीन का बटवारा हो जाएगा । उसके बाद आपके नाम से वो जमीन हो जाता है । अभी की बात करें। तो दोस्तों  बिहार में भी सर्वे का काम चल रहा है  । अगर आप अभी जमीन का बंटवारा कर लेते हैं जिसमें आपको एक बेनिफिट यह होगा की हो सकता है कि आने वाले दिन में जो जमीन का खतियान होगा, वह भी आपके नाम से बन जाएगा ।


इसलिए बन जाएगा क्योंकि अभि बिहार में जमीन के सर्वे का काम काफी तेजी से चल रहा है । तो दोस्तो आज के इस पोस्ट में आपलॉग जाने की आप अपने दादा परदादा का जमीन आप अपने नाम से कैसे करे सकाते है । इसके बारे में आपको में पूरी जानकारी बताए । 


तो दोस्तो उम्मीद करता हू कि ये जानकारी आपको अच्छा लगा होगा । तो क्या आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । और इसे ही जानकारी के लिए आप हमारे ब्लॉग को subscribe जरूर करें । हमारे साथ ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद। ,,,,,,,,,,,,,,,



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