Wednesday, February 14, 2024

sukhant funera booking । Www.sukhantfunera.com Offical website

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दोस्तो india में Technology इतना ज्यादा बढ गया है । की आपको इसके बारे में कहना मुस्कील हैं । क्योंकि अब एक ऐसा Google पर वेबसाइट आ गया है । जो आपके घर में अगर कोई लोग मर जाता है । तो उसका अंतिम संस्कार करेगा । 

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दोस्तो इस वेबसाइट मरने के बाद अर्थी को कंधा देने तक लेकर अंतिम संस्कार तक का पुरा इंतजाम करेगा । दोस्तो जो वेबसाइट के बारे में आपको बताने वाले है । ये वेबसाइट अंतिम संस्कार के सुधीवा देता है । जिस में वो अर्थी , पंडित , बाल कटवाने की सुवीधा, अर्थी को कंधा देने वाले लोगो के साथ साथ अर्थिया विसर्जन , कराने का काम भी ये वेबसाइट करता है । 


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तो दोस्तो में आपको आज के इस पोस्ट में हम आपको इस अंतिम संस्कार करने वाले वेबसाइट के बारे में आपको पूरी जानकारी देंगे । जो आपको बहुत ही अच्छा लगेगा । अगर आपको भी किसी के अंतिम संस्कार करवाना है । तो आप इस वेबसाइट के के साथ जुड़ना है । या फिर कॉल करना है । और हम आपको ये भी बताएंगे । की इस वेबसाइट काम किस तरह से करता है । इसके बारे में आपको पूरी जानकारी देंगे । तो दोस्तो चलिए पोस्ट को शुरू करते हैं । 


sukhant funera booking । Www.sukhantfunera.com Offical website 

स्टेप.1 अगर आपको sukhantfunera website में जाना है । तो आप हमारे नीचे में दिए गए लिंक पर क्लिक करके इस वेबसाइट पर आप जा सकते हैं । लेकिन उससे पहले आप इस वेबसाइट के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त कर ले । 


               Sukhantfunera 


स्टेप.2 जब आप इस लिंक पर क्लिक करेगें । तो आपको उपर और निचे साइड में मोबाईल नम्बर दिखाई देगा । आप उस पर कॉल या whatsapp करके बात कर सकते हैं । और कुछ जानकारी Englisn से लिखा हुआ मिलेगा । आप उसे पढ़ सकते हैं । जेसे आप निचे इमेज में देख सकते हैं । 

sukhant funera booking । Www.sukhantfunera.com Offical website


स्टेप.3 इसके बाद जब आप निचे जायेंगे । तो आपको कुछ Plan दिखाई देगा । आप कोण सा Plan लेना चाहते हैं । ये सारी जानकारी आपको दिखाई देगा । जेसे आप नीचे इमेज में देख सकते हैं । 

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स्टेप.4 फिर जब आप निचे जायेंगे । तो आपको ये दिखाया जायेगा । की इस Plan को कितने लोग अभी book किया गया है । ये सारी जानकारी आपको दिखाया जायेगा । 

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स्टेप.5 इसके बाद आपको ये दिखाया जायेगा । की कहा के लोग मरे हे । जेसे बिहारी , बंगाली , सिंधी , पंजाबी जेसे और भी चीज आपको दिखाया जायेगा । आप आप जो भी है । उस पर क्लिक करना है । जेसे आप नीचे इमेज में देख सकते हैं । 

sukhant funera booking । Www.sukhantfunera.com Offical website

स्टेप.6 तो इसके बाद जब आप निचे और आयेंगे । तो आपको ये दिखाया जायेगा । की इस कम्पनी को कितने लोग चलाता है । इसके बारे में आपको बताया जाएगा ।

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 स्टेप.7 इसके बाद आपको एक फ्रॉम भरना है । आपको अपना नाम , Email id , Mobile number , क्या काम है । और आपको submit पर क्लिक कर देना है । जेसे आप नीचे इमेज में फ्रॉम को देख सकते हैं । 

sukhant funera booking । Www.sukhantfunera.com Offical website


स्टेप.8 इसके बाद आपको Payments Details दिखाया जायेगा । आपको कोण से Bank account में पैसे Transfer करना है । मतलब bank account का पुरा जानकारी आप देख सकते हैं । और पैसे आप इसी Numner पर paid कर सकते हैं । 

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स्टेप.9 इसके बाद आपको Map दिखाई देगा । तो आप यहा से ये जान सकते है । की ये कम्पनी कहा की है । आपके सहर से कीतना दूर है । ये आप पता बहुत ही आसनी से लगा सकते हैं । 

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स्टेप.10 इसके बाद इस kampni से आपको संपर्क करना है । तो इसके पर्सनल नंबर दिया गया है । आप बात कर सकते हैं । इसके अलावा और भी जानकारी यहां पर मिल जायेगा । आप पढ़ सकते हैं । निचे इमेज में देख सकते हैं । 

sukhant funera booking । Www.sukhantfunera.com Offical website


इसके अलावा दोस्तो इस वेबसाइट के पूरी जानकारी को आ About , Content Us का page मिल जायेगा । आप उस पर क्लिक करके इस वेबसाइट के बारे में पूरी जानकारी जान सकते हैं । अब चलिए ये जानते हैं इस वेबसाइट किस प्रकार काम करता है । 


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ये वेबसाइट काम कैसे करता है 

आपकों समझने के लिए हम डायरेक्ट आपकों बता देते हैं । जिस प्रकार Amazon , Filip kart एक अमरीका के कम्पनी है ।  लेकीन आप जिस प्रकार amazon के साइट पर जाकर कोई सामान को Buy करते हैं । और वो समान आपके घर पर आ जाता है । 


उसी प्रकार इस वेबसाइट के एक बहुत बड़ा Team है । जब आप इस वेबसाइट में details को आप fill करते हैं । तो आपके घर में इसके आदमी आ जायेगा । और आपका काम करना शुरू कर देगा । 


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इतना ही नहीं आपके जात में जिस प्रकार से अंतिम संस्कार किया जाता है । उसी प्रकार ये भी करेगा । क्योंकि हम आपको पहले ही बता चूके है । की इसका ग्रुप बहुत बडा है । जिसके कारण आपके रीति रिवाजों से ही काम करेगा । 


तो दोस्तो चलिए अब आपको ये भी बता देते हैं 

 की मरने के बाद वक्ति का कोण से समान नहीं रखना चाहिए । क्योंकि किसी भी मृतिक वक्ति के कोई सामान रखने से असुभ माना जाता है । तो चलिए अब आपको ये भी बता देते हैं । की कोण से समान मृतक वाक्तिक के नही रखना चाहिए । 


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मृतक वक्ति का क्या नही रखना चाहिए 

दोस्तों गरुड़ पुराण में भगवान श्रीकृष्ण ने गरुड़ जी को मृत व्यक्ति की ऐसी चीजों के बारे में बताया है जिनका इस्तेमाल किसी भी जीवित वक्ति को नहीं करना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि प्रकृति का यह नियम है कि जिस का भी जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु भी निश्चित ही है। मृत्यू ऐसा सत्य है जिसे कोई भी नकार नहीं सकता है। 


मृत्यु निकट आने पर मनुष्य को अपने शरीर का त्याग अवश्य ही करना पड़ता है और शरीर के साथ वह व्यक्ति सभी भौतिक वस्तुओं का भी त्याग कर देता है। अर्थात मनुष्य मृत्यु के पश्चात इस मृत्युलोक की कोई भी वस्तु अपने साथ लेकर नहीं जा सकता। उसके साथ केवल उसके पाप और पुण्य ही जाते हैं। यदि किसी मनुष्य ने अपने जीवन काल में पाप से अधिक पुण्य किए हैं तो उसे मृत्यु के समय कोई कष्ट नहीं होता है । 


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और उसके प्राण शहद गति से निकलते हैं ।  लेकिन जिस व्यक्ति ने जीवन भर पाप किए हो उसकी मृत्यु बहुत दर्दनाक होती है। उसे मृत्यु के समय बहुत पीड़ा सहन करनी पड़ती है। यमराज के दूत उस पर बिल्कुल भी दया नहीं दिखाते हैं और उसे अपने पास में बांधकर खींचते हुए अमलोक ले जाते हैं। 


अम्लोक जाने के मार्ग पर उस पापी व्यक्ति को बहुत दुख होता है। वह हाहाकार करता हुआ नरक के मार्ग पर चलता है। लेकीन यम के दूत को उस पर दया नहीं आती है और वे उसे और पीड़ा देते हैं। श्री कृष्ण कहते हैं कि आत्मा का इस संसार में कुछ भी अपना नहीं है। आत्मा अमर है । उस का कभी अंत नहीं होता है। वह अपने कर्मों के अनुसार बार-बार जन्म लेती है। 


मनुष्य का शरीर अपना नही है 

मनुष्य का शरीर भी उसका अपना नहीं है। वह भी उसे कुछ ही समय के लिए ईश्वर द्वारा प्राप्त हुआ है जो 1 दिन पंचतत्व में विलीन हो जाएगा। किंतु फिर भी मनुष्य इस संसार में जन्म लेकर कई भौतिक सुखों के मुंह में पड़ जाता है। मृत्यू के बाद भी उसका उन वस्तुओं के प्रति मोह नहीं छूटता है। श्री कृष्ण कहते हैं कि जब तक मनुष्य सांसारिक वस्तुओं का मोह त्याग करके संपूर्ण रूप से ईश्वर को अपना नहीं लेता ।


तब तक वह अलग अलग योनियों में जन्म लेकर पृथ्वी लोक पर ही भटकता रहता है। कभी-कभी यह मुंह इतना अधिक होता है कि वह मृत्यु के बाद भी इसी पृथ्वी लोक पर भ्रम करता है अर्थात वह प्रेत योनि धारण करता है। श्री कृष्ण कहते हैं कि यदि किसी मनुष्य की अकाल मृत्यु हो जाती है तो वह भी प्रेत योनि में चला जाता है ।


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और प्रेत योनि में वह अपने ही परिवार के लोगों को दुख देने लगता है। कई बार हम अपने मृत परिजनों की वस्तुओं को उनकी याद में अपने पास रख लेते हैं या उनकी वस्तुओं का उपयोग भी करने लग जाते हैं। लेकिन गरुड़ पुराण के अनुसार हमें मृत व्यक्ति की कुछ वस्तुओं का उपयोग कभी नहीं करना चाहिए क्योंकि इन वस्तुओं के साथ उस मृत व्यक्ति की ऊर्जा जुड़ी हुई होती है। 


क्या मृतक वक्ति का कोई समान रखना चाहिए 

उस मृत व्यक्ति का उन वस्तुओं के प्रति मोह बहुत अधिक होने के कारण वह मृत्यु के बाद भी उन वस्तुओं से जुड़ा रहता है और यदि कोई इन वस्तुओं का प्रयोग करता है तो उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वह मृत आत्मा उसी प्रकार से कष्ट देने लगती है। इसीलिए किसी भी मनुष्य को मरे हुए व्यक्ति की चीजों का इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए। 


चाहे तो आप उन वस्तुओं को संभाल कर अपने घर में रख सकते हैं । अथवा उन चीजों को नदी के जल में प्रवाहित कर सकते हैं, लेकिन भूल से भी उसकी वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उस मृत आत्मा की शांति के लिए आप उस व्यक्ति की प्रिय वस्तुओं का दान करते हैं तो यह बहुत ही शुभ होता है। 


गरुड़ पुराण में मृत व्यक्ति की ऐसी तीन चीजें बताई गई है जिनका कभी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अन्यथा मृत व्यक्ति की आत्मा पृथ्वी लोक पर ही भटकती रहेगी और उसे कभी मोक्ष की प्राप्ति नहीं होगी अथवा उसे दूसरा शरीर भी कभी प्राप्त नहीं होगा। ऐसी आत्मा आपको भी अनेक प्रकार के कष्ट देती है। 


श्री कृष्ण कहते हैं जब किसी की मृत्यु के बाद उस व्यक्ति को अगर प्रेत योनि मिलती है तो वह अपने ही परिवार को दुख देता है । इसी लिए उसकी वस्तुओं का उपयोग कभी नहीं करना चाहिए तो चलिए जान ले। उन तीन वस्तुओं के बारे में जो मृत व्यक्ति की कभी भी इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए, सबसे पहले जानते हैं घर में मृत व्यक्ति की तस्वीर कहां पर लगानी चाहिए। 


मृतक वाक्ती के तस्वीर कहा पर लगानी चाहिए 

शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक मनुष्य को अपने घर में पूर्वजों की तस्वीरें अथवा चित्र अवश्य लगाने चाहिए। इसे बहुत ही शुभ माना गया है। अपने मृत परिजन का चित्र बनाते समय इस बात का ध्यान रखो। उनका चित्र अथवा तस्वीर दुखी अथवा क्रोधी अवस्था में ना हो। आपके पूर्वज चित्र में प्रसन्न न दिखाई देने चाहिए। 


जब भी हम उनके चित्र के दर्शन करें तो हमारे मन में उनके प्रति श्रद्धा तथा प्रेम का भाव प्रकट हो। यदि पूर्वजों का चित्र क्रोधी अवस्था में हो तो यह मन में भय की स्थिति निर्माण करता है। छोटे बालक उनसे प्रेम करने के बजाय धवेश करने लगेंगे। इसीलिए पूर्वजों का चित्र अथवा तस्वीर बनाते समय इस बात का खास ध्यान रखें। 


ध्यान रहे आपके पूर्वज अब इस संसार में नहीं है। वे ना ही भगवान है और ना ही मनुष्य है। आपको उनका सम्मान करना चाहिए किंतु उनके सामने अपना दुख और क्रोध जैसी भावनाओं को प्रकट ना करें। अन्यथा आपके पित्र देव दुखी हो जाएंगे। पितृपक्ष के दिनों के अलावा अन्य दिनों में उनका आवाहन अथवा उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए। 


पितृ देव का पूजा कब करना चाहिए 

पितृपक्ष के दिनों के अलावा अन्य दिनों में जो आत्माएं घर में प्रवेश करती हैं। वे प्रेत आत्माएं होती हैं इससे घर में भयंकर दुख का वातावरण निर्माण होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों की अथवा पूर्वजों की तस्वीरों को भूल से भी पूजा घर में नहीं रखना चाहिए। इससे भगवान का अपमान होते है । इस से आपके सभी पितृगण अत्यंत दुखी और क्रोधित हो जाते हैं। 


यदि आपके किसी परिजन की अकाल मृत्यु हुई है तो विपरीत योनि में चले जाते हैं और पृथ्वी लोक पर ही भटकते हैं। जब तक उनकी आत्मा की शांति के लिए नारायण बलि की पूजा नहीं की जाती। तब तक वह प्रेत आत्मा बनकर अपने ही परिवार के लोगों को परेशान करते हैं। ऐसे में आपको उनकी तस्वीरें घर में नहीं लगानी चाहिए और पितृपक्ष में उनका श्राद्ध भी नहीं करना चाहिए। 


पितृ की तस्वीर कोण से दिशा में लगाना चाहिए 

पितरों की तस्वीरें सदैव भी उत्तर दिशा की दीवार पर लगानी चाहिए ताकि उनका मुख दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए। इसके अलावा अन्य किसी भी दिशा में पितरों की तस्वीरें लगाना अशुभ माना गया है खासकर इशान कौन में पितरों की तस्वीरें भूल से भी नहीं लगानी चाहिए। पितृपक्ष में भी पितरों के लिए किए जाने वाले सभी कार्य दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके करनी चाहिए। 


ध्यान रहे मृतक वक्ति के साथ कभी भी जीवित व्यक्ति की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। साथ ही शयनकक्ष में और रसोई घर में पितरों की तस्वीरें ना लगाएं। आइए अब जानते हैं  मृतक वक्ती के कौन सी चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए। 


मृतक वक्ती के कोण से चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए 

सबसे पहली चीज है मृत व्यक्ति के कपड़े गरुड़ पुराण के अनुसार मृत व्यक्ति के कपड़ों का कभी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्हें भूल कर भी पहनना नहीं चाहिए। ऐसा करने से मृत व्यक्ति की आत्मा  उस व्यक्ति से जुड़ जाती है जो इनका इस्तेमाल करता है। मृत व्यक्ति की यादें उस व्यक्ति को सताने लग जाती हैं जो उनके कपड़ों का इस्तेमाल करता है। 


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जिस कारण व्यक्ति, मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है। उस व्यक्ति को अपने मृत परिजन की ऊर्जा का एहसास भी होने लगता है। इसलिए मृत व्यक्ति के कपड़े कभी भी नहीं माननी चाहिए। व्यक्ति के कपड़े हमेशा दान कर देनी चाहिए जिससे उसकी आत्मा को शांति प्राप्त हो जाती है। 


मृतक वक्तिय के गहना 

पुराण में कहा गया है कि मृत व्यक्ति के गहने भी उसके कपड़ों की तरह ही उसकी ऊर्जा के स्रोत होते हैं। मृतक व्यक्ति का अपने गहनों से लगाव । कपड़ों से भी कई गुना ज्यादा होता है। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति गहने खुद को सुंदर प्रतीत करने के लिए पहनता है। लेकिन जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसके गहने कोई दूसरा व्यक्ति पहन लेता है। तब मृतक व्यक्ति की आत्मा असहज महसूस करने लगती हैं। 


वह आत्मा उस व्यक्ति को परेशान करने लग जाती है। आत्मा मोक्ष की राह पर न जाकर किसी मृत्यु लोक में अपने परिजनों को ही परेशान करने लग जाती है। इसलिए मृत व्यक्ति के गहनों का कभी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके गहनों को गला कर अन्य आभूषण करवा लेनी चाहिए। अन्यथा उन्हें मंदिर में दान कर देना चाहिए। 


मृत व्यक्ति की घड़ी 

कपड़ों और गहनों की तरह घड़ी भी एक मृत व्यक्ति की प्रमुख ऊर्जा स्रोत होती है। गरुड़ पुराण में घड़ी के बारे में नहीं कहा गया है, लेकिन अनेकों ज्योतिष शास्त्र यह बताते हैं कि मृत वक्ति के घड़ी भी उस से जुड़ा का कार्य करती है क्योंकि घड़ी उस व्यक्ति से जीवन भर जुड़ी रहती है और उसके समय का निर्धारण करती है। इसलिए उस व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात समय का भी अंत हो जाता है। जिस कारण उस व्यक्ति की घड़ी का कभी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसी मृत व्यक्ति की घड़ी को हमेशा दान ही करना उत्तम माना जाता है।


( Note ) हालाकी किसी इंसान के मरने के बाद अंतिम संस्कार करने की जिमेदारी उसके परिवार की होती है । लेकिन समय इतना बदल चुका है । की लोगो के पास इतना भी टाइम नही है । की वो अपने परिवार या रिश्तेदार में किसी सदस्य के अंतिम संस्कार के लिए भी समय नहीं है । 


दोस्तो हमारा उद्देश यह है कि लोगो को सही जानकारी देना । ताकी लोगो के समस्या को दूर कर सके । अगर आप हमे कोई अच्छा सुझाव देना चाहते हैं । या फिर आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई सवाल है । तो आप हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । हम आपके हर सवालों का जवाब देते हैं । 


तो दोस्तो आज के लिए इतना ही हमारे ब्लॉग के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,




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