Wednesday, December 4, 2024

शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध IPC 2025


दोस्तों आप भी जानते हो की आज कल सोशल मीडिया का जमाना है । इंस्टाग्राम फेसबुक सोशल मीडिया पर अकसर लड़के लड़कियों के बिच मुलाकात दोस्ती हो ही जाती है । लडका लडकी Girlfriend , Boyfriend बनाते हैं । 

शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध IPC 2023

धीरे - धीरे दोस्ती प्यार में बदलती है । रिस्ता में बदलती है । और सच्चा प्यार 6 महिने 1 साल तक रहता है । उसके बाद मामले काफी जुदा हो जाते हैं । फिर लड़की उस लड़के पर रेप वागेरा के केश लगाती है । अकसर आप आय दिन कोर्ट में इस तरह के मामले देखने को मिलते रहते हैं । 


तो फिर ऐसे ही मामले को लेकर दोस्तो आपको पता ही होगा । आए दिन सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की तरफ से लड़के लड़कियो के केश के मामलो को लेकर कुछ नए फैसले सुनाए जाते हैं । और में आप सभी को Verma news पर आपकों जानकारी देते हैं । 


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शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध IPC 2023

दोस्तो हाल ही में मध्य प्रदेश कोर्ट ने फेसला सुनाया है । एक रेप केस मामले में हाई कोर्ट ने कहा कि लड़के लड़की के बीच सहमति से बने संबंध इस मामले में Fir दर्ज नही हो सकती है। और  Fir को ही रद्द कर दिया और इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया था कि अगर 5 साल तक एक लड़का लड़की के बीच शांति से संबंध बन रहे हैं। 


फिजिकल रिलेशनशिप जीसे कहते है शारीरिक संबंध बन रहे हैं तो वह रेप नहीं माना पाएगा क्योंकि हाईकोर्ट ने कहा कि 5 साल बिना लड़की की सहमति के संबंध बनाना संभव नहीं है और इस मामले में भी लड़के को बरी कर दिया, जबकि लड़की ने 5 साल की रिलेशनशिप के बाद केस दर्ज करा दिया था। लड़के को ऊपर  । 


अगर सहमति से शारीरिक संबंध बनाए गए है तो जज क्या फैसला देगा 

Bombay हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि लड़की का हाथ पकड़कर प्यार का इजहार करना उसके साथ छेड़छाड़ करना नहीं है। और एक ऐसे ही मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एक ऑटो ड्राइवर को राहत दी केश से बरी कर दिया। मुंबई हाई कोर्ट का कहना था कि एक लड़की को प्यार का इजहार किया जा सकता है। 


अगर गलत तरीके से उसके साथ किसी तरह की कोई ज्यादा से जबरदस्ती नहीं की गई है तो प्यार का इजहार करना कोई छेड़छाड़ नहीं है। ऐसा और bombay High Court ने एक ऐसा नया फैसला सुनाया था जिसमें भी दुष्कर्म के आरोपी को जमानत दे दी। यह कहते हुए कि लड़की नाबालिक थी, लेकिन अगर फिर भी लड़के को बरी क्यों कर दिया और जमानत क्यों दे दी । 


तो दर्शाल् मामला मुंबई उचनालय ने पिछले साल 2022 में नवंबर में यह फैसला सुनाया था। 15 वर्षीय एक लड़की से इस तरह के एक मामले में 22 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार किया लेकिन जमानत दे दी और कहा कि यह सच है कि लड़की भले ही नाबालिक है लेकिन रिश्ते में थी और अपनी मर्जी से लड़के के साथ गई थी तो फिलहाल तो उसको जमानत दे दी। 


मुंबई हाई कोर्ट ने कहा कि भले ही उम्र कम है लेकिन याचिकाकर्ता युवा है और प्रेम में पड़ने वाली उम्र का है और लड़की भी मर्जी से लड़के के साथ गई थी। दोनों रिश्ते में थे ऐसे मामलो में  भी पोक्सो एक्ट लागू नहीं होता हैं । अगर लड़की सहमति से लड़के के साथ भागती हैं। बाहर जाकर विवाह कर लेती हैं। बगैर बगैर हालांकि इस तरह के मामलों के एंटी मामले भी कई बार हाई कोर्ट की तरफ से हमे में देखने को मिले ।


Delhi IPC Section ? 

दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि शारीरिक संबंध बनाने के लिए नाबालिक की सहमति ही वेद नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट ने रेपिस्ट को जमानत नहीं दी और आरोपी ने लड़की की बर्थ डेट में भी बदलाव कर दिया था। होशियारी दिखाते हुए लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने मुंबई हाईकोर्ट का उल्टा फैसला सुनाया कि चाय लड़की नाबालिग और सहमति से संबद्ध क्यों ना बना रही हो। फिर भी इसे रेप ही माना जाएगा। 


Mp IPC Section ? 

कई बार ऐसे मामले भी देखने को मिलते हैं, जहां लड़का नहीं बल्कि लड़की एक लड़के के साथ जबरदस्ती ऐसी ऐसी हरकतें करती है तो इस तरह के मामले में भी मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई। उस लड़की को यानी कानून सबके लिए बराबर है 


Bombay High court के अनुशार लड़की के उपर हाथ रख सकते हैं ? 

मुंबई हाई कोर्ट का एक और फेसला कि बिना गलत इरादे की लड़की की पीठ पर हाथ फेरना भी छेड़छाड़ नहीं है। यानी कि अगर मनसा गलत नहीं है और अगर आपने लड़की की पीठ पर हाथ घुमाया। उसके सर पर हाथ रखा तो इसे जोर जबरदस्ती नहीं माना जाएगा । ऐसा अगर आपका इरादा सही है तो बंबई हाईकोर्ट ने कहते ही फैसले की सुनवाई करते हुए एक व्यक्ति को बरी कर दिया  । 


और हाल ही में आपको पता होगा लड़के लड़की की शादी की उम्र समान करने के लिए भी दिल्ली हाई कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी तो अभी दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट भेजा है। इस पर भी सुनवाई चल रही है। देखते हैं आगे क्या आते हैं येतो मैं आपको बता दूंगा  ।


पति पत्नि से जबदरती संबध बना सकता है या नहीं Ipc section ? 

कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला की पत्नी के शरीर और आत्मा का मालिक नहीं होता। पति अगर कोई पति भी अपनी पत्नी के साथ जोर जबरदस्ती करता है तो उस पर भी रेप का मुकदमा दर्ज होगा। वह भी बच नहीं सकता है। 


एक पति पत्नी के बीच मामले की सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि किसी पीटी सोच को मिटाना चाहिए और हमें आज के समय में आज के जमाने में जीना चाहिए अरे


घर से भागी लड़की को संपति में हिस्सा मिलता है ? 

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भी एक बड़ा फैसला सुनाया कि लिव-इन में रहने वाली लड़की भरण-पोषण की हकदार नहीं हो सकती है। यानी कि अगर कोई लड़की अपने पिता की मर्जी के खिलाफ भाग करके शादी कर लेती हैं और किसी लड़की के साथ जाकर लिव इन रिलेशनशिप में रह रही है तो ऐसे ही बेटी किसी भी तरीके से पीता से भरण-पोषण भत्ते की मांग नहीं कर सकती हैं। 


उसका कोई हक नहीं है क्योंकि वह पिता की मर्जी के खिलाफ भाग कर शादी कर रही है तो फिर उसकी जिंदगी के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं। लड़की ने अपने पिता के ऊपर एक ऐसा ही मामला दर्ज कराया था तो हाईकोर्ट ने पिता को बिल्कुल बाइज्जत बरी कर दिया। जबकि इससे पहले फैमिली कोर्ट ने उस लड़की को जो अलग रह रही बेटी है उसको ₹5000 हर महीने देने का आदेश दिया था तो पिता हाई कोर्ट गया और हाईकोर्ट ने पिता को इस से बरी कर दिया कि लड़की को किसी भी तरह का भरण-पोषण भत्ता नहीं दिया जाएगा। 


प्यार मे धोखा देने के खिलाफ नाबालिक लडकी लडके के ऊपर कानून ? 

उम्र के मामले को लेकर देखिए अभी कल ही यह फैसला आया था। बंबई हाई कोर्ट ने सुनाया protsem of children  अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंसेस जिसमे मुंबई हाई कोर्ट ने दोषी ठहराए गए व्यक्ति को बरी कर दिया। क्यों देखे समझे पूरा मसला क्या है। हाईकोर्ट ने कहा कि अक्ल दाद उम्र का पुख्ता सबूत नहीं होती है। 


इसके ना होने से लड़की नाबालिक साबित नहीं होती है और रेप के आरोपी को बरी कर दिया क्योंकि जिन लड़की के परिवार वालों ने लड़के पर मुकदमा दर्ज कराया था ना उन्होंने लड़की की उम्र का कोई डॉक्यूमेंट नहीं दिया। कोई सबूत नहीं दिया बल्कि उन्होंने कोर्ट में यह कहां से हमारी बच्ची के तो अभी अक्ल दाढ़ भी नहीं उगी है । 


वह तो नाबालिक है तो हाईकोर्ट ने कहा कि अक्ल दाढ़ का नहीं होना कोई उम्र का पुख्ता सबूत नहीं हो सकता है। देखिए  दाढ़ किस किस उम्र में उगती है। इसका भी नॉलेज में आपको बता देता हूं जो हमारे दूसरी दाढ़ होती है ना वह 12 से 14 साल की उम्र में निकल जाती है। 


जबकि तीसरी दाढ़ जिसे अक्ल दाढ़ कहते हैं वह 17 से 25 साल की उम्र के बीच में निकलती हैं यानी कि अक्ल दाढ़ का निकलना ज्यादा से ज्यादा यह संकेत दे सकता कि शख्स की उम्र 17 साल या इससे ज्यादा है, लेकिन अक्ल दाढ़ नहीं होगी। यह यह चीज साबित नहीं करती कि व्यक्ति की उम्र 18 साल से कम उम्र 20 साल की उम्र में दाढ़ नहीं होती है। तो यही  बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले से बरी कर दिया। 


नाबालिक लड़की की शादी ? 

कर्नाटका ने फेसला सुनाया है । की लड़की की उम्र 18 साल से कम हो तो भी हिन्दू विवाह नियम के तहत की गई शादी को अमान्य करार नही किया जा सकता है । अगर शादी एक बार हिंदू विवाह अधिनियम के साथ हो गई। कई बार पुराने जमाने में आपको पता का बाल विवाह ही होते थे। 


अक्सर कम उम्र में लड़के लड़कियों की शादी कर दी जाती थी तो हिंदू विवाह अधिनियम के तहत शादी हुई। उस शादी को अमान्य घोषित नहीं किया जा सकता है भले ही लड़की की उम्र 18 साल से उस समय कम रही हो तो यह कुछ लड़का लड़की को लेकर अहम बड़े फैसले  । 


376 शादी का झूठा वादा

अगर लड़का आपसे शादी का वादा किया है । और आप लडके के साथ Liv in relationship में है । तो जज इसमें कुछ नही कर सकता है । क्योंकि आप अपने मर्जी से उसके साथ realtionship में था । लेकिन लड़का शादी आपसे करता है । तो बहुत ही बढ़िया बात है । 


सो उम्मीद करता हूं कि ये जानकारी आपको अच्छा लगा होगा । आपके मन में कोई सवाल है । तो कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । ऐसे ही इंटरेस्टिंग इंफॉर्मेशन जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे ब्लॉग को अभि सब्सक्राइब करे । आज के लिए इतना ही हमारे ब्लॉग के साथ अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,,

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