दोस्तो हाल ही में राज्य सरकार द्धारा एक बडा फेसला लिया गया है । कि इस राज्य के लोग अब एक से ज्यादा शादी नही कर सकते हैं । क्योंकी सरकार बहु विवाह पर प्रतिबंध लगाने को लेकर एक नया कानून लाने जा रहें हैं ।
क्या शादीशुदा आदमी कोर्ट मैरिज कर सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने बहु विवाह और निकाह हलाला जो कि मुस्लिम में बहु विवाह होते उसे ही हलाल कहा जाता है । जिस से प्रथा की साबंधिक वैधता पर विचार के लिए बीते साल से 5 सदस्यों के पीट का गठन भी किया गया ।
आपको बता दू भारत में बहु विवाह 1961 की जनगणना की मुताबिक 100000 विवाह के नमुने लिए गए और उसमे सर्वे किया गया । पता चला मुसलमानो में बहु विवाह का प्रतिशत महज 5.7 फीसदी था । जो की दूसरे धर्मो के समुदाय में सबसे कम था । हालाकि उसके बाद हुए जनगणना में आंकड़े नहीं जुठाए गए ।
आईपीसी की धारा 494 क्या है ?
आईपीसी की धारा 494 के तहत मुस्लिम समुदाय के लोग दूसरा निकाह कर सकते हैं । और इसी तरह शरियत कानून में बहु विवाह के अनुमति है । पहली पत्नी की सहमति से 4 शादियां कर सकते हैं । मुस्लिम लोग
लेकिन इस कानून के तहत सिर्फ पुरुषो को शादी करने का इजाजत है । महिलाए बहु विवाह नही कर सकती है । मुस्लिम महिलाओं को मुस्लिम पर्सनल लॉ ( शरियत ) अधिनियम 1937 के तहत दूसरी शादी की अनुमति नहीं है ।
शादीशुदा महिला भी लव मैरिज कर सकती है
जब की पुरुष 2 से 4 शादी कर सकते हैं । लेकिन महिला को दूसरी शादी करनी है । तो उसे अपने पहले पति से तलाक लेना होगा । तभी वो दूसरी शादी कर सकती है । तो बहु विवाह के दौरान दिक्कत तब आती है । जब तकनीकी तौर पर देखा जाएं
तो पुरुषो को दूसरी विवाह करने से पहले पहली पत्नी से इजाजत लेनी पड़ती है । तलाक देने की कोई जरुरत नहीं है । लेकिन पहली पत्नि के परमिशन के पुरुष दूसरी शादी कर सकते हैं । लेकिन इसमें कई महिलाओं की शिकायत यह है कि उनसे पूछा नही गया ।
और उनके पतियों ने दूसरी शादी कर ली । इसके कारण वो महिलाए काफी अपमानित महसूस करती है । और दोबारा शादी करने वाले मर्दों की पहली पत्नियों पर बच्चो के पालन पोषण का बोझ भी बढ़ जाता है । पति उनका ध्यान नही रखते हैं । क्योंकि वो दूसरे परिवार में बयस्त हो जाते हैं । और इनके वजह से जिंदगी में उन्हें कई कष्ट झेलने पड़ते हैं ।
क्या शादीशुदा आदमी कोर्ट मैरिज कर सकता है अलग अलग राज्य की जानकारी ?
पूर्व उतर भारत में ये आंकड़े काफी ज्यादा रहे हैं । जेसे की उड़ीसा , तमिलनाडु , तेलेंगाना , आंध्र प्रदेश , छतीशगढ़ के अलावा भी कई जगहों पर हिंदुओ के मुकाबले मुसलमानों में बहु विवाह ज्यादा प्रचलित हैं ।
हालाकि हमारा हिन्दू विवाह अधिनियम में ऐसा बहु विवाह का कोई प्रधान नही है । तो इस मामले में पूरे समझ रहे होगें की ये तो महिलाओं के साथ गलत हो रहे हैं । क्योंकि ये भेद भाव वाली बात हो जाती है । की महिला दूसरी शादी नही कर सकती है । और पुरुष 4 शादी कर सकते हैं ।
बहु विवाह पर रोक ?
असम के मुख्या मंत्री हेमंत बिश्रमा ने हाल ही में आपको पता होगा । बाल विवाह पर भी रोक लगाने के लिए काफी ज्यादा अभियान चलाया गया था । करवाई की गई थी । और कई लोगो को अरेस्ट भी करी गई थी । तो अब असम के मुख्या मंत्री हेमंत विशस्रमा जी का ये कहना है कि राज्य में एक विसिश समिति गठित की जायेगी ।
जिससे बहू विवाह पर रोक लगाने के लिए उस समिति से चर्चा की जायेगी । फिर विधान सभा में इस प्रकार का नया कानून लाया जाएगा । और उस कानून को पारित किया जाएगा । और असम राज्य में बहु विवाह पर रोक लगेगी ।
आनी की एक महिला एक ही पति से शादी कर पाएगी । और एक पति भी ए ही पत्नी से शादी कर पाएगी । अगर दोनो को दूसरी शादी करनी है । तो दोनो को तलाक लेना पड़ेगा । तो देखा जाय तो ये कानून वाक्य के सही है । इस से महिलाओं को भी सामान्य अधिकार मिलेंगे । और मर्दों को मर्द होने का गलत फायदा भी नही उठाया जाएगा ।
( Note ) दोस्तो अगर आपके साथ गलत हो रहा है । तो अपनी आवाज उठाए । और सही सरकार को चुने । पैसे की चक्कर में गलत आदमी को अपना वोट ना डाले । वरना आपको इसका सजा आपको जरूर मिलता रहेगा ।
आपके मन में कोई सवाल है । तो कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताएं । आज के लिए इतना ही हमारे ब्लॉग के साथ अंत तक बने रहने के लिए आप सभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,,,,,,,,
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